What type of challenges do women living in rural areas face: ग्रामीण क्षेत्र (Rural Area) में रहने वाली महिलाओं के जीवन में कई चुनौतियां हैं। वे अपने जीवन में हर क्षण समाजिक, आर्थिक और व्यक्तिगत स्तर पर कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करती हैं। इस आर्टिकल के द्वारा हम उन चुनौतियों पर प्रकाश डालेंगे। एक बात तो हम सभी को जरूर माननी पड़ेगी कि काफी चुनौतियों के बावजूद भी ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाली महिलाएं अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित हैं। वे अभी भी अपने अधिकार के लिए लड़ रही हैं, उनके साथ हो रहे अन्याय के लिए खड़ी हैं। किंतु कई कई जगहों में तो ऐसे हाल हैं कि वहां की महिलाओं को अपने अधिकारों की जानकारी ही नहीं हैं।
ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाली महिलाओं के सामने कौन कौन सी चुनौतियां हैं?
शिक्षा की कमी
ग्रामीण क्षेत्र में रह रही लड़कियों या महिलाओं को शिक्षा नहीं मिल पाती। गांव में अच्छे स्कूल ना होना या फिर स्कूल गांव से काफी दूर होना इस वजह से लड़कियां शिक्षा से वंचित हो जाती हैं। वे स्कूल नहीं जा पाती इसलिए घर के कामों में शामिल हो जाती हैं।
स्वास्थ्य सेवाओं की कमी
ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी होती हैं। महिलाएं स्वास्थ्य सेवाओं की कमी के कारण अन्य प्रकार की बीमारियों से जूझती हैं और अपना इलाज नहीं करा पाती। कभी कभी तो समय पर इलाज ना मिलने के कारण उनकी मृत्यु तक हो जाती है।
अशिक्षा और बेटी हत्या
हम 21वी सदी में आ गाए हैं, परंतु अभी भी कई ऐसे ग्रामीण इलाके हैं जहां बेटियों की हत्या कर दी जाती है और उन्हें शिक्षा से वंचित रखा जाता है। बेटियों और महिलाओं को शिक्षित करने के लिए सामाजिक जागरूकता और कानून के सख्त होने की बेहद जरूरत है।
रोजगार की कमी
ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार की कमी होती है। महिलाएं अक्सर पहले अपने और फिर दूसरों के घरों में काम कर के अपने परिवार की आर्थिक मदद कर पाती है।
काम करने का उचित मूल्य ना मिलना
ग्रामीण क्षेत्रों में अक्सर महिलाएं खेतों के कामों में सहायता प्रदान करती हैं। लेकिन उन्हें इसके लिए उचित मूल्य नहीं मिलता है और उनका मजदूर के रूप में सम्मान भी नहीं करा जाता।
ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को शिक्षित बनाने, सामाजिक असामनता को दूर करने, और उनके अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए समाज में विचार होना चहिए। इसके लिए सरकारी योजनाओं को लागू और फॉलो करने के साथ साथ समाज में जागरूकता होना और समाजिक परिवर्तन की भी जरूरत है।