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जानें कब Astrologer के पास कुंडली दिखाने जाना चाहिए?

ज्योतिष शास्त्र में जन्म कुंडली का अत्यधिक महत्व है, क्योंकि यह व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलुओं को जानने और समझने का एक प्रभावी साधन है। जन्म कुंडली में व्यक्ति के जन्म के समय ग्रहों की स्थिति को ध्यान में रखकर बनाई गई होती है।

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(image credit: freepik)

When to Consult An Astrologers: ज्योतिष शास्त्र में जन्म कुंडली का अत्यधिक महत्व है, क्योंकि यह व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलुओं को जानने और समझने का एक प्रभावी साधन है। जन्म कुंडली में व्यक्ति के जन्म के समय ग्रहों की स्थिति को ध्यान में रखकर बनाई गई होती है, जो उस व्यक्ति के जीवन की दिशा और उसके भाग्य को प्रभावित करती है। किसी भी व्यक्ति के जीवन में आने वाली चुनौतियों, उपलब्धियों, स्वास्थ्य, आर्थिक स्थिति, और व्यक्तिगत संबंधों से जुड़ी जानकारी कुंडली के माध्यम से मिलती है। यही कारण है कि सही समय पर कुंडली दिखाने से व्यक्ति को न केवल भविष्य में होने वाली संभावनाओं का पता चलता है, बल्कि ज्योतिषीय उपायों द्वारा उन समस्याओं का समाधान भी मिल सकता है।

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लेकिन प्रश्न यह है कि ज्योतिषी को कुंडली कब दिखानी चाहिए? कौन से ऐसे महत्वपूर्ण क्षण होते हैं जब कुंडली का परामर्श लेना आवश्यक हो जाता है? 

जानें कौनसा सही समय होता है कुंडली दिखाने का

1. बच्चे के जन्म के समय

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जन्म के तुरंत बाद बच्चे की कुंडली का विश्लेषण करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह न केवल उसके भविष्य के स्वास्थ्य और जीवन से जुड़ी जानकारी प्रदान करता है, बल्कि उसकी संपूर्ण ऊर्जा के प्रवाह को भी समझने का एक माध्यम बनता है। बच्चे का नाम भी जन्म कुंडली के अनुसार ही रखना चाहिए ताकि वो नाम उसकी ग्रह स्थितियों और ब्रह्मांडीय ऊर्जा से मेल खाए, जिससे भविष्य में उसे सकारात्मक ऊर्जा और सफलता मिले। साथ ही नवजात शिशु की संवेदनशीलता के कारण,पाप  ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों से उसे कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। अतः कुंडली का अध्ययन यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि बच्चे पर किसी भी अशुभ ग्रह का दुष्प्रभाव तो नहीं है, और यदि है, तो उसके समाधान के लिए उचित ज्योतिषीय उपाय किए जा सकें।

2. जीवन के महत्त्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले 

जब भी कोई व्यक्ति अपने जीवन में किसी बड़े निर्णय, जैसे विवाह, व्यवसाय शुरू करना, नौकरी बदलना, संतान प्राप्ति आदि का विचार करता है, तब जन्म कुंडली दिखाना अत्यंत लाभकारी होता है। कुंडली से इन निर्णयों के लिए शुभ समय और दिशाओं का पता लगाया जा सकता है। इससे व्यक्ति को यह समझने में सहायता मिलती है कि किस समय उनके जीवन में ग्रहों की अनुकूल स्थिति है।

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3. स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए

स्वास्थ्य जीवन का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है, और यदि किसी व्यक्ति को दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, तो ज्योतिषी से कुंडली दिखाने की सलाह ली जा सकती है। कुंडली में ग्रहों की स्थिति और योगों के आधार पर स्वास्थ्य के बारे में जानकारी प्राप्त होती है। ज्योतिषी स्वास्थ्य समस्याओं के निदान के लिए उपाय भी सुझाते हैं, जिससे व्यक्ति अपनी स्वास्थ्य स्थिति में सुधार कर सके।

4. धन और आर्थिक समस्याओं के समाधान के लिए

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कई बार व्यक्ति आर्थिक समस्याओं से घिर जाता है और उसे समझ नहीं आता कि किस दिशा में प्रयास करना चाहिए। ऐसे में कुंडली दिखाना बहुत फायदेमंद हो सकता है। कुंडली के माध्यम से व्यक्ति के धन योग, आर्थिक वृद्धि और निवेश से जुड़े विषयों पर सलाह ली जा सकती है।

5. रिश्तों में तालमेल की समस्या होने पर

व्यक्तिगत जीवन में रिश्तों से जुड़ी समस्याएँ जैसे कि वैवाहिक जीवन में तनाव, पारिवारिक झगड़े, या मित्रों से विवाद होते हैं, तब कुंडली के माध्यम से इन समस्याओं का समाधान प्राप्त किया जा सकता है। ग्रहों की दशा और अंतरदशा से यह ज्ञात होता है कि कौन से ग्रह व्यक्ति के रिश्तों में बाधा डाल रहे हैं, और ज्योतिषी इसके समाधान के लिए उपाय सुझाते हैं।

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