Why Do You need Live-In Relationship? : लिव-इन रिलेशनशिप एक ऐसा रिलेशनशिप है जिसमें 2 लोग बगैर शादी किए एक ही घर में, एक ही छत के नीचे रहते हैं। ये लोग शादी किए बिना शादी जैसा रिशता शेयर करते हैं।
क्यों है लिव-इन रिलेशनशिप की आपको ज़रूरत?
आम तौर पर, लिव-इन वेस्टर्न कल्चर में ज़्यादा पॉपुलर है लेकिन आजकल हमारे देश की मेट्रोपोलिटन सिटीज़ में भी यह चलन आम हो रहा है। यंगस्टर्स आजकल किसी अनजान से शादी के बंधन में नहीं बंधना चाहते बल्कि शादी से पहले एक दूसरे को पूरी तरह से जानना समझना चाहते हैं, इसलिए वे लिव-इन में रहना प्रेफर करते हैं। लिव-इन में रहने के और भी कई फायदे होते हैं, जिनके बारे में आज हम बात करेंगे।
1. कितने हैं हम कम्पेटिबल
हमारे रिश्ते में कितनी कम्पेटिबिलिटी है, यह समझने के लिए लोग लिव-इन का फैसला ले सकते हैं। हमारी आदतें या नेचर हमारे पार्टनर के साथ कितना मिलती हैं, यह जानने के लिए हम उनके साथ एक घर में मूव हो सकते हैं जहाँ आप उनके साथ हर चीज़ शेयर करने वाले हैं। इससे आपमें शेयरिंग की आदत भी आएगी और केयरिंग की भी। अगर आपको अपने पार्टनर की रोज़मर्रा की आदतों से कोई प्रॉब्लम नहीं है तो आप उनके साथ अपना रिश्ता आगे बढ़ाने के बारे में सोच सकते हैं।
2. करते हैं बॉन्ड स्ट्रांग
जब हम अपने पार्टनर के साथ एक ही छत के नीचे रहने लगते हैं तो हम एक दूसरे के साथ ज़्यादा समय बिता पाते हैं। सुबह की गुड मॉर्निंग से शाम की गुड नाईट तक शेयर करते हैं। आपका सारा समय आपके पार्टनर के साथ स्पेंड होता है इससे आप दोनों की कम्युनिकेशन अच्छीं होगी और रिलेशनशिप भी। इससे आप बॉन्ड स्ट्रांग होगा।
3. एक्सपेंसेज होते हैं शेयर
लिव-इन रिलेशनशिप में आपको फिनांशियल इंडिपेंडन्स होती है। आप दोनों अपने खर्च पर डिसाइड कर सकते हैं कि कौन कितना-कितना खर्च करेगा। अपने खाने से लेकर, बिल्स तक अपना खर्च प्लान कर सकते हैं। इसके चलते आपके डिनर डेट्स के खर्च भी बचेंगे। अगर आप फ्यूचर में शादी का सोच रहे हों तो एक साथ सेविंग्स भी कर सकते हैं।
4. ज़िंदगी आसान लगती है
जब आप दो लोग एक दूसरे के साथ शेयरिंग एंड केयरिंग करेंगे तो आप दोनों की ज़िम्मेदारियाँ डिवाइड हो जाएँगी और आपको अपनी ज़िंदगी आसान लगेगी। आप मिल-जुल कर घर की सफाई, ग्रोसरी शॉपिंग, कुकिंग और ऐसे ही कई घर और बाहर के कामों में एक दूसरे की हेल्प कर पाएंगे।
5. कैसा लगता है शादी के बाद
शादी करने की चाह तो हर युवा में होती है लेकिन आजकल के युवा शादी को अवॉयड करने लगे हैं। उन्हें लगता है कि शादी के बाद की ज़िम्मेदारियाँ उठाने के लिए वे त्यार नहीं हैं। इसके लिए अगर वे लिव-इन में रहना शुरू करें तो हो सकता है कि उनका यह डर दूर हो सके और वे शादी को लेकर पॉज़िटिव सोच बना सकें।
6. कोई रोक-टोक वाला नहीं
शादी के बाद कपल की दोनों परिवारों की फैमिलीज़ और रिश्तेदारों के प्रति काफी ज़िम्मेदारियाँ बढ़ जाती हैं। कुछ लोग इन रेस्पॉन्सिबिलिटीज़ के लिए अभी त्यार नहीं होते लेकिन एक दूसरे के साथ ज़िंदगी बिताना भी मिस नहीं कर सकते तो वे लिव-इन रिलेशनशिप प्रेफर कर लेते हैं।