Why Is Gender Equality Important In Modern Society? : लैंगिक समानता या जेंडर इक्वलिटी एक ऐसा आईडिया है जिसमें मेल्स और फिमेल्स के साथ इक्वल बिहेवियर किये जाने की सोच शामिल है। इसमें दोनों जेंडर्स के लिए इक्वल राइट्स, रेस्पॉन्सिबिलिटीज़ और ओपोर्चुनिटीज़ शामिल हैं।
क्यों है मॉडर्न सोसाइटी में जेंडर इक्वलिटी ज़रूरी
लैंगिक समानता न केवल एक बेसिक ह्यूमन राइट है, बल्कि एक पीसफुल, प्रोस्पेरोस और सस्टेनेबल दुनिया के लिए ज़रूरी है। जेंडर इक्वलिटी इसलिए भी ज़रूरी है क्योंकि महिलाओं के साथ वर्कप्लेस और घरों में सदियों से डिस्क्रिमिनेशन होता आ रहा है। लैंगिक समानता महिलाओं और लड़कियों के साथ होने वाली वायलेंस और एब्यूज को रोकने में मदद कर सकती है। इससे समाज में हैल्दी और सिक्योर्ड फीलिंग आएगी। आइए जानते हैं कि क्या महत्त्व है हमारे समाज में जेंडर इक्वलिटी का।
1. वायलेंस रोकने में मदद
जेंडर इक्वलिटी महिलाओं के खिलाफ हो रही वायलेंस को रोकने में मदद करेगी। शुरू से ही हमारी सोसाइटी में डिसिशन मेकिंग पावर मर्दों के हाथों में रही है और औरतों की प्राइवेट लाइफ में भी मर्दों का इंटरफेरेंस रहा है। अगर औरत इनमें से एक भी बात को इंकार करे तो उसे तरह-तरह से मेंटली और फिजिकली एब्यूज किया जाता रहा है। इसमें औरत के अपने परिवार और ससुराल दोनों का हाथ रहा है। आज समय है औरत को अपने डिसिशन पावर अपने हाथ में लेकर बिना किसी एब्यूज के ज़िंदगी बिताने का।
2. इकनोमिक डेवलपमेंट
जेंडर इक्वलिटी में औरत हो या मर्द, दोनों को अपने लिए रोज़ी-रोटी कमाने का अधिकार मिलता है। आज की सोसाइटी में औरत भी घर सँभालने से लेकर घर चलाने तक मर्द के साथ कंधे से कन्धा मिला कर चलती है। इससे सिर्फ घर ही नहीं बल्कि हमारी इकनोमिक डेवेलोपमेंट को भी बढ़ावा मिलता है। औरत और मर्द दोनों काम करते हैं तो देश की इकॉनमी डेवेलोप करने के लिए एफ्फोर्ट्स भी एक साथ करते हैं। इस तरह से इकॉनमी डेवलपमेंट को बढ़ावा मिलता है।
3. ओवरआल वेल्बीइंग
हमारे समाज में शुरू से औरत के खान-पान और हैल्दी रहन-सहन को बढ़ावा नहीं दिया गया और उसकी सेहत को सदा इग्नोर किया गया है। औरतों की बिमारियों के लिए अच्छी और प्रॉपर इनफार्मेशन अवेलेबल ही नहीं होती क्योंकि उनको रिसर्च ही नहीं किया जाता। जेंडर इक्वलिटी से औरतों के लिए अच्छे डॉक्टर्स अवेलेबल होंगे और उन्हें अच्छा इलाज भी मिल पाएगा। इस तरह से औरतों के भी स्वस्थ और पौष्टिक आहार खाने पर भी ध्यान दिया जाएगा।
4. रिष्ट-पुष्ट बच्चे
जब महिलाओं को अपने बच्चे पैदा करने के डिसिशन में समानता मिलेगी तो वे अपने होने वाले बच्चों की बेहतर देखभाल कर पाएंगी। पुरुषों के समान इनकम ओपोर्चुनिटीज़ के साथ औरतें अपने बच्चों को एजुकेशन, हेल्थ केयर और हैल्दी फ़ूड प्रोवाइड कर सकती हैं। जबकि महिलाओं को समान मौके न मिल पाने पर वे अपने बच्चों का तो दूर खुद के लिए भी नहीं लड़ पातीं।
5. ह्यूमन ट्रैफिकिंग कम
यह सच है कि मेल्स भी ह्यूमन ट्रैफिकिंग के शिकार होते हैं लेकिन औरतों और लड़कियों के साथ यह आम है। लड़कियों को कमज़ोर समझा जाता है इसलिए तस्कर उन्हें इजी टारगेट कर पाते हैं। अच्छी एजुकेशन और जॉब ओपोर्चुनिटीज़ के साथ औरतों में अवेयरनेस आती है और वे तस्करी जैसी सिचुएशंस में नहीं फंसती। जेंडर इक्वलिटी किसी देश को स्ट्रांग बनाने में मदद करती है। पावर्टी और अनस्टेबिलिटी जो ह्यूमन ट्रैफिकिंग को बढ़ावा दे सकते हैं, जेंडर इक्वलिटी इन्हें कम करने में भी मदद करती है।