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Women Health: क्या PCOS सिर्फ़ फर्टिलिटी से सम्बन्धित है?

मॉडर्न सोसाइटी में PCOS बहुत ही कॉमन है। आजकल के खान-पान और रहन-सहन के चलते यह प्रॉब्लम छोटी उम्र की लड़कियों में भी आम देखने को मिलती है। PCOS सिर्फ़ फर्टिलिटी को ही इम्पैक्ट नहीं करती बल्कि लड़कियों की ओवरआल हेल्थ को भी इम्पैक्ट करती है।

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Mandie Panesar
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Is PCOS all about fertility? (Image Credit: Pinterest)

Is PCOS all about fertility? : मॉडर्न सोसाइटी में PCOS बहुत ही कॉमन है। आजकल के खान-पान और रहन-सहन के चलते यह प्रॉब्लम छोटी उम्र की लड़कियों में भी आम देखने को मिलती है। PCOS सिर्फ़ फर्टिलिटी को ही इम्पैक्ट नहीं करती बल्कि लड़कियों की ओवरआल हेल्थ को भी इम्पैक्ट करती है। 

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क्या PCOS सिर्फ़ फर्टिलिटी से सम्बन्धित है?

PCOS में ओवरी के बाहरी किनारे पर फ्लूइड की कई छोटी थैलियां डेवेलोप हो जाती हैं, जिन्हें सिस्ट कहा जाता है। ये फ्लूइड से भरे छोटे सिस्ट में इममच्योर एग्स होते हैं, इन्हें फॉलिकल्स कहा जाता है। ये फॉलिकल्स सिस्ट की वजह से रेगुलरली एग्स रिलीज़ नहीं कर पाते जिसकी वजह से फर्टिलिटी इम्पैक्ट होती है। लेकिन PCOS में सिर्फ़ फर्टिलिटी की प्रोब्लेम्स नहीं होती बल्कि दूसरी हेल्थ प्रोब्लेम्स भी औरत की फिजिकल और मेन्टल हेल्थ को इम्पैक्ट करती हैं। आइए जानते हैं दूसरी प्रॉब्लम के बारे में। 

1. फेशियल हेयर 

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पोल्य्सिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम से पीड़ित औरतों में फेशियल हेयर आम से ज़्यादा होने लगते हैं, इसे हिर्सुटिज़्म भी कहा जाता है। इसका मेन कारण लड़कियों की पुबर्टी की ऐज में ही होने वाला हार्मोनल इम्बैलेंस है। 

2. वेट गेन होना 

PCOS की वजह से आपका बिना किसी एफर्ट के वेट गेन होने लगता है और देखते ही देखते ओबेसिटी में तब्दील हो जाता है। इसका मेन कारण इन्सुलिन रेजिस्टेंस होता है। PCOS की वजह से आपको बॉडी इन्सुलिन यूज़ नहीं कर पाती। 

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3. हाई एण्ड्रोजन लेवल्स 

एण्ड्रोजन होर्मोनेस टेस्टोस्टेरोन की तरह ही मेल होर्मोनेस होते हैं। पीसीओएस में, इंसुलिन और ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन के हाई लेवल्स की वजह से ओवरीज़ में एण्ड्रोजन की प्रोडक्शन इन्क्रीज़ हो सकती है। 

4. मेन्टल इश्यूज 

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पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) में हार्मोनल इम्बैलेंस के कारण औरतों में डिप्रेशन, टेंशन, एंग्जायटी, बाइपोलर डिसऑर्डर होने की संभावना बढ़ जाती है। इस तरह के ट्रेट्स डेवेलोप होने के कारण हमारी पर्सनल लाइफ के साथ-साथ सोशल लाइफ भी इम्पैक्ट होती है। 

5. शुगर, बीपी बढ़ने का खतरा अधिक 

पीसीओएस में इन्सुलिन रेजिस्टेंस कम होने के कारण आपकी बॉडी में शुगर लेवल्स हाई होने का खतरा रहता है, जिससे डायबिटीज टाइप 2 का खतरा भी बढ़ जाता है। आपके मूड स्विंग्स, डिप्रेशन की प्रॉब्लम बढ़ने से हाई ब्लड प्रेशर जैसी प्रोब्लेम्स भी आ सकती हैं। ऐसी प्रोब्लेम्स से बचने के लिए आपको हैल्दी डाइट और एक्सरसाइस की हेल्प लेनी चाहिए। 

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6. हेयर और स्किन प्रोब्लेम्स 

औरतों में टेस्टेस्टरोन की मात्रा बहुत कम प्रोडूस होती है लेकिन PCOS में यह काफी मात्रा में प्रोडूस होने लगता है। इससे आपको एक्सेसिव हेयर फॉल हो सकता है और स्किन पर एक्ने, पिम्पल्स, डार्क पैचेस जैसी प्रोब्लेम्स आम हो सकती हैं। 

Disclaimer: इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।

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