Why learning to say no is important: कई लोगो के लिए ना कहना थोड़ा कठिन होता है, इसलिए वे अक्सर दूसरों को हां कहते हैं और बाद में पछताते हैं। यदि आप जानबूझकर इस तरह के व्यवहार को चुन रहे हैं तो यह आपको लंबे समय के लिए थका हुआ, दुखी और तनावग्रस्त भी महसूस करा सकता है। हर बात के लिए हां कहना आपके लिए निराशा का कारण बन सकता है। पाउलो कोएल्हो के अनुसार,“जब आप किसी को 'हां' कहते हैं तो इस बात का ध्यान दिया जाना चाहिए कि कहीं आप खुद को 'ना' तो नही कह रहे हैं।”
ना कहना इतना कठिन क्यों है?
बहुत से लोगो को ना कहने में कठिनाई होती है क्योंकि वे केवल दूसरों को खुश करने का प्रयत्न करते हैं और दूसरों को नाराज करने से डरते हैं। उन्हें लगने लगता है कि अगर वे लोगो को किसी चीज के लिए ना कहेंगे तो उन्हें सब छोड़ के चले जाएंगे, वे अकेले पड़ जाएंगे।
छोटी उम्र में ना कहना आसान होता है, क्योंकि तब हमें किसी भी चीज से कोई फर्क नहीं पड़ता। पर जैसे जैसे हम बड़े होने लगते हैं, परिपक्व होते हैं तो हमें समाज के द्वारा भी यही सिखाया जाता है कि “नही” शब्द गलत है, यह शब्द अच्छे लोगो या बच्चो द्वारा नही उपयोग किया जाता। इसलिए हम सभी के लिए ना कहना इतना मुश्किल होने लगता है।
“नहीं” कहना क्यों है महत्वपूर्ण?
जीवन में उचित जगह पे ना कहने के कई सारे फायदे हैं। यह खुश रहने के लिए उतना ही महत्वपूर्ण है जितना की हमारा मानसिक स्वास्थ्य। एक संतुलित, अनंदायक और संतुषिपूर्ण जीवन जीने के लिए ना कहने में आत्मविश्वास महसूस करना महत्वपूर्ण हैं। हमेशा याद रहे की अपनी भावनाओं और जरूरतों को पहले रखना स्वार्थ नहीं है क्योंकि आप अपना ख्याल रखने लायक भी हैं और आपका अधिकार भी है। आपको दूसरे लोगो की मांगों का शिकार होने की कोई जरूरत नहीं है।
अगर आप किसी कार्य को नहीं करना चाहते तो आप उसे नही करें ऐसा करने से आप कोई गलत कार्य नहीं कर रहे हैं। ना कहना सीखना एक महत्वपूर्ण जीवन कौशल है जो आपको आपके लक्ष्य और सपनों के आधार पर बेहतर विकल्प चुनने के लिए समझ देगा। यह आपको अपने सीमित समय, रिसोर्सेज और एनर्जी का बुद्धिमानी से उपयोग करने, उन चीजों के लिए समय निकलने की अनुमति देगा जो वास्तव में मायने रखती हैं।
ना कहने के तरीके
ना कहने के सबके अलग अलग तरीके होते हैं, लेकिन ऐसा तरीका खोजना बेहद जरूरी है जो तमीज और सलीके से कहा जाए। कुछ तरीके नीचे सुझाए गए हैं जिनका उपयोग आप कर सकते हो।
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मुझे आपकी मदद करके अच्छा लगेगा, लेकिन में पहले से ही बिजी हूं।
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मुझे माफ कीजिएगा पर में इस वक्त इस कार्य को अपने शेड्यूल में इन्वॉल्व नही कर पाऊंगा/ पाऊंगी।
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आपने मुझसे पूछा, मैं काफी शुक्रगुजार हूं लेकिन में ऐसा नहीं कर सकता/ सकती।
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कोई खेद नहीं। मुझे अभी अपने परिवार को प्राथमिकता देने की जरूरत है। मुझे लगता है आप समझेंगे।