Women: जब से एक औरत का जन्म होता है तब से ही औरत को बहुत ही दबाव में रखा जाता है उसे शुरू से ही कभी परिवार के लिए तो कभी अपने लिए कुर्बान करना ही सिखाया जाता है। इसके साथ ही महिलाओं को उनकी चॉइस के लिए भी गिल्टी महसूस करवाया जाता है। यह किसी भी मुद्दे पर हो सकता है चाहे औरत अपनी पसंद के कपड़े पहनना चाहती हो या फिर वह मां नहीं बनना चाहती हो या फिर वह अकेले जिंदगी बताना चाहती हो।
इसके अलावा महिला अकेले ट्रैवल करना चाहती है तब भी समाज उसे गिल्टी महसूस करवाता है। कोई भी चॉइस जिसमें महिला अपनी जिंदगी में करना चाहती है समाज या परिवार उसे गिल्ट या नाकारात्मक महसूस करवाया जाता है लेकिन आज हम आपको ऐसे कुछ टॉपिक बताएंगे जिन पर महिलाओं को बिल्कुल भी गिल्टी महसूस करने की जरूरत नहीं है।
महिलाओं को इन चीजों पर गिल्टी महसूस नहीं करना चाहिए
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शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को पहल
सदियों से महिलाओं को कभी भी अपने ऊपर ध्यान ही नहीं देने दिया जाता है। महिलाएं कभी भी अपनी सेहत के ऊपर ध्यान नहीं दे पाती। डाइनिंग टेबल पर भी घर के सभी परिवार जनों के बाद ही महिलाएं अक्सर खाना खाती दिखाई देती है। कोई भी परिवार का मेंबर उन्हें खाने के बीच भी उठा लेता है क्योंकि उन्हें कुछ चाहिए होता है। इसके बाद घर की छोटी से बड़ी चीज का बोझ महिलाओं के ऊपर होता है। इसके साथ में उनकी मानसिक स्वास्थ्य को कभी कोई पहल नहीं देता। उनसे कभी कोई बात ही नहीं करता कि उन्हें भी कोई मानसिक बीमारी हो सकती है जैसे डिप्रेशन तनाव या फिर एंजायटी। अब समय आ गया है कि महिलाएं अपनी शारीरिक और मानसिक हेल्थ को पहल दे। -
सेल्फ केयर के लिए समय निकालना
महिलाओं के ऊपर जिम्मेदारियां ज्यादा होती है जैसे घर की जिम्मेदारियां तो होती है इसके साथ अगर वह जॉब करती है तो उसका भी स्ट्रेस होने सहन करना पड़ता है। इसके साथ अगर वह वर्किंग मदर है तो जिम्मेदारियां दोगुनी ज्यादा बढ़ जाती है क्योंकि फिर उन्हें बच्चों की भी देखभाल करनी पड़ती है। जिस कारण अपने ऊपर ध्यान देने का समय नहीं निकाल पाती लेकिन महिलाओं को सबसे पहले अपने आप के ऊपर ध्यान देने की जरूरत है। इस चीज में कोई भी सेल्फिश होने की बात नहीं है यह बात है अपने आप को पहल देने की। -
नहीं कहना
आपने सुना होगा कि जब किसी औरत का रिश्ता होता है तब यह बात रखी जाती है की लड़की गाएं होनी चाहिए। इसका मतलब है की लड़की किसी भी बात को ना मत कहे उनकी कोई भी बात मान ले। शुरू से ही लड़कियों को हमेशा हर बात पर सहमत होना सिखाया जाता है लेकिन यह गलत है। अगर किसी महिला को कोई बात असहज या परेशान करती है तो उन्हें उस बात को ना कह देना चाहिए।इसमें कुछ भी गलत नहीं है। -
सपनों को पहल
कभी परिवार के आगे या फिर शादी के कारण महिलाएं अपने सपनों या फिर करियर को भी दाव पर लगा देती है लेकिन यह बिल्कुल भी सही नहीं है। महिलाएं भी एक इंडिविजुअल है जिसकी अपनी कुछ ख्वाहिशें है और उन्हें इसे पूरा जरूर करना चाहिए और इसमें कुछ भी गिल्ट जैसा या सेल्फिश होने जैसा नहीं है।
महिलाओं को एक बात यह समझ नहीं होगी कि अगर वह अपने सपनों या अपने आप को पहला दे रही है तो इसमें कुछ भी गलत या सेल्फिश होना नहीं है। इसमें वह अपने परिवार या अपने बच्चों को कोई भी धोखा नहीं दे रही है क्योंकि उन्हें अपनी लाइफ को अपने तरीके से जीने का हक है।