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कहीं आप गलत साइज़ की ब्रा तो नहीं पहन रहीं?

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Swati Bundela
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कितनी ही दफा महिलाएँ अपने लिये ग़लत साइज़ की ब्रा चुन लेती हैं और उन्हें पता भी नहीं चल पाता। लेकिन गलत साइज़ की ब्रा से फिटिंग के साथ ही हेल्थ प्रॉब्लम्स भी होने लगते हैं। कई बार ब्रा की क़ीमत को देखकर अधिकतर महिलाएं सस्ती ब्रा के साथ समझौता कर लेती हैं, जिनकी क्वॉलिटी और फ़िटिंग दोनों उनके लिए सही नहीं होती।
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लेकिन हमें अपने अंडरगार्मेंट्स के साथ किसी भी तरह का समझौता नहीं करना चाहिए, क्योंकि उनका इस्तेमाल हम बाक़ी कपड़ों के मुक़ाबले सबसे ज़्यादा करते हैं। तो आइए जानते हैं की अपने ब्रा की सही साइज़ और फिटिंग कैसे पता करें।
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ब्रा का सही साइज़ कैसे चुनें? 



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जहां ब्रा की बैंड होती है कमर के ऊपर उस हिस्से पर इंच टेप लपेटकर उसकी  साइज़ नापें। बहुत ज़्यादा कसकर माप न लें। यदि आपका माप पॉइंट्स में आता है, तो कम के बजाय ज़्यादा नंबर की ब्रा लें। जैसे 33.5 आने पर 34 साइज़ की ब्रा लें ना कि 33। कप साइज़ का भी ख़्याल रखें। 



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ब्रा ट्राइ करते समय ख़्याल रखें कि स्ट्रैप्स सही ढंग से आपके कंधों पर बैठें। वे बहुत ज़्यादा कसे या कंधों पर से गिरते हुए न हों। इसके अलावा अपने ब्रेस्ट के साइज़ के अनुसार स्ट्रैप्स की चौड़ाई चुनें। स्ट्रैप्स का काम है, आपके कप्स को सपोर्ट करना। 



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बैंड कंधे और कुहनी के बीच में होना चाहिए। बहुत ऊपर या बहुत नीचे नहीं। यह एक ट्रिक है, जिससे आप समझ सकती हैं कि आप सही ब्रा ख़रीद रही हैं या नहीं। कप्स में आपका ब्रेस्ट पूरी तरह समाना चाहिए। पुश अप्स ब्रा में भी ब्रेस्ट का पूरा निचला हिस्सा ब्रा के कप्स में अच्छी तरह फ़िट बैठना चाहिए। 



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हर टाइप की ब्रा आपके लिए सही हों, ज़रूरी नहीं। बड़े ब्रेस्ट वाली महिलाओं के लिए टी शर्ट ब्रा या पुश-अप्स ब्रा उतनी कारगर नहीं होतीं, जितनी की मीडियम साइज़ कप वाली महिलाओं के लिए। उसी तरह छोटे ब्रेस्ट वाली महिलाएं बहुत ज़्यादा पैडिंग कर चेस्ट को बड़ा दिखाने की गलती न करें। इससे आपके ब्रेस्ट को सांस लेने का मौक़ा नहीं मिलता। 

ज़्यादा टाइट या ढीली ब्रा न पहनें।

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अक्सर कुछ महिलाएँ ब्रेस्ट को छोटा दिखाने के चक्कर में कसी हुई ब्रा पहन लेती हैं, लेकिन इससे आपके ब्रेस्ट पर ब्लड फ़्लो बिगड़ सकता है और रैशेस आ जाते हैं। सही आकार और साइज़ का ब्रा पहनने से आपके ब्रेस्ट सुडौल दिखाई देंगे, इसलिए कभी भी ब्रा साइज़ के साथ समझौता न करें।

समय-समय पर अपनी ब्रा जरुर बदलें



वज़न बढ़ने, घटने, हार्मोनल चेंजेस, प्रेग्नेंसी ऐसी कई वजहैं हैं, जिनकी वजह से आपके ब्रेस्ट साइज़ में अंतर आता है।  इसलिए हर बार ब्रा का साइज़ चेक कर ही ख़रीदें।



ब्रा की फ़िटिंग का पूरा ख़्याल रखें, बहुत ज़्यादा कसी या बहुत ज़्यादा ढीली ब्रा न पहनें। कई बार महिलाएं रैशेस से बचने के चक्कर में ढीली ब्रा पहनती हैं, जो उनके ब्रेस्ट् के आकार को बिगाड़ने में बड़ी भूमिका निभाती हैं। और रैशेस से बचने का तरीक़ा ढीली ब्रा नहीं, बल्कि अच्छी क्वालिटी वाली ब्रा हैं। 



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सेहत ब्रा साइज़
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