Advertisment

2024 की 6 भारतीय फ़िल्में जिन्होंने समाज की पारंपरिक सोच को चुनौती दी

साल 2024 की ये 6 भारतीय फ़िल्में महिलाओं की सशक्तिकरण, रिश्तों की जटिलताओं और समाज की पारंपरिक धारणाओं पर सवाल उठाती हैं। इन दमदार कहानियों ने दर्शकों को प्रेरित किया।

author-image
Vaishali Garg
New Update
png 5

Six Indian Films That Challenged Societal Norms in 2024: साल 2024 में भारतीय सिनेमा ने समाज के स्थापित नियमों और धारणाओं पर सवाल उठाने वाले कई दमदार कथानक प्रस्तुत किए। इन फ़िल्मों ने न केवल रिश्तों और महिलाओं की भूमिकाओं पर नए दृष्टिकोण पेश किए, बल्कि महिलाओं की अपनी पहचान और सशक्तिकरण की ओर बढ़ते सफर को भी उजागर किया। आइए जानते हैं उन फ़िल्मों के बारे में, जिन्होंने समाज को सोचने पर मजबूर किया।

Advertisment

2024 की 6 भारतीय फ़िल्में जिन्होंने समाज की पारंपरिक सोच को चुनौती दी

1. ऑल वी इमेजिन ऐज़ लाइट: महिलाओं की भूमिकाओं पर सवाल

पायल कापाड़िया की फ़िल्म ऑल वी इमेजिन ऐज़ लाइट मुंबई में रहने वाली मलयाली नर्सेज़ प्रभा और अनु के जीवन को दर्शाती है। यह फ़िल्म दर्शाती है कि महिलाएं एक-दूसरे के जीवन में कैसी भूमिका निभाती हैं। प्रभा जहां एक साधारण जीवन जीती है और अपने जर्मनी गए पति को याद करती है, वहीं अनु एक जीवंत और मस्तमौला महिला है। यह फ़िल्म महिलाओं की उन इच्छाओं को सामने लाती है, जो समाज और झिझक के चलते अक्सर दब जाती हैं।

Advertisment

2. श्रीकांत: विकलांगता से परे जीने की कहानी

यह फ़िल्म उद्यमी श्रीकांत बोल्ला के जीवन पर आधारित है। उनकी कहानी समाज के उन मानकों को चुनौती देती है, जो शारीरिक चुनौतियों से ग्रसित लोगों के लिए सीमाएं खींचते हैं। यह फ़िल्म संघर्ष के पलों में उनकी ताकत और दृढ़ संकल्प को दर्शाती है।

3. लापता लेडीज़: गांव की महिलाओं के सपनों की कहानी

Advertisment

किरण राव की फ़िल्म लापता लेडीज़ हमें ग्रामीण भारत की महिलाओं के जीवन में झांकने का मौका देती है। यह फ़िल्म महिलाओं की इच्छाओं और उनके दमन की कहानी को बड़ी संवेदनशीलता के साथ प्रस्तुत करती है। भारत की आधिकारिक ऑस्कर एंट्री इस फ़िल्म ने बताया कि कैसे सपने महिलाओं को अपनी पहचान बनाने के लिए प्रेरित करते हैं।

4. दो पत्ती: घरेलू हिंसा के खिलाफ संघर्ष की आवाज़

कनिका ढिल्लों की दो पत्ती एक ऐसी महिला सौम्या की कहानी है, जो घरेलू हिंसा के खिलाफ खड़ी होती है। यह फ़िल्म समाज की उस सोच को चुनौती देती है, जो महिलाओं से चुप रहकर सहने की अपेक्षा करती है। सौम्या की कहानी उन महिलाओं के लिए प्रेरणा है, जो अपने हक के लिए खड़े होने से डरती हैं।

Advertisment

5. अमर सिंह चमकीला: समाज और विवादों के बीच का संघर्ष

इम्तियाज़ अली की फ़िल्म चमकीला दिवंगत गायक अमर सिंह चमकीला के जीवन को दर्शाती है। उनकी कहानी समाज के पितृसत्तात्मक सोच और उनकी विवादास्पद धुनों के इर्द-गिर्द घूमती है। यह फ़िल्म बताती है कि हर किसी को खुश करना संभव नहीं, बल्कि अपने काम पर फोकस करना ही सफलता की कुंजी है।

6. दो और दो प्यार: रिश्तों की जटिलताएं

Advertisment

दो और दो प्यार एक ऐसी कहानी है, जो रिश्तों के उलझनों और प्रेम के महत्व को उजागर करती है। यह फ़िल्म बताती है कि प्यार और शादी केवल तभी टिक सकती हैं, जब दोनों साथी बराबरी का योगदान दें।

2024 की ये फ़िल्में न केवल मनोरंजन करती हैं, बल्कि समाज की जड़ता को भी चुनौती देती हैं। इनके माध्यम से दर्शकों को न सिर्फ नए विचार मिलते हैं, बल्कि अपने जीवन को बेहतर बनाने की प्रेरणा भी मिलती है।

Laapataa Ladies
Advertisment