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Photograph: (Tahira Kashyap/Instagram)
Tahira Kashyap Started Her Battle With Breast Cancer For The Second Time: फिल्म निर्माता और लेखिका ताहिरा कश्यप ने एक बार फिर ब्रैस्ट कैंसर का सामना करना शुरू किया है। इंस्टाग्राम पर साझा किए गए एक पोस्ट के ज़रिए उन्होंने अपनी बीमारी की जानकारी दी और यह भी बताया कि वह इसे जीवन की दूसरी लड़ाई मानते हुए पूरी हिम्मत और सकारात्मक सोच के साथ इसका सामना कर रही हैं। सात साल पहले उन्होंने पहली बार इस बीमारी को हराया था।
Tahira Kashyap ने दूसरी बार ब्रेस्ट कैंसर से शुरू की जंग, कहा “मैं इससे उबर चुकी हूं”
42 वर्षीय ताहिरा कश्यप, जो अभिनेता आयुष्मान खुराना की पत्नी हैं, ने सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट साझा करते हुए अपने ब्रेस्ट कैंसर के दोबारा लौटने की जानकारी दी। उन्होंने इसे “दूसरा दौर” कहा और साथ ही यह भी जोड़ा कि वह इससे “उबर चुकी हैं।” ताहिरा का यह नजरिया बताता है कि वह इस कठिन समय को भी पूरे आत्मबल के साथ पार करने के लिए तैयार हैं।
अपने संदेश में उन्होंने कहा कि यह लड़ाई उन्हें डराती नहीं है, बल्कि वह इसे जीवन का एक नया चरण मानती हैं। उन्होंने लिखा, “जब जीवन तुम्हें नींबू दे, तो नींबू पानी बनाओ।” इस संदेश के माध्यम से ताहिरा ने न सिर्फ अपनी मजबूती दिखाई, बल्कि अन्य लोगों को भी कठिनाइयों में आशावादी बने रहने की प्रेरणा दी।
वर्ल्ड हेल्थ डे पर मैसेज
ताहिरा की इस पोस्ट की खास बात यह रही कि उन्होंने इसे विश्व स्वास्थ्य दिवस के दिन साझा किया। उन्होंने इस मौके का उपयोग ब्रेस्ट कैंसर की समय पर जांच और नियमित मैमोग्राम की अहमियत बताने के लिए किया। उन्होंने लिखा, “हम जितना कर सकते हैं, उतना खुद की देखभाल करें।” उन्होंने अपनी पोस्ट में हैशटैग्स के जरिए कैंसर, स्क्रीनिंग और हेल्थ अवेयरनेस को प्रमोट किया।
पहली लड़ाई में भी बनी थीं मिसाल
2018 में जब उन्हें पहली बार ब्रेस्ट कैंसर हुआ था, तब भी ताहिरा ने साहसिक कदम उठाए थे। उन्होंने कीमोथेरेपी के दौरान विग पहनने से इनकार किया और गंजेपन को खुले दिल से अपनाया। उन्होंने अपने सर्जरी के निशान साझा करते हुए बॉडी पॉजिटिविटी और आत्म-स्वीकृति का संदेश दिया।
हाल ही में एक इंटरव्यू में उन्होंने खुलासा किया कि जब उन्होंने कैंसर के दौरान अपनी गंजे तस्वीर सोशल मीडिया पर डाली, तो उनके माता-पिता नाराज़ हो गए थे और उन्हें तस्वीर हटाने के लिए कहा। लेकिन ताहिरा ने उन्हें समझाया कि यह तस्वीरें उस समय की कहानी हैं, जिसे वह दबाना नहीं चाहतीं, बल्कि “जश्न” के रूप में याद रखना चाहती हैं।
संघर्ष में भी उम्मीद की मिसाल
ताहिरा कश्यप आज सिर्फ एक लेखिका और निर्देशक नहीं, बल्कि कैंसर सर्वाइवर्स के लिए एक प्रेरणा बन चुकी हैं। उनका यह दूसरा संघर्ष न केवल उनकी मानसिक मजबूती का प्रमाण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि बीमारी के बीच भी जीवन को सकारात्मकता और आत्मसम्मान के साथ जिया जा सकता है।