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Overworking आपके लिए वरदान है या अभिशाप

भारतीय समाज में ओवरवर्किंग को बहुत ज्यादा ग्लोरिफाई किया जाता है। आज के इस आर्टिकल में हम बात करेंगे कि क्या ओवरवर्किंग ही मेहनत है या फिर हम इस वजह से हम अपनी वेल्बीइंग नुकसान पहुंचा रहे हैं-

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Rajveer Kaur
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toxic workplace

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Is Overworking A Sign Of Dedication Or Dedication? भारतीय समाज में ओवरवर्किंग को बहुत ज्यादा ग्लोरिफाई किया जाता है। ऐसा समझा जाता है कि जो व्यक्ति निर्धारित से ज्यादा काम करता है वो बहुत ज्यादा मेहनती है या फिर फिर अपने काम के लिए डेडीकेटेड है। ऐसे लोगों में ही कुछ करने का जज्बा है। वहीं पर जो व्यक्ति नियमित समय में रहकर काम करता है, उसे बोला जाता है कि कि यह सिर्फ खानापूर्ति के लिए काम कर रहा है। इस scenario में बात हमारे माइंडसेट की आ जाती है कि हम किस चीज को किस नजरिए से देखते हैं। आज के इस आर्टिकल में हम बात करेंगे कि क्या ओवरवर्किंग ही मेहनत है या फिर हम इस वजह से हम अपनी वेल्बीइंग नुकसान पहुंचा रहे हैं-

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Overworking आपके लिए वरदान है या अभिशाप

आजकल के समय में अपने एक कॉन्सेप्ट बहुत ज्यादा सुना होगा जिसकी चर्चा हर तरफ है। इसे हम वर्क लाइफ बैलेंस बोलते हैं। बहुत सारे लोग इसके ऊपर बात कर रहे हैं और इसे अपनी जिंदगी में अपनाने के ऊपर जोर दे रहे हैं। उनका मानना यह है कि हमारी जिंदगी में बाउंड्रीज होना बहुत जरूरी है। हमारे लिए जितना जरूरी काम है उतनी ही हमारी पर्सनल लाइफ भी हमारे लिए बहुत मैटर करती है। काम हमारी जिंदगी का पार्ट है लेकिन पूरी जिंदगी नहीं है। अगर आप अपनी लाइफ हेल्दी तरीके से जीना चाहते हैं तो वर्क लाइफ बैलेंस करना बहुत जरूरी है।

ओवरवर्किंग को ग्लोरिफाई करना बंद करें

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हसल कलचर के चलते हमने ओवर वर्किंग को बहुत ज्यादा ग्लोरिफाई कर दिया है। हमें लगता है कि जो व्यक्ति सारा दिन ऑफिस में बैठा रहता है या फिर काम पर लगा रहता है वह बहुत ज्यादा डेडिकेटेड है। उसे काम की बहुत ज्यादा चिंता है। वह बहुत ज्यादा पैशनेट है लेकिन ऐसा नहीं है। आज के समय पर हमें इस बात को पर जोर देने की बहुत जरूरत है कि यह मैटर नहीं करता है कि आप दिन में कितने घंटे काम कर रहे हैं बल्कि यह जरूरी है कि आप कितना क्वालिटी वर्क कर रहे हैं। अगर आप वही काम 4 घंटे में कर सकते हैं तो आपको पूरा दिन उसे काम को देने की जरूरत नहीं है। आपकी जिंदगी के अन्य पहलू भी हैं।

काम का मतलब यह नहीं है कि आप अपनी लाइफ को एंजॉय नहीं कर सकते हैं। आप अपनी लाइफ की प्राथमिकताओं को समझें। बहुत सारे लोग ओवरवर्किंग के चलते अपनी वेल्बीइंग को इतना ज्यादा नुकसान पहुंचा देते हैं कि आखिर में वह कई बार सुसाइड भी कर लेते हैं। ऐसी घटनाएं हम बहुत बार सुनते हैं। अगर कोई आपको ओवरवर्किंग के लिए कह रहा है तो इसका मतलब यह है कि उसे आपकी कोई भी चिंता नहीं है। यह एक टॉक्सिक वर्कप्लेस की निशानी है जिसे आपको समझाना बहुत जरूरी है। हमें काम और पर्सनल लाइफ के बीच बाउंड्री सेट करनी होगी। इससे आप अपने परिवार को भी समय दे पाएंगे और अपने काम को भी इंजॉय कर पाएंगे। इससे आप बर्नआउट नहीं होंगे। आप प्रोक्रेस्टिनेट नहीं करेंगे बल्कि खुद को प्यार करने लगेंगे। आप अपनी वर्थ सिर्फ काम से डिसाइड नहीं करेंगे।

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