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Stop Saying This To Your Child: पेरेंट्स को अपने बच्चों से यह 5 बातें कभी नहीं कहना चाहिए  

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Swati Bundela
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बच्चों को संभालना कोई मजाक की बात नहीं है लेकिन फिर भी सबसे मुश्किल होता है उनसे किस प्रकार बात करनी चाहिए। बच्चें जो देखते, सुनते हैं वहीं सीख जाते हैं। बच्चों की जिंदगियों में हर चीज की नीव सबसे पहले माता पिता रखते हैं। माता पिता जाने अनजाने में कहीं बार अपना गुस्सा बच्चों पर निकलते समय, कुछ ऐसा कह देते हैं जो उनके मन को ठेस पहुंचा सकता है।

बच्चों के लिए यह समझना मुश्किल हो जाता है कि उनके माता पिता उनसे प्यार करते भी हैं कि नहीं जिसकी वजह से वह निराश होने लगते हैं और रिश्तों में दूरियां आने लगती है। यहां आपको बताई जा रही हैं ऐसी बातें जो आपको गुस्से में भी अपनी बच्चों को नहीं कहनी चाहिए। 

5 बातें जो बच्चों से नहीं कहनी चाहिए: Stop Saying This To Your Child

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1. काश, तुम पैदा है नहीं होती 

भुल कर भी अपने बच्चों को नहीं बोलना चाहिए कि काश तुम पैदा है नहीं होती क्योंकि इससे ना केवल उनके मन को ठेस पहुंचेगी बल्कि उनका आत्मविश्वास भी कम होने लगेगा। इस बात को लेकर बच्चा काफी दुखी हो सकता है और उसे उम्र से पहले ही डिप्रैशन की बीमारी हो सकती है क्योंंकि बच्चे को लगने लगता है कि उसकी माता पिता के जीवन में कोई अहमियत ही नहीं है। 

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2. काश तुम अपनी बहन यां भाई जैसी होती 

हर बच्चा अलग होता है, उसके शौक, टैलेंट सब अलग होता है। माता पिता को भाई बहन कि तुलना नहीं करनी चाहिए क्योंकि इससे ना केवल भाई बहन के रिश्ते में कड़वाहट आती है बल्कि बच्चे के मन में यह बात बैठ जाती है कि वो कुछ भी कर ले अपने भाई बहन जैसा नहीं बन पाएगा जिसकी वजह से उनके मन में नकारात्मक विचार आने लगते हैं। 

3. गलत शब्द का इस्तेमाल 

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पेरेंट्स अक्सर गुस्से में बच्चों को यां उनके सामने गलत शब्द बोल देते हैं जिसकी वजह से बच्चों को लगने लगता है कि शायद वो सच में जीवन में कुछ नहीं कर सकते। बच्चे माता पिता से बहुत सी चीजें सिखतें हैं इसलिए अगर आप खुद ही ऐसा करेंगे तो बच्चे भी यही सीखेंगें और आप उन्हें प्रशन करने के लायक भी नहीं होंगे। इसलिए कभी भी ऐसी भाषा का प्रयोग ना करें। 

4. लुक्स को लेकर भेदभाव 

पैरेंट्स को अपने बच्चों की तुलना दूसरों से नहीं करनी चाहिए। हर बच्चा अलग और अनौखा होता है। जब माता पिता बच्चे की लुक्स को लेकर उन्हें कुछ कहते हैं तो बच्चों के मन में अपनी बॉडी को लेकर चिंता होने लगती है जिसकी वजह से उन्हें आत्मविश्वास कम होने लगता है। बच्चा चाहे लंबा, पतला, सांवला, गोरा जैसा भी हो उसकी शारीरिक सुंदरता की वजह से भेदभाव नहीं करना चाहिए। 

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5. तुम हमेशा गलत निर्णय लेती हो

अपने बच्चे को गलती करने पर दंडित या डांटा न करें। सभी को गलतियाँ करने की अनुमति है और यह वास्तव में सीखने की प्रक्रिया का एक हिस्सा है। हो सकता है कि उन्होंने एक ऐसा क्षेत्र अपनाया हो जिसमें आपकी रुचि नहीं है या शायद किसी ऐसी कंपनी के साथ काम कर रहे हैं जिस पर आपको बहुत गर्व नहीं है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप उनके निर्णयों का मजाक उड़ाएंगे और उन्हें कोसोगे।

माता-पिता होने के नाते आपका काम बच्चों का मार्गदर्शन करना है, न कि उन्हें आपकी राय मानने के लिए मजबूर करना। अगर आप अपने बच्चों को मजबूर करते हैं तो वो शायद कभी जीवन में खुद कोई कदम न उठा पाएं। उन्हें हमेशा उनके निर्णय को लेकर संकोच रहेगा जो उनके आत्मसम्मान और आत्मविश्वास के लिए हानिकारक है।

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