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Photograph: (Freepik AI)
Chaitra Navratri 2025: नवरात्रि के दौरान अष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है। इस दिन कन्याओं को देवी का रूप मानकर उनकी पूजा की जाती है, उन्हें स्वादिष्ट भोजन कराया जाता है और उपहार भेंट किए जाते हैं। यह परंपरा न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि समाज में बेटियों के सम्मान को भी दर्शाती है। ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि कन्या पूजन में क्या देना उचित और शुभ होता है।
कन्या पूजन में क्या दें? जानिए सही उपहार और प्रसाद के विकल्प
Kanya Pujan में क्या प्रसाद दें?
कन्या पूजन में पारंपरिक रूप से पूरी, काले चने और हलवे का भोग लगाया जाता है। यह प्रसाद न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी शुभ माना जाता है। इसके अलावा, कुछ परिवारों में नारियल, मिश्री, गुड़ या पंचमेवा भी प्रसाद के रूप में दिया जाता है। यह तय करना कि क्या प्रसाद दिया जाए, पूरी तरह से परिवार की परंपराओं और श्रद्धा पर निर्भर करता है।
उपहार में क्या दें जिससे कन्याएँ प्रसन्न हों?
कन्या पूजन में केवल भोजन कराना ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि छोटी बालिकाओं को प्रेमपूर्वक कुछ उपहार देना भी शुभ माना जाता है। छोटे बच्चों को रंग-बिरंगे खिलौने, स्टेशनरी का सामान, टिफिन बॉक्स, वॉटर बॉटल, पेंसिल बॉक्स आदि देकर खुश किया जा सकता है। वहीं, थोड़ी बड़ी लड़कियों के लिए चूड़ियाँ, बिंदी, हेयर क्लिप, रूमाल या नेल पॉलिश जैसे सजावटी सामान अच्छे उपहार हो सकते हैं। यदि आप चाहें तो कपड़े जैसे सलवार सूट, फ्रॉक या साड़ी भी उपहार के रूप में दे सकते हैं, जिससे वे खास महसूस करें।
उपयोगी उपहार जो कन्याओं के काम आएं
कई लोग पारंपरिक उपहारों की जगह कुछ उपयोगी चीजें देना पसंद करते हैं। ऐसे में नैतिक कहानियों की किताबें, ड्राई फ्रूट्स, जूस या स्कूल किट जैसे उपहार देना एक अच्छा विकल्प हो सकता है। इससे न केवल कन्याओं को खुशी मिलती है, बल्कि उनके लिए ये चीजें भविष्य में भी काम आती हैं।
दक्षिणा और आशीर्वाद भी है जरूरी
कन्या पूजन के दौरान उपहार और प्रसाद के अलावा दक्षिणा देना भी शुभ माना जाता है। आमतौर पर, पूजा के बाद कन्याओं को कुछ पैसे दक्षिणा के रूप में दिए जाते हैं, जिससे वे प्रसन्न महसूस करती हैं। दक्षिणा के साथ एक छोटा सा गिफ्ट, टिफिन बॉक्स या पेन भी दिया जा सकता है, जिससे उपहार और अधिक यादगार बन जाए।
कन्या पूजन केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि बेटियों के सम्मान और उनकी महत्ता को दर्शाने का एक तरीका है। यह पर्व समाज में लड़कियों के प्रति सम्मान और प्रेम को बढ़ाने का एक माध्यम है। जब हम कन्या पूजन करते हैं, तो हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह केवल एक रस्म न रह जाए, बल्कि एक ऐसी परंपरा बने जो हर बालिका को आदर और खुशी प्रदान करे। इस बार जब आप कन्या पूजन करें, तो केवल उपहारों पर ही ध्यान न दें, बल्कि उन्हें सच्चे मन से सम्मान और प्रेम भी दें। यही सच्चा पूजन होगा।