5 Latest Women Centric Movies In Hindi : एक जमाना था जब ज्यादातर फिल्में पुरुषों के ऊपर बना करती थीं। पुरुषों को हीरो बनते हुए दिखाया जाता था। परंतु धीरे-धीरे जैसे समाज में नारी सशक्तिकरण बढ़ा है, इसका असर फिल्मों पर भी दिखने लगा है। आजकल वूमेन सेंट्रिक फिल्मों का नया उदय देखने को मिला है। कई ऐसी फिल्में बन रही हैं जो कि स्ट्रांग फीमेल कैरक्टर्स को दिखाती है। उनके स्ट्रगल्स, अचीवमेंट और सशक्तिकरण को दर्शाती है। इन फिल्मों से समाज को प्रेरणा भी मिलती है। आईए जानते हैं पांच ऐसी लेटेस्ट वूमेन सेंट्रिक फिल्में
5 लेटेस्ट हिन्दी वूमेन सेंट्रिक फिल्में
1. तेजस
कंगना रनौत की फिल्म 'तेजस' सर्वेश मेवारा द्वारा निर्देशित है। यह फिल्म तेजस गिल की रियल लाइफ़ स्टोरी पर बेस्ड है। जो कि एक इंडियन एयर फोर्स की पायलट है और उन्होंने अपने करियर में कई प्रकार के संघर्ष और चैलेंज देखें। यह फिल्म दर्शाती है कि उन्होंने कैसे हर चीज का बहादुरी से सामना किया। साथ ही साथ यह पिक्चर हमारे आर्म्ड फोर्सेज को एक श्रद्धांजलि भी देती है।
2. अपूर्वा
तारा सुतारिया ने अपने बेहतरीन ऐक्टिंग से 'अपूर्वा' में सबको हैरान कर दिया। साथ ही साथ अपने टैलेंट का इंडस्ट्री में डंका बजा दिया। इसमें दिखाया गया है कि कैसे एक एक्स्ट्राऑर्डिनरी लड़की एक एक्स्ट्राऑर्डिनरी सिचुएशन का डटकर सामना करती है।
3. आर्या सीजन 3
अपने 'आर्या' सीरीज का तीसरा सीजन लेकर सुष्मिता सेन ने वापस साबित कर दिया कि क्यों वह एक पावरहाउस परफॉर्मर हैं। स्क्रीन पर उनका करिश्माई टैलेंट देखने को मिलता है। उनके 'आर्या' का इतना सम्मोहक पोट्रेयल देखने को मिलता है कि ऑडियंस और क्रिटिक्स दोनों की ओर से उनको सराहना मिली है। 'आर्या' एक ऐसी औरत की कहानी है जो कि एक बेहतरीन मां होने के साथ-साथ एक अच्छी पत्नी भी है। पूरी सीरीज उसी के संघर्षों के इर्द-गिर्द घूमती है। इसमें दिखाया गया है कि कैसे वह हर समस्या का डटकर सामना करती है।
4. खुफिया
तब्बू ने अपने प्रतिभा का करिश्मा वापस से 'खुफिया' में दिखाया है। यह विशाल भारद्वाज द्वारा निर्देशित एक स्पाई थ्रिलर फिल्म है। तब्बू इसमें मुख्य भूमिका में है। यह फिल्म भी दर्शकों को बहुत पसंद आ रही है।
5. मिसेज चैटर्जी वर्सेज नॉर्वे
रानी मुखर्जी ने अपनी एक्टिंग द्वारा इस फिल्म में चार चांद लगा दिए हैं। रानी मुखर्जी ने इसमें बहुत ही खूबसूरत रोल निभाया है। वह एक ऐसी औरत को दर्शाती है जो कि बहुत ही स्ट्रांग है। कैसे वह अपने जिंदगी के संघर्षों का डटकर सामना करती है और जीतती है। यह फिल्म समाज को भी बहुत प्रेरणा देती है।