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महिलाओं के लिए Financial Independence के मायने क्या हैं?

जहां पूरे देश में GDP और महंगाई काफी चर्चा में है वहीं कहीं न कहीं आज भी देश की कईं महिलाओं ने बैंक के दर्शन भी नहीं किए हैं। महिलाओं के लिए फाइनेंशियल रूप से आज़ादी क्यों ज़रूरी है? आइए जानते हैं इस ब्लॉग में।

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STP Hindi Team
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Personal Finance (Image Source: Unsplash)

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What Does Financial Independence Mean For Women: जहां पूरे देश में GDP और महंगाई काफी चर्चा में है वहीं कहीं न कहीं आज भी देश की कईं महिलाओं ने बैंक के दर्शन भी नहीं किए हैं। ऐसा भी देखा गया है कि जो पढ़ी-लिखी महिलाएँ हैं वो भी घर के फाइनेंशियल निर्णयों से दूर रहती हैं। महिलाओं के लिए फाइनेंशियल रूप से आज़ादी क्यों ज़रूरी है? क्या नौकरी करना ही फाइनेंशियल आज़ादी है? क्या महिलाएं निवेश भी कर सकती हैं? आइए जानते हैं इस ब्लॉग में।

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महिलाओं के लिए Financial Independence के मायने क्या हैं

1. क्या एक महिला सिर्फ घर की ही लक्ष्मी होती है?

बचपन से ही एक लड़की को समझा दिया जाता है कि घर के अंदर के काम उसके हैं और बाहर के काम उसके भाई के। ऐसे में जब वो बड़ी होती है और उसकी शादी होती है तो उसे काफी पीड़ाओं को सहना पड़ता है, जैसे अपने पति के सामने हाथ फैला कर पैसे मांगना। वहीं अगर दूसरी ओर देखा जाए तो बैंक की जानकारी, बाहर की दुनिया में आगमन और एक नौकरी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाती है।

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2. बैंक में बचत करना है जरूरी

अक्सर ही पाया गया है कि घर की एक महिला थोड़े पैसों में ही काफी बचत कर लेती है। ये हमें नोटबंदी के समय में भी देखने को मिला था जब बैंक की कतार महिलाओं के भरी हुई थी। सोचिए, अगर महिलाएँ बैंक में बचत करें तो अपने धन पर अच्छा खासा इंटरस्ट कमा सकतीं हैं।

3. निवेश कर सकती हैं

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कईं शेयर बाजार निवेशकों का कहना है कि शेयर बाजार में महिलाएं धैर्य से निर्णय लेकर पुरुषों के ज्यादा अच्छे रिटर्न्स पाती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इनमें एक स्टॉक को होल्ड करने का धैर्य होता है। अगर अधिक महिलाएं स्टॉक मार्केट में निवेश करें तो वो काफी सफल हो सकती हैं। इसके अलावा एसआईपी और एफडी में निवेश करना भी उनके लिए फायदे की बात होगी।

4. फाइनेंशियल आज़ादी का अर्थ है बेहतर निर्णय शक्ति

जब एक महिला को अपने और अपने परिवार की फाइनेंशियल स्थिति समझ आती है तो वह भी सही निर्णय लेने में पुरुषों की मदद कर सकती है। अगर वो फैसला सही हुआ तो उसकी राय हर बार ली जाएगी जिससे उसका आत्मविश्वास और बढ़ेगा।

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5. अपने बच्चों को दे सकती हैं फाइनेंशियल आज़ादी

ऐसी मां जो खुद फाइनेंशियल रूप से आजाद है, अपने बच्चों को भी समानता की परवरिश दे पाती हैं। वो अच्छी परवरिश के साथ-साथ उन्हें धन का सही उपयोग करना भी सिखाती है। 

महिलाओं की फाइनेंशियल आजादी देश की GDP में तो सहायक होगी ही, बल्कि पूरे लोकतंत्र की एक सशक्त जरूरत का ढांचा तैयार करने में भी उपयोगी साबित होगी।

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