Karnam Malleswari: सन् 1947 में भारत आजाद हो गया, लेकिन देश की महिलाएं लंबे समय तक समाज की परंपराओं और प्रतिबंधों से जूझती रहीं। समाज में महिलाओं की स्थिति केवल चार दीवारों तक सीमित रहती थी। भारत में कई महिलाएं हैं जिन्होंने खेल के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई है। उनमें से एक हैं कर्णम मल्लेश्वरी, उनका योगदान भारतीय महिलाओं को खेल क्षेत्र में उत्साहित करने वाला रहा है और उन्होंने अपने प्रदर्शनों से समाज में महिलाओं के लिए एक प्रेरणास्रोत बनाया है। उन्होंने खेल की दुनिया में उच्च स्थान प्राप्त किया, इस लेख में हम आपको उनके जीवन और उनके खेल क्षेत्र में योगदान के बारे में बताएंगे।
भारत की पहली ओलंपिक पदक जीतने वाली महिला
कौन है कर्णम मल्लेश्वरी
कर्णम मल्लेश्वरी भारतीय वेटलिफ्टर हैं और वे भारत की पहली महिला हैं जिन्होंने ओलंपिक में मेडल जीता। उन्होंने अपने प्रयासों से देश का नाम रोशन किया है। आंध्रप्रदेश की निवासी कर्णम मल्लेश्वरी ने साल 2000 में सिडनी ओलंपिक में कास्य पदक जीता। वे 'द आयरन लेडी' के रूप में भी मशहूर हैं।
बचपन में थी शारीरिक रूप से कमजोर
कर्णम के पिता फुटबॉल खिलाड़ी थे, जबकि उनकी चार बहनें वेटलिफ्टिंग के प्रति रुचि रखती थीं। उन्हें बचपन में शारीरिक रूप से कमजोर माना जाता था, और उनकी चार बहनें उनसे अधिक ताकतवर थीं। परिवार के लोग उन्हें वेटलिफ्टिंग छोड़ने के लिए कहते थे, लेकिन उनकी मां ने उनका हौसला बढ़ाया और उन्हें विश्वास दिलाया कि वह वेटलिफ्टिंग में करियर बना सकती हैं।
वेटलिफ्टिंग में हुई करियर शुरुवात
कर्णम को हमेशा वेटलिफ्टिंग करना पसंद नहीं था। सन् 1990 में, एक ऐसा समय आया जब उन्हें प्रेरणा मिली। उन्होंने 1990 के एशियाई खेलों के कैंप में भाग लिया, जहां उन्हें विश्व चैंपियन लियोनिड तारानेंको से मिला। उनके स्किल्स को देखकर, उन्हें बैंगलोर स्पोर्ट्स इंस्टिट्यूट में भेजा गया, जहां उन्होंने जूनियर नेशनल वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में 52 किलोग्राम वजन का भारवर्ग लिफ्ट किया और नौ रिकॉर्ड तोड़े।
दो बार वर्ल्ड बनी चैंपियन
जूनियर स्तर के बाद, कर्णम ने सीनियर वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में भी धमाल मचाया। सन् 1993 में, उन्होंने वर्ल्ड चैंपियनशिप में कास्य पदक जीता। उसके बाद, 1994 और 1995 में वे दो बार वर्ल्ड चैंपियन बनीं। फिर, सन् 2000 में सिडनी ओलंपिक्स में पहली बार महिला वेटलिफ्टिंग शामिल हुईं, और वहां पहली ही बार में उन्होंने कास्य पदक जीता।