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Photograph: (indiatvnews)
How did Kavita Devi rock the WWE ring: WWE में भारत का नाम रोशन करने वाली कविता देवी ने इतिहास रच दिया है। वह WWE में जगह बनाने वाली पहली भारतीय महिला रेसलर बनीं, लेकिन खास बात यह रही कि उन्होंने पारंपरिक सलवार-कमीज पहनकर रिंग में कदम रखा। यह सिर्फ एक मुकाबला नहीं था, बल्कि भारतीय संस्कृति और महिला सशक्तिकरण की अनूठी झलक भी थी। उनकी इस ऐतिहासिक उपलब्धि ने न केवल भारतीय खेल जगत में हलचल मचाई, बल्कि दुनिया भर में भी उनकी पहचान बनाई।
WWE में पहली भारतीय महिला रेसलर कविता देवी ने सलवार-कमीज में कैसे मचाया धमाल?
कविता देवी, एक ऐसा नाम जिसने भारतीय महिलाओं के लिए पहलवानी की दुनिया में एक नई पहचान बनाई। हरियाणा के छोटे से गाँव से निकलकर WWE के बड़े मंच तक पहुँचने का उनका सफर न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह भी दिखाता है कि अगर हौसले बुलंद हों तो कोई भी सपना साकार किया जा सकता है। हरियाणा में जन्मी कविता देवी को बचपन से ही खेलों में रुचि थी। वह एक सामान्य परिवार से थीं, जहाँ लड़कियों को पारंपरिक जिम्मेदारियों में बांधा जाता था। लेकिन उन्होंने खुद को इस सोच से बाहर निकाला और वेटलिफ्टिंग में अपनी पहचान बनाई। उन्होंने भारत के लिए कई पदक जीते और धीरे-धीरे कुश्ती की ओर रुख किया।
WWE में एंट्री और सलवार-कमीज में मुकाबला
कविता देवी ने WWE में कदम रखकर इतिहास रच दिया। 2017 में वह WWE में साइन करने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। लेकिन सबसे खास बात यह थी कि उन्होंने अपने पहले ही मुकाबले में सलवार-कमीज पहनकर रेसलिंग की। यह न सिर्फ भारतीय संस्कृति को दर्शाने वाला पल था, बल्कि उन सभी महिलाओं के लिए एक संदेश भी था कि आत्मविश्वास से कुछ भी संभव है। किसी भी लड़की के लिए इस तरह के पेशे में आना आसान नहीं होता, खासकर जब समाज की मानसिकता पारंपरिक ढांचे में बंधी हो। कविता देवी को भी अपने शुरुआती दिनों में लोगों के ताने सुनने पड़े। परिवार में भी संदेह था कि क्या यह करियर सही रहेगा। लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत और समर्पण से सबका नजरिया बदल दिया।
कविता देवी की सफलता उन लड़कियों के लिए प्रेरणा है जो बड़े सपने देखती हैं लेकिन उन्हें साकार करने के लिए समाज की बेड़ियों में जकड़ी होती हैं। उन्होंने दिखाया कि पारंपरिक पहनावे में भी आत्मविश्वास और प्रतिभा के दम पर ऊँचाइयों तक पहुँचा जा सकता है। उनका सफर इस बात का प्रमाण है कि भारतीय महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं हैं। कविता देवी का WWE में सफर भले ही लंबा न रहा हो, लेकिन उनका प्रभाव अमिट है। उन्होंने भारतीय महिलाओं को एक नई राह दिखाई और यह साबित किया कि जज्बा और मेहनत से कुछ भी हासिल किया जा सकता है।