Signs Of Toxic Relationship: अपने पार्टनर की अच्छी और बुरी आदतों को समझना बहुत जरूरी है। जिस तरह एक पार्टनर दूसरे की खुशी में योगदान देता है, उसी तरह उनकी गलतियां बताना भी जरूरी है। कई स्थितियों में जब हम अपने साथी की गलत आदतों को स्वीकार कर लेते हैं तो यह कभी-कभी उनके टॉक्सिक व्यवहार का कारण बन जाती है। इससे रिश्ते में दरार आने की संभावना बढ़ जाती है।
रिलेशनशिप में विश्वास की कमी हो सकती है Toxic Relationship की निशानी
1. विश्वास की कमी
ऐसे कड़वे रिश्ते में विश्वास की कमी होती है क्योंकि दोनों पक्ष या कोई एक आपस में विश्वास करने में नकाम होते है। विश्वास की कमी के कुछ संकेत निम्नलिखित हो सकते हैं:
- झूठ और छल: एक व्यक्ति दूसरे को धोखा देता है या झूठ बोलता है, जिससे विश्वास खोता है।
- सीक्रेट रखना: एक साथी अपने अहम बातों या निजी जीवन के बारे में दूसरे को साझा नहीं करता है, जिससे विश्वास कम हो सकता है।
- वादा तोड़ना: वादों को तोड़ना या वादों का पालन नहीं करना, जो विश्वास को कम करता है।
- संकोच और डर: एक व्यक्ति दूसरे को सच्चाई बताने से संकोच करता है, जिससे आपस में दूरी बड़ती है और विश्वास कम होने लगता है।
- साथी की गुप्त गतिविधियाँ: साथी अपनी गुप्त गतिविधियों को छुपाता है, जिससे विश्वास कम होता है।
2. बातों की कमी
एक टॉक्सिक रिलेशनशिप में आपसी बातों की कमी होने की सामान्य स्थिति होती है। इसमें आपसी बातचीत की कमी, साथी के साथ असहमति ज्यादा होती है। इसके अलावा, बातचीत में अविश्वास, चुप्पी या अपनी भावनाएं बताने में मुश्किलों का अनुभव हो सकता है। यह संकेत हो सकते हैं कि संबंध में समस्याएं हैं और इसे सुलझाने की आवश्यकता है। इस मामले में, समय रहते समाधान ढूंढने के लिए सहायक प्रोफेशनल से संपर्क करना महत्वपूर्ण हो सकता है।
3. मार पीट
एक टॉक्सिक रिलेशनशिप में शारीरिक रूप से चोट पहुंचने का अनुभव हो सकता है, जिसमें मारपीट भी शामिल हो सकती है। यह किसी भी कारण हो सकती है जो हानिकारक हो सकता है। मारपीट, एक रिश्ते में संकेत हो सकते हैं कि वह टॉक्सिक है और उससे बाहर निकालना या कोई और हल निकलने को जरूरत हैं। ऐसी स्थितियों में, संबंध को बचाने के बजाय, सुरक्षित होने के लिए समय रहते सहायता प्राप्त करना बेहद महत्वपूर्ण है।
4. हमेशा चिल्लाना
टॉक्सिक रिलेशनशिप मै चिल्लाना एक सामान्य लक्षण हो सकता है। टॉक्सिक साथी अक्सर अपने साथी को नीचा दिखाने के लिए चिल्लाता या चिल्लाती है, या फिर उन्हें हमेशा गलत ठहराना एक आदत सी बना लेते है। वे अपने साथी के ऊपर मानसिक दबाव डालते हैं और उन्हें असुरक्षित महसूस कराते हैं। चिल्लाना रिश्ते के माहौल को खराब और बातचीत को मायूस बनाने में साथ देता है। इससे तनाव की भावना पैदा होती है और साथी के साथ बात करना नामुमकिन सा लगने लगता है।
5. स्वार्थी भावना का बढ़ना
ऐसे रिश्तों में स्वार्थ की अधिकता होती है, जिससे व्यक्ति सेलफिश हो जाता है और उन्हें सिर्फ अपने ही लाभ की चिंता होती है। ऐसे संबंधों में, साथी केवल अपनी इच्छाओं को आगे रखकर दूसरे पार्टनर को नियंत्रित करने की कोशिश करता है। उनके लिए दूसरों की भावनाओं, आवश्यकताओं और संभावनाओं को समझना और समर्थन करना महत्वपूर्ण नहीं होता है। स्वार्थी भावना के अधिक होने के कारण, इस संबंध में सहयोग और संवाद की कमी होती है।