What kind of inequalities are seen in the upbringing of boys and girls? समाज में आज भी लड़का और लड़की की परवरिश में कई प्रकार की असमानताएं देखी जाती हैं। ये असमानताएं पारिवारिक, सामाजिक, शैक्षिक और व्यावसायिक स्तर पर स्पष्ट रूप से दिखाई देती हैं। इस लेख में हम उन असमानताओं पर चर्चा करेंगे जो बच्चों की परवरिश में सामान्यत: पाई जाती हैं और उनका समाज पर क्या प्रभाव पड़ता है।
लड़का-लड़की की परवरिश में किस तरह की असमानताएं आम हैं?
1. शिक्षा और करियर की प्राथमिकता
अक्सर देखा जाता है कि लड़कों को लड़कियों के मुकाबले शिक्षा और करियर में अधिक प्राथमिकता दी जाती है। परिवार में लड़कों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने और उच्च पदस्थ करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। वहीं, लड़कियों को सामान्यत: घरेलू कामकाज और पारिवारिक जिम्मेदारियों में अधिक शामिल किया जाता है। इस असमानता का परिणाम यह होता है कि लड़कियां उच्च शिक्षा और करियर में लड़कों से पीछे रह जाती हैं।
2. स्वतंत्रता और सुरक्षा
लड़कियों की परवरिश में सुरक्षा का मुद्दा हमेशा प्रमुख होता है। लड़कियों को अधिक संरक्षित रखा जाता है और उनकी गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जाती है। इसके विपरीत, लड़कों को अधिक स्वतंत्रता दी जाती है और उन्हें समाज में बिना किसी रोक-टोक के घूमने-फिरने की अनुमति होती है। इस प्रकार की असमानता से लड़कियों के आत्मविश्वास और स्वतंत्रता में कमी आ सकती है।
3. सामाजिक भूमिका और अपेक्षाएं
समाज में लड़कों और लड़कियों की सामाजिक भूमिकाओं में भी भिन्नता देखी जाती है। लड़कों को पारिवारिक मुखिया और जिम्मेदारियों को निभाने वाले के रूप में देखा जाता है, जबकि लड़कियों को गृहिणी और परिवार की देखभाल करने वाली के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। इस प्रकार की अपेक्षाएं लड़कियों को उनके संभावित विकास और योगदान से वंचित कर देती हैं।
4. खेल और मनोरंजन
लड़कियों और लड़कों के खेल और मनोरंजन के विकल्पों में भी असमानताएं होती हैं। लड़कों को खेल-कूद, आउटडोर एक्टिविटीज और एडवेंचर के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, जबकि लड़कियों को अधिकतर इनडोर गेम्स और पारंपरिक खेलों में सीमित रखा जाता है। यह असमानता लड़कियों के शारीरिक और मानसिक विकास में बाधा डाल सकती है।
5. स्वास्थ्य और पोषण
लड़कियों की परवरिश में स्वास्थ्य और पोषण के मामले में भी असमानता पाई जाती है। कई परिवारों में लड़कों को बेहतर पोषण और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाती हैं, जबकि लड़कियों की आवश्यकताओं को अनदेखा किया जाता है। इस प्रकार की असमानता से लड़कियों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और वे विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर सकती हैं।