Beauty Bias: स्किन टोन से लेकर स्ट्रेच मार्क्स तक कब बदलेगा 'खूबसूरती' का पैमाना

Beauty Bias: समाज में आज भी खूबसूरती को एक खास तरीके से देखा जाता है, गोराई, बिना दाग-धब्बे का चेहरा, पतली कमर और मुलायम त्वचा लेकिन क्या यही खूबसूरती है?

author-image
Tamnna Vats
New Update
 Beauty Standards

When will the standards of 'beauty' change from skin tone to stretch marks?: समाज में आज भी खूबसूरती को एक खास तरीके से देखा जाता है, गोराई, बिना दाग-धब्बे का चेहरा, पतली कमर और मुलायम त्वचा लेकिन क्या यही खूबसूरती है? वक्त बदल रहा है और लोगों को भी अपनी सोच औऱ खूबसूरती के प्रति नजरिया बदलने की जरूरत है।

Advertisment

Beauty Bias: स्किन टोन से लेकर स्ट्रेच मार्क्स तक कब बदलेगा 'खूबसूरती' का पैमाना?

असली खूबसूरती की परिभाषा 

खूबसूरती सिर्फ चेहरे या रंग-रूप पर आधारित नहीं है। असली खूबसूरती तो वो है जब महिला में आत्मविश्वास हो, वह दिल से मुस्कुराए, दूसरों के लिए अच्छा सोचें और खुद से खुश रहे। जब हम खुद से प्यार करते हैं और अपनी कमियों को भी अपनाते हैं, तो हमारे अंदर एक अलग सी चमक आ जाती है। यही असली खूबसूरती की परिभाषा है, जो वक्त के साथ और भी गहरी होती जाती है। 

Advertisment

मीडिया और फैशन इंडस्ट्री की भूमिका

टीवी, फिल्में, विज्ञापन और फैशन की दुनिया ने खूबसूरती का एक झूठा मतलब बना दिया है। वे सिर्फ एक जैसे चेहरे और खास शरीर को दिखाते हैं, जिससे आम लड़कियां खुद को कमतर मानने लगती हैं। हालांकि अब कुछ ब्रांड और प्लेटफॉर्म ऐसा नजरिया बदलने की कोशिश कर रहे हैं, जहां हर रंग, हर आकार और हर तरह के शरीर को अपनाया जा रहा है। यह एक अच्छी शुरुआत है और इसे और लोगों तक पहुंचाना जरूरी है।

दाग, स्ट्रेच मार्क्स है शरीर के महत्वपूर्ण हिस्से जो जीवन के अनुभव को दर्शाते हैं

Advertisment

हमारे शरीर पर जो दाग, स्ट्रेच मार्क्स, झुर्रियां या निशान होते हैं, वो सिर्फ दिखने में फर्क नहीं लाते, बल्कि हमारी ज़िंदगी के अनुभवों को दिखाते हैं। कभी ये मां बनने का निशान होते हैं, कभी वजन बढ़ने या कम होने का, तो कभी किसी चोट या परेशानी की याद। इन्हें छुपाना नहीं, अपनाना चाहिए। यही निशान हमें अलग और खास बनाते हैं। सच्ची खूबसूरती तो इसी में है। यदि दाग हमें अपने अतीत को अपनाने और जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं।

खुद को अपनाना ही है असली खूबसूरती 

असली खूबसूरती तब नजर आती है जब इंसान आत्मविश्वासी हो, चेहरे पर मुस्कान हो, दूसरों के लिए दयालु हो और खुद से खुश हो। जब कोई इंसान खुद से प्यार करता है और अपनी कमियों को भी अपनाता है, तो उसकी चमक सबसे अलग दिखती है। यही खूबसूरती सच्ची होती है, जो वक्त के साथ और भी निखरती जाती है।

Advertisment

समाज बदलाव की जरूरत 

खूबसूरती को लेकर सोच बदलनी चाहिए, जैसे शरीर, हर रंग और हर निशान की अपनी एक कहानी होती है, जो उसे खास बनाती है, इस बात को अपनाना चाहिए। खूबसूरती को एक जैसे रूप में नहीं बांधा जा सकता। जब हम खुद को और दूसरों को जैसे हैं वैसे ही अपनाएंगे, तभी सही मायनों में बदलाव आएगा।

महिला beauty समाज stretch marks