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Girls Voice : लड़कियों को गलत चीज़ पे आवाज़ उठाने से क्यों रोका जाता?

लड़कियों को गलत चीज़ों पर आवाज़ उठाने से रोका जाता है क्योंकि समाज में उनसे अक्सर सामाजिक और सांस्कृतिक नियमों का पालन करने की अपेक्षा होती है।

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Image credit : Hindustan

Why Are Girls Prevented From Raising Their Voice On What Is Wrong : लड़कियों को गलत चीज़ों पर आवाज़ उठाने से रोका जाता है क्योंकि समाज में उनसे अक्सर सामाजिक और सांस्कृतिक नियमों का पालन करने की अपेक्षा होती है। इसके अलावा, उनकी सुरक्षा और सुरक्षित रहने के लिए भी यह सलाह दी जाती है कि वे विवादित विषयों पर अपनी राय न दें। समाज में लैंगिक भेदभाव और संयुक्तिवाद के कारण भी लड़कियों की आवाज़ को कम महत्व दिया जा सकता है, जिससे उन्हें अपने विचारों को प्रकट करने में कठिनाई हो सकती है। 

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क्यों लड़कियों को गलत चीज़ पे आवाज़ उठाने से रोका जाता है

1. समाजिक दबाव 

लड़कियों को गलत चीज़ों पर आवाज़ उठाने से रोका जाता है क्योंकि समाज में उन पर बड़ा सामाजिक दबाव होता है। समाज में लड़कियों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे खुद को सावधान रखें और सभी के साथ अच्छे तरीके से व्यवहार करें। गलती की सूचना देने से पहले, वे अक्सर सोचती हैं कि उन्हें समाज में कैसा प्रतिक्रियावादी माना जाएगा। 

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2. सुरक्षा का ख्याल 

लड़कियों को गलत चीज़ों पर आवाज़ उठाने से रोका जाता है क्योंकि उनकी सुरक्षा का ख्याल रखा जाता है। समाज में लड़कियों को बताया जाता है कि वे अपनी सुरक्षा के लिए सावधान रहें और अनावश्यक विवादित मुद्दों पर बात न करें। अक्सर इसलिए सलाह दी जाती है कि उन्हें गलती की सूचना देने से पहले ध्यान में रखना चाहिए कि वह किसी खतरे में न पड़ जाएं। 

3. लैंगिक भेदभाव 

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लड़कियों को गलत चीज़ों पर आवाज़ उठाने से रोका जाता है क्योंकि समाज में लैंगिक भेदभाव हो सकता है। अक्सर लड़कियों को सिखाया जाता है कि वे अपनी बातें या मान्यताओं को समाज में प्रकट न करें, क्योंकि उनकी बात पुरुषों की तुलना में कम मानी जा सकती है। इस तरह से, उन्हें अपने विचारों को सीमित रखने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है और यह भी सिखाया जाता है कि वे अपने सोच और व्यवहार में सावधान रहें।

4. संयुक्तिवाद  

लड़कियों को गलत चीज़ों पर आवाज़ उठाने से रोका जाता है क्योंकि समाज में संयुक्तिवाद का बहुत महत्व होता है। बहुत सारे समाजों में, लड़कियों की बातें पुरुषों की बातों से कम मानी जा सकती है। इसके परिणामस्वरूप, लड़कियों को अपने विचारों को व्यक्त करने में अक्सर हिचकिचाहट महसूस हो सकती है। उन्हें सिखाया जाता है कि वे संयुक्तिवादी रहें और अपने विचारों को समाज में सही ढंग से प्रकट करें, ताकि उन्हें समाज में भी सम्मान और मान्यता मिल सके।

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5. सामाजिक शांति और आदर्श  

लड़कियों को गलत चीज़ों पर आवाज़ उठाने से रोका जाता है क्योंकि समाज में उनसे सामाजिक शांति और आदर्श का पालन करने की अपेक्षा होती है। समाज में लड़कियों से यह सिखाया जाता है कि वे अपनी बातें समझदारी से करें और उन्हें अपने विचारों को दिखाने का सही तरीका चुनना चाहिए। वे अक्सर यह भी सोचती हैं कि उनकी आवाज़ से समाज में कैसा प्रतिक्रियावादी वातावरण बनेगा। इसलिए, उन्हें यह सलाह दी जाती है कि वे अपने विचारों को सही तरीके से प्रकट करें और समाज में सामंजस्य बनाए रखने में मदद करें।

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