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Issues: समाज महिलाओं को घर संभालने तक ही सीमित क्यों रखना चाहता है?

समाज में महिलाओं की भूमिका परंपरागत रूप से घर की चारदीवारी में सीमित रही है। इस सोच का विकास सदियों पुराना है और इसके पीछे कई सामाजिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक कारण हैं।

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Srishti Jha
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वुमन

Image Credit: Shutterstock

Why does society want to limit women to managing the household? समाज में महिलाओं की भूमिका परंपरागत रूप से घर की चारदीवारी में सीमित रही है। इस सोच का विकास सदियों पुराना है और इसके पीछे कई सामाजिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक कारण हैं। इस लेख में हम उन कारणों का विश्लेषण करेंगे जिनकी वजह से समाज अभी भी महिलाओं को घर संभालने तक ही सीमित रखना चाहता है।

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समाज महिलाओं को घर संभालने तक ही सीमित क्यों रखना चाहता है?

1. सांस्कृतिक धारणाएँ और परंपराएँ

भारत जैसे देश में सांस्कृतिक धारणाओं और परंपराओं का बहुत महत्व है। प्राचीन समय से ही महिलाएँ घर की देखभाल, बच्चों की परवरिश और घरेलू कार्यों में प्रमुख भूमिका निभाती आई हैं। यह परंपरा पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है और आज भी कई परिवार इसे अपनी संस्कृति का हिस्सा मानते हैं। इस दृष्टिकोण को बदलने में समय और जागरूकता की आवश्यकता है।

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2. लैंगिक विभाजन

समाज में एक स्पष्ट लैंगिक विभाजन है, जहाँ पुरुषों को कमाने वाला और महिलाओं को घर संभालने वाला माना जाता है। इस विभाजन की जड़ें इतनी गहरी हैं कि महिलाएँ खुद भी इस भूमिका को स्वाभाविक मानने लगी हैं। यह लैंगिक विभाजन न केवल महिलाओं की संभावनाओं को सीमित करता है, बल्कि उनके आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता को भी प्रभावित करता है।

3. शिक्षा और आर्थिक निर्भरता

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हालाँकि शिक्षा के क्षेत्र में महिलाओं ने प्रगति की है, लेकिन कई ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में अब भी लड़कियों की शिक्षा को प्राथमिकता नहीं दी जाती। इसके परिणामस्वरूप महिलाएँ आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर नहीं हो पातीं और घर की जिम्मेदारियों तक ही सीमित रह जाती हैं। आर्थिक निर्भरता पुरुषों को महिलाओं पर नियंत्रण का अधिकार देती है, जिससे उनका बाहर की दुनिया में योगदान सीमित हो जाता है।

4. पारिवारिक दबाव और समाज की अपेक्षाएँ

परिवार और समाज की अपेक्षाएँ भी एक महत्वपूर्ण कारण हैं। महिलाओं से अपेक्षा की जाती है कि वे घर की देखभाल करें, बच्चे पालें और पारिवारिक मूल्यों को बनाए रखें। यदि वे इन अपेक्षाओं को पूरा नहीं करतीं, तो उन्हें आलोचना और निंदा का सामना करना पड़ता है। यह सामाजिक दबाव महिलाओं को अपने सपनों और करियर को छोड़कर घर तक सीमित रहने पर मजबूर करता है।

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5. महिलाओं की सुरक्षा और स्वतंत्रता

समाज में महिलाओं की सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा है। कई परिवार इसलिए अपनी बेटियों को बाहर काम करने की अनुमति नहीं देते क्योंकि उन्हें उनकी सुरक्षा की चिंता होती है। इस चिंता का समाधान करने के बजाय, उन्हें घर तक सीमित कर देना एक आसान विकल्प माना जाता है। लेकिन यह समाधान नहीं, बल्कि समस्या का एक और पहलू है।

समाज में महिलाओं को घर संभालने तक सीमित रखने की सोच को बदलने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है। शिक्षा, जागरूकता और समर्थन से ही हम इस पुरानी धारणाओं को बदल सकते हैं और एक समृद्ध और समान समाज की नींव रख सकते हैं। महिलाओं को समान अवसर देकर ही हम उनके वास्तविक क्षमता का पूर्ण उपयोग कर सकते हैं, जो न केवल उनके लिए बल्कि पूरे समाज के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। 

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