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Society Have To Normalize: 5 बाते जो सोसाइटी को अब अपना लेनी चाहिए

ओपिनियन/ब्लॉग: इतने सालों से हम समाज में काफी बदलाव और विकास देखते आ रहे हैं पर अभी भी महिलाओं को लेकर समाज में बहुत सी चीजें ऐसी हैं जो नहीं बदली पर बदलनी चाहिए।

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Anjali Singh
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Wforwomen

5 Things society have to Normalize (Image credit-Wforwomen)

5 Things society have to Normalize: इतने सालों से हम समाज में काफी बदलाव और विकास देखते आ रहे हैं पर अभी भी महिलाओं को लेकर समाज में बहुत सी चीजें ऐसी हैं जो नहीं बदली पर बदलनी चाहिए। अभी भी लोग अपने रूढ़िवादी विचारों को लेकर महिलाओं पर रोक लगाते हैं और उन्हें जज करते हैं जो काफी हद तक गलत है और इसे बदलना होगा वरना एक औरत कभी भी अपना फैसला खुद नहीं ले पाएगी और उनकी आजादी किसी और के हाथों में ही रह जायेगी।

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5 कौन सी चीज़े जो सोसाइटी को अब नॉर्मल करनी चाहिए 

1. सिंगल मदर

हम जिस सोसाइटी में रहते हैं वहां किसी औरत का अकेले अपने बच्चे की परवरिश करना काफी मुश्किल होता है और ये मुस्किले सोसायटी ही बढाती है और उनकी रूढ़िवादी सोच। उनके हिसाब से एक औरत बिना पति के घर नहीं चला सकती है और एक बच्चे को उसके पिता का साथ न मिलने से उनकी परवरिश और जरूरतें अधूरी रह जाती हैं पर ये बात बहुत गलत है, अब समाज को ऐसी सोच नहीं रखनी चाहिए क्योंकि अब एक माँ अपने बच्चे के लिए वो सब कर सकती है जो एक पिता और आज के जमाने में कोई भी औरत अपने पति पर निर्भर रहे ये जरूरी नहीं, उन्हें अपनी जिंदगी अपने हिसाब से जीने का पूरा हक है।

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2. एडॉप्शन

एडॉप्शन को लेकर समाज हमेंशा से महिलाओं को जज करता आया है। उनके लिए जो औरते एडॉप्शन करती हैं वे एक बुरी औरत होती हैं। उन्हें इस बात से बिल्कुल भी फ़र्क नहीं पड़ता कि एडॉप्शन के पीछे वजह क्या हो सकती है, एक औरत को एडॉप्शन का फैसला लेना या करना आसान नहीं होता पर वे ये किसी न किसी कारण से करते हैं, कभी स्वास्थ्य समस्याएं वजह से तो कभी वित्तीय मुद्दों की वजह से और एडॉप्शन करवाना या ना करवाना ये पूरी तरह से उस औरत का हक होना चाहिए ना कि समाज का, ये उसकी निजी जिंदगी से संबंधित है और समाज को कभी भी निजी जिंदगी के बारे में जज नहीं करना चाहिए और ना ही उन पर अपना दबाव डालना चाहिए। एडॉप्शन एक औरत का व्यक्तिगत निर्णय होता है और उन्हें इस बात का सम्मान करना चाहिए और खुद में ये बदलाव ले आना चाहिए क्योंकि अब ये एक आम बात है।

3. सेम सेक्स मैरिज

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सेम सेक्स मैरिज अब ये बात समाज को स्वीकार करनी चाहिए कि ये कोई बिमारी नहीं बल्कि आम बात है उनके लिए जो एलजीबीटी के समुदाय से संबंधित हैं और अब ये कानूनी भी है पर अभी भी समाज में ऐसे काफी लोग हैं जो इन्हें स्वीकार नहीं करते और इनका अपमान भी करते हैं खाश कर के महिलाओं को जिन्हे खुद उनके घरवाले और रिस्तेदार गलत दृष्टि से देखते हैं जो सबसे ज्यादा पीड़ा देता है पर अब समाज को अपने आप में इस बात को लेकर बदलाव लाना चाहिए और अपने आस पास एलजीबीटी वाले लोगों को अपनाना चाहिए वे उनके अपने परिवार से हो या जान पहचान में उनको कभी भी अपमानित महसूस नहीं कारवाना चाहिए और उनके अस्तित्व को अपना लेना चाहिए।

4. वर्किंग वूमेन

एक लड़की शादी या माँ बनने के बाद भी उसका काम सामान्य है पर बहुत से लोग आज भी इसे गलत समझते हैं और उनके लिए एक शादी शुदा या बच्चे की माँ को बाहर जा कर काम करना स्वीकार्य नहीं है। उनकी रूढ़िवादी सोच उन्हें ये बात समझने की काबिलियत नहीं देते कि एक औरत जो पत्नी या मां है उसका यूँ घर और परिवार से दूर रह कर काम करना और अपने घर पर पूरी तरह से ध्यान ना देना एक औरत को आम घरेलू औरत बनाता है पर ये बात सही नहीं है कि जो औरत काम करती है वो अपने घर परिवार या बच्चे का ध्यान नहीं रख सकती, खाश कर के आज के जमाने में जहां लैंगिक समानता की बात होती है। सिर्फ एक औरत ही समझौता कर के अपना परिवार संभाले और एक मर्द को इन चीज़ों से सारी छूट है, ये बदलाव तब आएगा जब समाज इस बात को समझेगा और खुद से एक शुरुआत करेगा कि एक कामकाजी महिला भी एक आदर्श गृहिणी हो सकती है।

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5. मोर कैपबल

अगर कोई लड़की अपने पति से ज्यादा सक्षम हो चाहे वह नौकरी में हो या योग्यता में तो तब भी हमारा समाज उन्हें जज करता है, उनके हिसाब से लड़के से ज्यादा काबिल लड़की नहीं होनी चाहिए वरना वे अपने पति और ससुराल वालों को नीचा दिखाती हैं पर यह सच नहीं है, एक ज्यादा योग्य बहू या पत्नी अपनी ज्यादा क्षमताओं का उपयोग करके अपने ससुराल के कल्याण के लिए भी इस्तेमाल कर सकती है जैसे अपने पति को उसके बिजनेस में गाइड कर के या फिर आर्थिक रूप से समर्थन दे कर और इस बात में किसी तरह से शर्मिदा महसूस करने की बात नहीं है अगर वे ज्यादा इंटेलिजेंट हों या क्वालिफाइड हों तो ये एक फक्र की बात है जो समाज को समझनी चाहिए।

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