क्या Flirting illegal हैं ? कानून की नजर में Friendly और harrasment में कितनी बारीक सीमा हैं?

समाज में अक्सर महिलाओं को कई मजाक और कमेंट का सामना करना पड़ता हैं, लेकिन कई बार यह मजाक उन्हें असहज कराते हैं कि यह यौन- उत्पीड़न तक शामिल हो सकते हैं। ऐसे में बीइंग फ्रेंडली और हैरेसमेंट में अंतर समझना बहुत जरूरी हैं, और किस हद तक फ्लर्टिंग सही हैं?

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Nainsee Bansal
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समाज में अक्सर महिलाओं को कई मजाक और कमेंट का सामना करना पड़ता हैं, लेकिन कई बार यह मजाक उन्हें असहज कराते हैं कि यह यौन- उत्पीड़न तक शामिल हो सकते हैं। ऐसे में बीइंग फ्रेंडली और हैरेसमेंट में अंतर समझना बहुत जरूरी हैं, और किस हद तक फ्लर्टिंग सही हैं? 

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क्या Flirting illegal हैं ? कानून की नजर में Friendly और harrasment में कितनी बारीक सीमा हैं?

क्या फ्लर्टिग illegal हैं?

फ्लर्टिंग अपने आप में गैर कानूनी नहीं हैं, लेकिन जब यह महिला की इच्छा के विरुद्ध, सीमा लांगे और उसे असहज बनाएं तो यह यौन-उत्पीड़न में शामिल हो सकता हैं। अक्सर महिलाओं को वर्कप्लेस पर कई comment का सामना करना पड़ता हैं जो शुरुआत में तो फ्रेंडली लगते हैं पर धीरे-धीरे harrasment लगने लगते हैं, ऐसे में महिलाओं का उसे देखना की क्या यह उनकी गरिमा का उल्लंघन के साथ साथ उन्हें असहज तो महसूस नहीं करवा रहा यह जानना और समझना आवश्यक हैं। Being friendly और harrasment में बहुत बारीक अंतर हैं और यह आपसी सहमति और सहजता पर निर्भर करता हैं।

कानून की नजर में "फ्लर्टिंग" "यौन उत्पीड़न" में कैसे बदलती हैं?

कानून की नजर में जब फ्लर्टिंग आपसी सहमति से हो साथ ही यह तारीफ या बातचीत जो दोनों को सहज रखे और यदि आपत्ति होने पर तुरंत रुक जाना सही माना जाता हैं और इसे फ्रेंडली होने की अच्छी सीमा भी कहा जाता हैं। लेकिन वहीं असहजता बढ़ने लग जाएं और अनचाहा व्यवहार हो जो फ्लर्टिंग के नाम पर बढ़ता ही जाएं और बार बार कमेंट पास करना या उसे घूरना या अनचाहे मैसेज भेजना शामिल हो तो यह हैरासमेंट हैं और कानून इसके खिलाफ सख्त नियम तय करता हैं।

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भारत में हैरेसमेंट के खिलाफ कानून 

POSH Act 2013 : यह अधिनियम कार्यस्थल पर होने वाले अनचाहे व्यवहार चाहे मजाक ही क्यों न जो जो महिला को असहज करें और कहने पर रोका न जाएं शामिल हैं। यह कार्यस्थल पर होने वाली यौन उत्पीड़न की रोकथाम, निषेध और निवारण के लिए शामिल हैं।

भारतीय न्याय संहिता की धारा 73(IPC की धारा 354 A) : इस धारा के अंतर्गत कुछ कृत्य हैं जो यौन उत्पीड़न माने जाते हैं जिसे अक्सर समाज में फ्लर्टिंग कह दिया जाता हैं:

1. अनचाहे और गलत तरीके से छूना 

2. अश्लील टिप्पणियां 

3. ऐसी सामग्री दिखाना या भेजना जो उसे असहज करें

4. यौन संबंध के लिए दबाव बनाना

क्या हैं सही सीमा और सही तरीका जो हो आपसी सहमति पर?

अक्सर समाज में फ्लर्टिंग को सिर्फ मजाक मान लिया जाता हैं, लेकिन मजाक जब तक सीमा में हो और महिला को असहज न करें तब तक सही हैं, और अगर वह मना करें तो रुकना बिल्कुल सही साबित होता हैं, क्योंकि यह आपसी सहमति और समझदारी को दर्शाता हैं। और यदि महिला कार्यक्षेत्र पर लगातार इसका शिकार हो रही हैं तो अपने लिए आवाज उठाना और लड़ना बहुत हीं जरूरी और सही साबित होता हैं।

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