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Self Obsession: कहीं आप तो नहीं हैं सेल्फ ऑब्सेस्ड? क्या हैं इसके खतरे

सिर्फ़ ख़ुद की परवाह करना, सिर्फ़ अपने बारे में सोचना और किसी दूसरे की बारे में सोच ही ना पाना सेल्फ-ऑब्सेशन की निशानी है। इसे कई बार सेल्फ-सेंट्रेड होना भी कहा जाता है।

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Mandie Panesar
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How is Self Obsession Dangerous (Image Credit : Live Bold and Bloom)

How is Self-Obsession Dangerous? : सिर्फ़ ख़ुद की परवाह करना, सिर्फ़ अपने बारे में सोचना और किसी दूसरे की बारे में सोच ही ना पाना सेल्फ-ऑब्सेशन की निशानी है।

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कहीं आप तो नहीं सेल्फ-ऑब्सेसेड? क्या हैं इसके ख़तरे! 

अपने बारे में सोचना कोई बुरी बात नहीं लेकिन जिस सोसाइटी में हम रहते हैं उसमें हमें परिवार, दोस्तों और सोसाइटी को साथ लेकर चलना पड़ता है, सिर्फ़ अपनी इच्छाओं, ज़रूरतों की ज़्यादा से ज़्यादा परवाह करना सही नहीं। इसे कई बार सेल्फ-सेंट्रेड होना भी कहा जाता है। आइए जानते हैं कि कैसे ख़तरनाक हो सकता है सेल्फ-ऑब्सेशन आपके लिये।

सिर्फ़ अपने बारे में सोचना

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सेल्फ-ऑब्सेसेड लोग सिर्फ़ अपने बारे में ही सोचते हैं। उन्हें क्या अच्छा लगता है, क्या बुरा, इससे ऊपर वे कुछ सोच ही नहीं पाते। वे जब भी आपसे बात करेंगे सिर्फ़ अपने बारे में ही बोलेंगे और दूसरों की चॉइसेज़ का उन्हें ख़्याल ही नहीं होता।

दूसरों की फ़ीलिंग्ज़ की कद्र नहीं

उन्हें दूसरे लोगों की फ़िक्र ही नहीं होती कि वे किसी चीज़ पर कैसा महसूस कर रहे हैं क्योंकि वे अपने आप में ही इतना मुग्ध होते हैं। इसलिए वे दूसरों की फ़ीलिंग्ज़ की कद्र नहीं करते।

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नहीं कर पाते इफ़ोर्ट्स

सेल्फ-ऑब्सेसेड लोगों की एक यह प्रॉब्लम भी होती है कि वे दूसरों के लिए कुछ ज़्यादा इफ़ोर्ट्स नहीं कर पाते। जितना टाइम, इफ़ोर्ट्स, एनर्जी और अटेंशन आप उन्हें दोगे उतना आपको नहीं दे पायेंगे। क्योंकि वे उनके प्रति दूसरों के इफ़ोर्ट्स को समझ ही नहीं पाते।

कंट्रोल करना लगता है अच्छा

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जब वे दूसरों की फ़ीलिंग्ज़ नहीं समझ पाते और ना ही दूसरों के लिए कुछ इफ़ोर्ट्स भी नहीं कर पाते तब वे किसी और के अंडर नहीं रह पाते। बल्कि वे दूसरों को कंट्रोल करना पसंद करते हैं। वे चाहते हैं कि दूसरे लोग उनके हिसाब से चलें क्योंकि उन्हें सिर्फ़ अपने आप तक सीमित होते हैं।

नहीं रख सकते दूसरों का ख़्याल

वे दूसरों की बातों, फ़ीलिंग्ज़, ज़रूरतों आदि को समझने की कोशिश नहीं करते क्योंकि वे अपनी ही चीज़ों में उलझे रहते हैं कि उन्हें क्या चाहिए क्या नहीं। वे सिर्फ़ अपनी शर्तों पर जीना पसंद करते हैं।

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ब्लेम गेम उनकी फेवरेट गेम

सेल्फ-ऑब्सेसेड लोग कभी भी अपनी गलती नहीं मानते। वे सिर्फ़ दूसरों पर अपनी ग़लतियों का ब्लेम डालते हैं और ख़ुद इन चीज़ों से दूर रहते हैं।

सब का ध्यान सिर्फ़ उन पर रहना चाहिए

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ये लोग इतने सेल्फिश होते हैं कि ये हमेशा यही चाहेंगे कि सब लोगों का ध्यान उनकी तरफ़ हो और सब उनको खुश करने में लगें।

अगर आपको लगता है कि इनमें से कोई भी सिम्प्टम आपका है तो आप उसे नोटिस कर चेंज करने की कोशिश करें, क्योंकि हो सकता है कि आप जाने-अनजाने अपने अपनों को परेशान कर रहे हों।

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