Red Flags In Yourself: ऐसे रेड फ्लैग जो हम अपने आप में नहीं देख पाते

हम रिलेशनशिप, दोस्ती, फैमिली और पेरेंट्स सबके रेड फ्लैग पहचानते हैं और उसकी बात भी करते हैं लेकिन खुद की बात नहीं करते हैं। हमारी खुद की आदतें भी ऐसी होती है जो किसी रेड फ्लैग से कम नहीं होती।

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Rajveer Kaur
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Red Flag in relationship

Red Flags In Yourself: क्या आपने कभी सोचा है कि हमारे खुद के अंदर भी रेड फ्लैग हो सकते हैं, जिनके बारे में हम बात ही नहीं करते हैं। हम सब रिलेशनशिप, दोस्ती, फैमिली और पेरेंट्स सबके रेड फ्लैग पहचानते हैं और उसकी बात भी करते हैं लेकिन खुद की बात नहीं करते हैं। हमारी खुद की आदतें भी ऐसी होती है जो किसी रेड फ्लैग से कम नहीं होती। आज हम उन व्यवहार या आदतों को जानेंगे जो हमें आगे बढ़ने से रोकती है। चलिए इनके बारे में जानते हैं-

ऐसे रेड फ्लैग जो हम अपने आप में नहीं देख पाते

खुद को कम मानना

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सबसे बड़ा रेड फ्लैग यह है कि हम खुद को कम मानते हैं। हमें लगता है कि हम पर्याप्त नहीं है और कुछ कर नहीं सकते। सब गलतियां मेरे से ही होती है और मेरे में ही कोई कमी होगी तभी मुझसे कोई बात नहीं करता। जब हम ऐसी नेगेटिव सेल्फ टाॅक खुद के साथ करते हैं तब हमारा सेल्फ कॉन्फिडेंस नीचे गिर जाता है जो हमारे विकास की राह में एक बहुत बड़ी बाधा है। इसलिए नेगेटिव सेल्फ टाॅक की बजाय खुद के साथ पॉजिटिव एटीट्यूड रखें।

दूसरों के स्टैंडर्ड पर चलना

यह हमारी खुद की लाइफ है इसके रूल्स अपने हिसाब से होने चाहिए। कब तक हम दूसरों के बने हुए स्टैंडर्ड और रूल पर अपनी लाइफ को व्यतीत करेंगे। आप बहुत जल्दी थक जाएंगे। आपको अच्छा नहीं महसूस होगा। आप बात-बात पर सोचेंगे कि शायद अगर मैं अपने फैसले खुद लेने लग गई तो मैं गलत हो जाऊँगी। हम ऐसा भी सोच लेते हैं कि लोग क्या सोचेंगे? इन सब बातों को अपने ऊपर हावी मत होने दीजिए।

सेल्फ सेबूटेज

हमारा सेल्फ सेबूटेज बिहेवियर भी हमारे अंदर एक बहुत बड़ा रेड फ्लैग है। जिसमें हम खुद के पैर पर ही कुल्हाड़ी मार लेते हैं या फिर अपने लिए सभी रास्तों को ब्लॉक कर देते हैं। ऐसा तब होता है जब हम वह काम करते हैं जो हमारी जरूरत नहीं होता है। हम करना कुछ और चाहते हैं लेकिन हम अन्य रास्ते पर चल रहे होते हैं।

खुद से ज्यादा उम्मीदें लगाना

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उम्मीद खुद से हो या किसी अन्य से पूरी न होने पर, हमेशा ही दुख देती है। इसलिए कभी भी खुद से ज्यादा उम्मीदें नहीं लगानी चाहिए। जितना आप कर सकते हैं, उतनी उम्मीद रखिए। ज्यादा हाई अपेक्षाएं खुद से करना भी गलत है। आप खुद को भी दुखी करते हो। खुद से उम्मीदें हाई होने से आसपास के लोगों की भी बढ़ जाती है। जब आप उनकी उम्मीदों को पूरा नहीं करते इससे आपका प्रभाव भी बुरा पड़ता है।

दूसरों को कंट्रोल करना

क्या आपको पसंद है कि कोई आपको कंट्रोल करें? इसका जवाब सभी न में ही देंगे। हम दूसरों को कंट्रोल क्यों करना चाहते हैं? हर किसी को अपनी लाइफ जीने का अधिकार है। आप उन्हें सुझाव दे सकते हैं। उन्हें अच्छा और बुरे में फर्क समझा सकते हैं लेकिन कंट्रोल करने से आप कभी भी किसी की नजरों में अच्छे नहीं बन सकते। यह आपको भी स्ट्रेस देगा। इसलिए कभी भी किसी को कंट्रोल मत कीजिए। हमेशा प्यार से डील करने की कोशिश कीजिए।