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Social conditioning के चलते महिलाएं “NO” नहीं कहती, उन्हे बचपन से हाँ कहना और समर्पित रहना सिखाया जाता है, चाहे उनकी मर्जी के खिलाफ क्यों न हो। जब महिलाएं न कहती हैं तो अक्सर देखा जाता हैं वे गिल्ट मे रहती है, और खुद को कोशने लगती है। ऐसे मे आवश्यक हैं कि महिलाएं बिना गिल्ट के न कहना सीखे जिससे वे सेल्फ-लव की तरफ कदम बढ़ाए। सेल्फ-लव आप जैसे हैं आपको वैसा आपको स्वीकार करना और बदलाव जो सकरात्मक हो प्रेरित करता है।
Self-Love: महिलाएं बिना गिल्ट के "No" कहना कैसे सीखें?
1. खुद को समय देना सीखें
जब महिलाएं खुद को समय देती है, तो वह दूसरों के विचारों और भावनाओं से कम प्रभावित होती है, और जब मन शांत होगा तो वे दूसरों के प्रश्न और प्रस्ताव को हर आयाम से देख पाएंगी और जहां आवश्यक होगा न कहना सीख पाएंगी।
2. हाँ कहने से पहले समय मांगे
किसी भी काम या बात कहने पर तुरंत हाँ कहने से बचें। वाक्य को सही शब्दों मे पिरोकर कहे कि क्या मैं थोड़ा समय ले सकती हूँ, या आपको सोचकर बताती हूँ, ऐसे मे आप तुरंत हाँ कहने के दबाब से बचेंगी और बेहतर तरीके से स्वयं के पक्ष को रख भी पाएंगी।
3. न कहने को अपराध नहीं आत्मसम्मान समझें
स्वयं को दूसरों से ऊपर रखना समाज मे सदैव अस्वीकार्य रहा है, खासकर महिलाओ को स्वयं से ऊपर दूसरों की खुशी का ध्यान रखने को कहा जाता है। इसके लिए guilty feel न करें और जब वे न कहे तो उन्हे इस बात को ध्यान रखना होगा की न कहना भी उनका अधिकार है।
4. न कहने का अभ्यास करें
परिस्तथि के आते ही उसे नकारना आसान नहीं होता, लेकिन जब पहले से तैयार हो तो कहना आसान होता है। इसलिए महिलाएं न कहने का अभ्यास करें , और घर, ऑफिस या समाज मे जहां न कहना भले जरूरी सा न लगे लेकिन बेहतर साबित हो तो जरूर कहे, इससे आप बड़ी और जटिल परिस्तथि मे भी न कह पाएंगी।
5. पाँज़िटिव टॉक करना (Positive Self-Talk)
खुद से सकारात्मक बात करना और स्वयं को प्रेरित करना बहुत ही अच्छा साबित होता हैं और आप स्वयं को शांत महसूस करती हैं और आवश्यक एवं कठिन फैसले भी ले पाती है। स्वयं को मजबूत बनाने के लिए आवश्यक हैं कि आप जरूरी कदम उठाए और सेल्फ-लव की सीढ़ी चढ़े।