Advertisment

Surrogate Mother: क्या हैं सरोगेट मदर और सरोगेसी की प्रक्रिया

लाइफ़स्टाइल : सरोगेसी किसी महिला को उसकी कोख में अपना बच्चा पलवाने की प्रक्रिया है। जो महिला बच्चे को पालती है वह सरोगेट मदर कहलाती है। सरोगेट मदर की पूरी जिम्मेदारी दंपति उठाते हैं मसलन सरोगेट मदर को पौष्टिक खाना देना और समय-समय पर चेकअप कराना आदि।

author-image
Prabha Joshi
13 May 2023
Surrogate Mother: क्या हैं सरोगेट मदर और सरोगेसी की प्रक्रिया

सरोगेसी का बढ़ रहा है क्रेज (Image Credit: The Guardian)

Surrogate Mother: आजकल सरोगेट मदर टर्म बहुत ज्यादा पापुलर हो गई है। कई कारणों से सरोगेट मदर की जरूरत पड़ जाती है। आजकल खासतौर से सरोगेट मदर की जरूरत ज्यादा पड़ गई है। सरोगेट मदर के जरिए बच्चा पैदा करना सरोगेसी कहलाता है। सरोगेसी का अर्थ है किसी दूसरी महिला की कोख में बच्चे का पलना। जो लोग सरोगेसी के जरिए बच्चा चाहते हैं वो सरोगेट मदर को लेते हैं और सरोगेट मदर के पेट में बच्चा पलता है। 

Advertisment

हिंदी सिनेमा या बॉलीवुड में ऐसे बहुत से कपल्स हैं जिन्होंने सरोगेट मदर के जरिए बच्चे को पाला है। इनमें प्रियंका, शाहरूख खान, प्रीति जिंटा और शिल्पा शेट्टी जैसे फिल्मी सितारे हैं। बहुत से कारण होते हैं जिसके चलते सरोगेट मदर हॉयर कर जाती पड़ती हैं। 

क्या कारण हैं सरोगेट मदर हॉयरिंग के पीछे 

सरोगेट मदर को हॉयर करने के पीछे निम्नलिखित कारण हैं :-

Advertisment
  • बच्चेदानी में किसी तरह की समस्या
  • गर्भधारण में मुश्किलें आना या बार-बार गर्भपात हो जाना 
  • अन्य कोई निजी कारण

क्या हैं सरोगेट मदर या सरोगेसी की प्रक्रिया

सरोगेसी किसी महिला को उसकी कोख में अपना बच्चा पलवाने की प्रक्रिया है। जो महिला बच्चे को पालती है वह सरोगेट मदर कहलाती है। सरोगेट मदर की पूरी जिम्मेदारी दंपति उठाते हैं मसलन सरोगेट मदर को पौष्टिक खाना देना और समय-समय पर चेकअप कराना आदि। सरोगेट मदर मुख्यत: दो प्रकार की हैं : ट्रेडिशनल सरोगेसी और जेस्टेशनल सरोगेसी। 

Advertisment
  1. ट्रेडिशनल सरोगेसी : इसमें महिला (सरोगेट मदर) के खुद के अंडे और पुरुष (डोनर) के अंडे के जरिए सरोगेसी होती है। इस प्रक्रिया में असली मां बच्चे की सरोगेट मदर ही होती हैं। 
  2. जेस्टेशनल सरोगेसी : इसमें दंपति के अपने शुक्राणु और अंडे होते हैं जो दूसरी महिला के कोख में स्थापित किए जाते हैं और दूसरी महिला बच्चे को पैदा करती है। इसमें वास्तविक मां सरोगेसी कराने वाली महिला होती हैै। 

ऐसा कहा जाता है कि सरोगेट मदर के लिए अक्सर आर्थिक रूप से कमजोर महिलाएं होती हैं। आर्थिक संपन्नता का आभाव उन्हें इस पेशे को अपनाने को बाध्य कर देता है। 

सरोगेसी का फायदा क्या है 

जो दंपति बच्चा चाहते हैं लेकिन बच्चा कर नहीं पाते या महिलाएं खुद से बच्चा पैदा नहीं करना चाहतीं वो सरोगेसी को अपनाते हैं। सरोगेसी से मातृत्व और पितृत्व का सपना पूरा हो जाता है। 

इस तरह सरोगेसी आज बहुत चलन में है। सरोगेसी को किराय की कोख भी कहा जाता रहा है। सरोगेसी में बस इतना ही अंतर है कि कोख मां की खुद की नहीं होती बल्कि दूसरी महिला की होती है। हालांकि सरोगेसी की इस प्रक्रिया को समाज पूरी तरह नहीं स्वीकार पाता। 

Advertisment
Advertisment