Irregular periods : जानिए अनियमित पीरियड्स के पीछे छिपे 5 कारण

अनियमित पीरियड्स हार्मोनल असंतुलन, तनाव, पोषण की कमी, थायरॉइड समस्याओं और पीसीओएस जैसी स्थितियों के कारण हो सकते हैं। सही जीवनशैली के माध्यम से इसे ठीक किया जा सकता है ।

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Vedika Mishra
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5 signs of irregular periods

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मासिक धर्म का नियमित रहना महिलाओं के स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण संकेतक होता है। आमतौर पर पीरियड्स का चक्र 21 से 35 दिनों के बीच होता है लेकिन जब यह चक्र कभी जल्दी आ जाता है कभी देर से आता है या महीनों तक नहीं आता तो यह अनियमित पीरियड्स का संकेत हो सकता है। इसका कारण कई बार सामान्य हो सकता है लेकिन कुछ स्थितियों में यह किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या की ओर भी इशारा कर सकता है। आइए जानते हैं अनियमित पीरियड्स के पीछे छिपे 5 मुख्य कारण।

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Irregular periods : जानिए अनियमित पीरियड्स के पीछे छिपे 5 कारण

1. हार्मोनल असंतुलन

एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन मासिक धर्म को नियंत्रित करते हैं। लेकिन जब इन हार्मोनों में असंतुलन आ जाता है, तो पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं। यह समस्या किशोरावस्था, प्रेग्नेंसी, स्तनपान और मेनोपॉज के दौरान अधिक देखने को मिलती है। इसके अलावा, पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) जैसी स्थितियां भी हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकती हैं।

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2. तनाव और मानसिक स्वास्थ्य

अत्यधिक तनाव लेने से शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन का स्तर बढ़ सकता है जिससे ओव्यूलेशन प्रभावित होता है और पीरियड्स की अनियमितता हो सकती है। डिप्रेशन, चिंता और नींद की कमी भी मासिक धर्म चक्र को बिगाड़ सकते हैं। मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना और स्ट्रेस मैनेजमेंट तकनीकों जैसे मेडिटेशन, योग और एक्सरसाइज को अपनाना फायदेमंद हो सकता है।

3. वजन में अचानक बदलाव

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बहुत अधिक वजन बढ़ने या घटने से पीरियड्स का चक्र प्रभावित हो सकता है। अत्यधिक वजन बढ़ने से शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ सकता है जिससे ओव्यूलेशन प्रभावित होता है। वहीं, अत्यधिक वजन कम होने या क्रैश डाइट अपनाने से शरीर को पर्याप्त पोषण नहीं मिल पाता जिससे पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं। बैलेंस्ड डाइट और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने से इस समस्या को कम किया जा सकता है।

4. थायरॉइड समस्याएं

थायरॉइड ग्रंथि मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करने के साथ-साथ मासिक धर्म चक्र को भी प्रभावित करती है। हाइपोथायरॉइडिज्म (थायरॉइड हार्मोन की कमी) या हाइपरथायरॉइडिज्म (थायरॉइड हार्मोन की अधिकता) दोनों ही पीरियड्स को अनियमित कर सकते हैं। अगर आपको अत्यधिक थकान, वजन में बदलाव, बाल झड़ना या ठंडा-गर्म सहन न कर पाना जैसी समस्याएं हो रही हैं, तो डॉक्टर से थायरॉइड की जांच करवानी चाहिए।

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5. ज्यादा एक्सरसाइज या अत्यधिक शारीरिक श्रम

अत्यधिक व्यायाम करने से शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का स्तर कम हो सकता है, जिससे पीरियड्स रुक सकते हैं या अनियमित हो सकते हैं। खासकर एथलीट्स, डांसर्स और अत्यधिक वर्कआउट करने वाली महिलाओं में यह समस्या अधिक देखी जाती है। शरीर की जरूरत के हिसाब से संतुलित एक्सरसाइज और पर्याप्त आराम लेने से पीरियड्स नियमित बनाए रखने में मदद मिल सकती है।

अनियमित पीरियड्स कभी-कभी तनाव या लाइफस्टाइल में बदलाव के कारण हो सकते हैं लेकिन अगर यह समस्या बार-बार होती है तो इसे नज़रअंदाज नहीं करना चाहिए। हार्मोनल असंतुलन, थायरॉइड समस्याएं, वजन में उतार-चढ़ाव और अत्यधिक व्यायाम इसके प्रमुख कारण हो सकते हैं। स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, तनाव प्रबंधन और जरूरत पड़ने पर डॉक्टर से सलाह लेकर इस समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है।

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