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थकान सिर्फ़ थकावट महसूस करना नहीं है। यह एक कमजोरी है जो मन और शरीर दोनों को प्रभावित करती है। जैसे-जैसे महिलाएं 40 की उम्र पार करती हैं और पेरिमेनोपॉज और मेनोपॉज में प्रवेश करती हैं, थकान सबसे ज़्यादा बताए जाने वाले और परेशान करने वाले लक्षणों में से एक के रूप में उभरती है, फिर भी यह काफी हद तक अनदेखा रहता है। नवीनतम Gytree Survey में बताया गया है कि 60% महिलाओं को इस चरण में थकान का अनुभव होता है, जो इसे सबसे आम लक्षण बनाता है, जो अक्सर हॉट फ्लैश, वजन बढ़ने और मूड स्विंग को पीछे छोड़ देता है।
जानिए कैसे Perimenopause के दौरान थकान अनदेखा किया जाने वाला दर्द है
मेनोपॉज के दौरान इतनी ज्यादा थकान क्यों होती है?
मेनोपॉज से जुड़ी थकान सिर्फ़ नींद की कमी के बारे में नहीं है - यह हार्मोनल उतार-चढ़ाव, मेटाबॉलिज्म में कमी और पोषण संबंधी कमियों से जुड़ी हुई है। एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन कम होने से महिलाओं को ऊर्जा बनने की प्रक्रिया धीमी पड़ती है, जिससे मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है, सूजन बढ़ जाती है और रोज के तनाव से उबरने की क्षमता कम हो जाती है। इसके अलावा, नींद में गड़बड़ी, मूड में उतार-चढ़ाव और दिमागी धुंधलापन, थकान को और भी ज़्यादा बढ़ा देता है।
दैनिक जीवन को थकान कैसे प्रभावित करती है?
पेरिमेनोपॉज और मेनोपॉज में महिलाएँ करियर, परिवार और सेहत के बीच बैलेंस बनाती हैं। Gytree सर्वे में यह भी पाया गया कि 50% से ज़्यादा महिलाओं ने बेवजह वजन बढ़ने की बात कही, जो अक्सर थकान से मेटाबॉलिज्म धीमा होने की वजह से होता है। इसके अलावा, 71% महिलाओं ने कहा कि वे अपने मेनोपॉज में उन्हें पूरा सपोर्ट नहीं मिलता है। कई महिलाओं को अपने लक्षणों को परिवार और सहकर्मियों को समझाने में संघर्ष करना पड़ता है।
मेनोपॉज थकान के लिए पोषण और जीवनशैली समाधान
मेनोपॉज में थकान को झेलना जरूरी नहीं है बल्कि यह एक ऐसा लक्षण है जिसके लिए सही समाधान की जरूरत होती है। जागरूकता और सही सपोर्ट की कमी ने कई महिलाओं को राहत को ढूंढ रही हैं।
थकान से निपटने के आसान उपाय
- प्रोटीन और पोषण - प्रोटीन से ब्लड शुगर स्थिर रहता है, मांसपेशियां मजबूत होती हैं और ऊर्जा बढ़ती है। अश्वगंधा और शतावरी जैसे एडाप्टोजेन्स युक्त Plant Based Protein भी तनाव हार्मोन को संतुलित करने में मदद कर सकता है
- अच्छी नींद- नींद की परेशानी के लिए मेलाटोनिन वाले खाद्य पदार्थ, रिलैक्सेशन और रात में स्क्रीन से दूरी मददगार है।
- डाइट से हार्मोन बैलेंस- बी विटामिन, मैग्नीशियम और ओमेगा-3 से भरपूर खाना ऊर्जा बढ़ाता है।
- सपोर्ट- 85% महिलाएं कहती हैं कि वर्कप्लेस में मेनोपॉज की बात नहीं होती। लचीले काम के समय और जागरूकता की जरूरत है।
थकान को गंभीरता से लेने का समय आ गया है
थकान कोई छोटी बात नहीं है । इससे जीवन की गुणवत्ता, आत्मविश्वास और प्रोडक्टिविटी प्रभावित होती है। Gytree Survey के अनुसार, जागरूकता, डॉक्टरी सलाह और सही पोषण के साथ महिलाएं इस दौर को ताकत के साथ जी सकती हैं। थकान को दूर करना सिर्फ़ ऊर्जा बढ़ाने के बारे में नहीं है। यह महिलाओं को Midlife में उनकी सेहत और खुशी वापस देने की बात है। Menopause India