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43 साल की अंजलि एक सक्रिय और उत्साही महिला रही हैं। 15 साल की शादी, करियर और दो किशोरों की परवरिश के बीच बैलेंस मेंटेन कर रही थीं। लेकिन अचानक कुछ बदल गया। उसे लगा कि वह पति से दूर हो रही है- प्यार कम नहीं था लेकिन इच्छा काम हो रही थी।
अंजलि ने बताया, "मैं सेक्स का आनंद लेती थी"। "लेकिन अचानक, यह बोझ लगने लगा। मैं थक गई थी, मैं खुद को महसूस नहीं कर रही थी, और मुझे समझ नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा है।"
जानें Perimenopause में सेक्स और इच्छा से जुड़ी बातें जिनके बारे में कोई बात नहीं करता
अंजलि अकेली नहीं हैं। पेरिमेनोपॉज से गुज़रने वाली कई महिलाएँ को सेक्स की इच्छा में बदलाव महसूस होता है। कुछ को धीरे-धीरे गिरावट दिखाई देती है, जबकि अन्य को ऐसा लगता है जैसे उनकी इच्छा रातों-रात बुझ गई हो।
वास्तव में क्या हो रहा है?
इस बदलाव के पीछे हॉरमोन हैं। Menopause के दौरान एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन और यहां तक कि टेस्टोस्टेरोन के स्तर में भी नाटकीय रूप से उतार-चढ़ाव होता है। ये हॉरमोन सिर्फ़ मासिक धर्म को नहीं बल्कि मूड, ऊर्जा, और सेक्स की इच्छा को प्रभावित करते हैं। जब ये कम होने लगते हैं, तो शरीर में ऐसे बदलाव आते हैं, जिनके लिए ज़्यादातर महिलाएँ तैयार नहीं होती हैं।
इसके कारण वेजाइनल ड्राइनेस की भी समस्या पैदा होती है जिसके कारण सेक्स दौरान असहज महसूस होता है। इसके साथ ही कम ऊर्जा, मूड स्विंग और बढ़ा हुआ तनाव भी यौन इच्छा को कम करते हैं।
46 वर्षीय प्रिया कहती हैं, "मुझे लगा कि मेरे साथ कुछ गलत है।" मेरे पति को बुरा लगता था जब मैं मना करती थी लेकिन यह उनके बारे में नहीं था। मुझे अब वो जोश महसूस नहीं होता थी।"
बदलाव को समझना
सबसे पहले यह समझना जरूरी कि यह सामान्य है। आप टूटी हुई नहीं हैं। पेरिमेनोपॉज सिर्फ़ अनियमित पीरियड्स नहीं बल्कि पूरे शरीर का अनुभव है जो शारीरिक, भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।
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कई महिलाओं के लिए, अन्य छोटे बदलाव करने से मदद मिल सकती है:
- कुछ असुविधा को कम करने के लिए लुब्रिकेंट और मॉइस्चराइज़र का उपयोग करती हैं।
- दूसरों को लगता है कि व्यायाम, ध्यान और बेहतर नींद तनाव को प्रबंधित करने और मूड को बेहतर बनाने में मदद करती है।
- कुछ लोग संतुलन वापस लाने के लिए हार्मोनल थेरेपी या प्राकृतिक सप्लीमेंट भी आजमाते हैं।
- लेकिन सबसे महत्वपूर्ण कदमों में से एक? इसके बारे में बात करना।
अंजलि कहती हैं, "हमें इन बातचीत को सामान्य बनाने की ज़रूरत है।" "जब तक मैंने अपने दोस्तों से बात करना शुरू नहीं किया, तब तक मैं अकेला महसूस करती थी। दोस्तों से बात करने पर पता चला कि वो भी यही झेल रही थीं।”
अपने रिश्ते को नया रूप दें
इच्छा कम हो सकती है, लेकिन प्यार खत्म नहीं होता। सेक्स पहले जैसा नहीं रहेगा—अब ये सोच-समझकर और भावनात्मक जुड़ाव से हो सकता है। प्रिया कहती हैं, “मैंने इच्छा का इंतजार छोड़ दिया। पति से बातचीत, गले लगना या हंसना शुरू किया। और फिर इच्छा अपने आप लौट आई।”
पेरीमेनोपॉज मुश्किल हो सकता है, लेकिन ये जोश का अंत नहीं है। अपने शरीर को समझें, बदलाव अपनाएं, और छोटे कदम उठाएं। इच्छा खत्म नहीं होती—बस बदल जाती है। और आप भी बदल सकती हैं।