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Women Health: शिशु के जन्म के बाद महिलाओं को होने वाली दिक्कतें

डिलीवरी के बाद महिलाओं को कई शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है जिसका सीधा असर उनके लाइफस्टाइल पर पड़ता है। मां बनने के बाद वह एक नई भूमिका निभाती है जिसमें उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह स्वस्थ रहें।

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Sneha yadav
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(Image credit: Pinterest)

Challenges Faced by Women After Childbirth: शिशु के जन्म के बाद महिलाओं को भी एक नया जीवन मिलता है जिसमें वह एक नया किरदार निभाती है जो मां का होता है। मां बनना कोई आसान कार्य नहीं होता शिशु के साथ अपना भी ध्यान रखना होता है। डिलीवरी के बाद महिलाओं को कई शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है जिसका सीधा असर उनके लाइफस्टाइल पर पड़ता है। यह बदलाव सिर्फ उनके शारीरिक स्वास्थ्य में ही नहीं होता साथ ही उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डालता है। मां बनने के बाद वह एक नई भूमिका निभाती है जिसमें उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह स्वस्थ रहें, जिससे वह और उनके परिवार एक कुशल जीवन जी सकेंगे। तो आइये जानते हैं शिशु के जन्म के बाद महिलाओं को होने वाली कुछ दिक्कतें।

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डिलीवरी के बाद महिलाओं को होने वाली 5 दिक्कतें

1. शारीरिक और स्वास्थ्य समस्या 

डिलीवरी के बाद शारीरिक स्वास्थ्य में बदलाव होना तो तय रहता है इस दौरान महिलाएं कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करती हैं। इस समस्याओं में गर्भाशय के क्षेत्र में दर्द होना शामिल होता है जो कभी-कभी अत्यंत पीड़ा दायक हो सकता है। शिशु के जन्म के बाद महिलाओं के यूट्रस में ब्लीडिंग और डिस्चार्ज की सामान्य भी होती है जो 6 से 7 सप्ताह में ठीक हो जाती है। जन्म के बाद महिलाओं का मानसिक धर्म भी अनियमित हो जाता है। जोड़ों के दर्द और पीठ का दर्द डिलीवरी के बाद होना सामान्य है।

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2. मानसिक और भावनात्मक समस्या

मां बनने के बाद महिलाओं में बहुत सारे मानसिक और भावनात्मक समस्या उत्पन्न होती है। इन समस्या में डिप्रेशन, तनाव और आत्म संदेह का सामना करती है। डिलीवरी के बाद महिलाएं डिप्रेशन का अनुभव कर सकती हैं जिसमें थकावट, निराशा और उदासी इसके लक्षण हैं। एक मां बनना कोई आसान कार्य नहीं अक्सर महिलाएं परेशान हो जाती हैं और तनाव में रहती हैं अगर उनके शिशु के देखभाल में कोई कमी रह जाती है। मानसिक और भावनात्मक समस्या को दूर करने के लिए महिलाओं को परिवार का समर्थन मिलना बहुत जरूरी है।

3. शारीरिक और मानसिक रिकवरी

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डिलीवरी के बाद महिलाओं के शरीर में बहुत सारे शारीरिक और मानसिक बदलाव होते हैं जिसके रिकवरी में कुछ समय लग सकता है। शारीरिक रिकवरी के लिए महिलाओं को सही आहार, व्यायाम और आराम की जरूरत होती है जिसकी वजह से वह जल्दी ठीक हो सकती हैं। बात करें मानसिक रिकवरी की तो महिलाओं को मेंटल सपोर्ट मिलना बहुत आवश्यक है। दोस्त, परिवार और एक सही सलाहकार का समर्थन महिलाओं को मेंटली रिकवर होने में बहुत मदद करता है। 

4. दैनिक जीवन

मां बनने के बाद महिलाओं का जीवन पूरी तरीके से बदल जाता है उनके समय का कोई भी पता नहीं चलता और वह खुद पर ध्यान देना ही भूल जाती हैं। नवजात बच्चों की देखभाल के कारण महिलाओं के स्लीप रूटीन में बदलाव आते हैं या यू कहो उनको पर्याप्त नींद नहीं मिल पाती। शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को स्वस्थ रखने के लिए पर्याप्त नींद मिलना बहुत जरूरी है। महिलाओं को रुटीन चेकअप कराना बहुत जरूरी है ताकि वह अपने स्वास्थ्य पर नजर रख सके और अगर कोई परेशानी आ रही है तो समय के साथ उसका उपचार करें।

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5. पारिवारिक और सामाजिक समर्थन 

शिशु के जन्म के बाद महिलाओं को पारिवारिक और सामाजिक समर्थन की बहुत जरूरत रहती है। पर कभी-कभी ऐसा होता है कि वह समर्थन उन्हें नहीं मिलता और इसीलिए वह कमजोर पड़ जाती है। समर्थन न मिलाना उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर नेगेटिव असर डालता है। समर्थन के लिए महिलाएं कुछ सहायता समूह या परामर्श के साथ जुड़ सकती हैं जो उन्हें सहायता देने के लिए हमेशा मौजूद रहेगा।

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