Excessive Breastfeeding Negatively Affect a Mother's Health: मां बनना महिलाओं किसी दिक्कत से काम नहीं होता। मां बनने के बाद महिलाओं पर बहुत सारी जिम्मेदारियां भी आ जाती हैं जिनमें से सर्वश्रेष्ठ जिम्मेदारी होती है बच्चों को सही पोषण देने की स्तनपान के द्वारा पॉसिबल है। पर अत्यधिक स्तनपान कराना, यानी लंबे समय तक स्तनपान कराने से मां और बच्चे दोनों के लिए फायदेमंद होता है। लेकिन कभी-कभी यह मां के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रभाव डाल सकता है। तो आइए जानते है क्या अत्याधिक स्तनपान डालता है मां पर बुरा असर?
अत्याधिक स्तनपान डालता है मां पर 5 बुरे असर
1. शारीरिक थकावट
मां बनने के बाद महिलाओं को बहुत सारी जिम्मेदारियां आ जाती हैं। मां के द्वारा यह बच्चों को अनार मिलता है। स्तनपान एक energy-efficient प्रोसेस है। बार-बार स्तनपान कराने से मां के शरीर में थकान हो सकती है। इससे मांसपेशियों में दर्द, पीठ और गर्दन में तनाव और शारीरिक कमजोरी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यदि मां को पर्याप्त आराम और पोषण नहीं मिल रहा है, तो यह थकान और भी बढ़ सकती है।
2. पोषण की कमी
स्तनपान कराने से मां के शरीर में कैलोरी और पोषण की मांग बढ़ जाती है। यदि मां अपने आहार में उचित पोषक तत्वों का सेवन नहीं कर रही है, तो उसकी शारीरिक सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। कैल्शियम, आयरन, और अन्य आवश्यक विटामिन और खनिजों की कमी हो सकती है, जिससे हड्डियों की कमजोरी, एनीमिया और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
3. नींद की कमी
नींद हमारे जीवन के क्वालिटी को बड़ाने के लिए एक बहुत अहम हिस्सा है। बार-बार स्तनपान कराने से मां की नींद पर नेगेटिव प्रभाव पड़ सकता है, खासकर रात के समय। नींद की कमी मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों के लिए हानिकारक हो सकती है। इससे मां में चिड़चिड़ापन, थकावट, और एकाग्रता में कमी जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
4. मनोवैज्ञानिक दबाव
मां बनने के बाद महिलाओं के जीवन में बहुत सारे तनाव आते हैं जिसका कारण नियमित नहीं होता। स्तनपान मानसिक तनाव का कारण भी होता है। यह तनाव तब और बढ़ सकता है जब मां को यह महसूस होता है कि वह अपने पर्सनल या प्रोफेशनल जीवन में संतुलन नहीं बना पा रही है। लंबे समय तक स्तनपान कराने से डिप्रीजन और चिंता जैसी समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं।
5. हार्मोनल बदलाव
स्तनपान कराने के दौरान बहुत सारे हार्मोन चेंज होते हैं जो मन और भावना को प्रभावित करता है। कुछ हार्मोन होते हैं जो स्तनपान के दौरान सक्रिय रहते हैं जो मन में पावर और रेस्ट की भावना उत्पन करा सकते है लेकिन इसके अत्यधिक भाव से कभी-कभी भावनात्मक अस्थिरता भी हो सकती है। हार्मोनल बदलाव के कारण महिलाओं के शरीर में भी बहुत सारी चेंज हो जाते हैं।