Pregnancy Talks: जाने क्या बदलाव आते हैं मिसकैरेज के बाद

हर महिला का सपना होता है मां बनना पर किसी भी कारण से अगर मिसकैरेज होता है तो वो बहुत दुखदाई होता है क्योंकि ममता सिर्फ़ पैदा हुए बच्चे से नहीं होती बल्कि पेट में पल रहे बस सभी होती है।

author-image
Anjali Mishra
New Update
Miscarriage

Miscarriage Photograph: (Freepik)

Know what happens after miscarriage: मिसकैरेज एक महिला के जीवन में बहुत ही मुश्किल फेस होता है। ये एक ऐसी सिचुएशन है जिसमें प्रेग्नेंसी पहले ट्राइमेस्टर में ही खत्म हो जाती है। अक्सर 21 हफ्ते से पहले ही। मिसकैरेज न केवल मां बनने की इच्छा रखने वाली महिला के मेंटल हेल्थ पर असर डालती है, बल्कि इसके बाद शरीर में कई तरह के हार्मोनल, फिजिकल और इमोशनल चेंजेस भी देखने को मिलते हैं। कुछ महिलाओं को थकान, कमजोरी, या हार्मोनल इंबैलेंस जैसी समस्याएं होती हैं, जबकि कई बार यह चिंता और गिल्ट जैसे मेंटल स्ट्रेस को भी बढ़ा सकती है। मिसकैरेज के बाद आने वाले इन बदलावों को समझना जरूरी है, ताकि महिलाएं न केवल शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक रूप से भी खुद को संभाल सकें और फ्यूचर में हेल्दी प्रेग्नेंसी को अपनाएं। तो चलिए देखते हैं बदलाव जो महिलाओं के शरीर में देखने को मिलते हैं।

Advertisment

जाने क्या बदलाव आते हैं मिसकैरेज के बाद

1. फिजिकल चेंजेस

शरीर में प्रेग्नेंसी हार्मोन जैसे HCG और प्रोजेस्ट्रॉन का लेवल कम होने लगता है। मिसकैरेज के कारण पीरियड्स कुछ हफ्तों तक इर्रीगुलर हो सकते हैं। इसके कारण ब्रेस्ट में सूजन और दर्द बढ़ सकता है जिससे डिस्कमफर्ट महसूस हो सकता है।

Advertisment

2. मेंटल और इमोशनल चेंज

मिसकैरेज के बाद सबसे ज़्यादा दुःख का साना करना पड़ता है जिससे स्ट्रेस और ब्रेकडाउन हो सकता है। लगातार लो फील करने के कारण गिल्ट महसूस होता है जिससे चिड़चिड़ापन या मूड स्विंग हो सकते हैं। ट्रॉमा के कारण अगली प्रेगनेंसी को लेकर डर लग सकता है।

3. हैल्थ रिलेटेड

Advertisment

अगर मिसकैरेज के बाद ठेक तरीके से शरीर की सफाई नहीं होती है तो इन्फेक्शन का खतरा बढ़ सकता है। इसके कारण फर्टिलिटी पर भी गहरा असर पड़ता है जिसके लिए मेडिकल हेल्प बोहोत ज़रूरी हो जाती है।

4. हार्मोनल इंबैलेंस

मिसकैरेज के बाद हार्मोंस में उतर चढाव आते हैं जिसके कारण चेहरे पर पिंपल्स, एक्ने या स्किन रिलेटेड कोई दिक्कत हो सकती है। कुछ महिलाओं को मिसकैरेज के बाद बाल झड़ने की समस्या होती है। कम भूख लगना या ज़्यादा लगने से भी शरीर के वज़न पर असर पड़ सकता है। 

Advertisment

5. यूटरस रिलेटेड

किसी किसी केस में डॉक्टर को D&C (Dilation & Curettage) प्रोसेस करनी पड़ती है अगर टिशू पूरी तरह से बाहर न निकले तो। इसके कारण यूटरस में कुछ समय तक हल्का दर्द या सूजन बनी रह सकती है जो धीरे धीरे कम हो जाती है समय के साथ।

Miscarriage हार्मोनल इमोशनल