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Prenatal Infection: क्या है प्रीनेटल इंफेक्शन टेस्ट, गर्भावस्था में क्यों पड़ती है इसकी जरूरत

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को इन्फेक्शन का जोखिम बढ़ जाता है। गर्भावस्था के समय, महिलाओं के शरीर में हार्मोनल परिवर्तन होते हैं जो उन्हें इंफेक्शन से कमजोर बना सकते हैं।

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Kavya Gupta
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(Image Source: freepik)

Prenatal Infection Test, Why It Is Neccassary In Pregnancy: गर्भावस्था का समय वास्तव में अत्यंत सेन्सिटिव होता है। इस समय मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य को ध्यान से देखना और सुरक्षित रखना महत्वपूर्ण होता है। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में बड़े हार्मोनल परिवर्तन होते हैं, जो उन्हें अधिक संक्रामक बना सकते हैं और उनके इम्यून सिस्टम को कमजोर कर सकते हैं। इसलिए, गर्भावस्था के दौरान उचित चिकित्सा सेवा, नियमित चेकअप, स्वस्थ आहार, स्थिर मानसिक स्थिति और स्वस्थ जीवनशैली का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं के लिए प्रीनेटल इंफेक्शन स्क्रीनिंग टेस्ट भी बहुत जरूरी है। इस टेस्ट के लिए जरिए यह सुनिश्चित किया जाता है कि मां और बच्चे दोनों में से किसी को भी कोई संक्रमण तो नही।

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क्या है प्रीनेटल इंफेक्शन टेस्ट गर्भावस्था में क्यों पड़ती है इसकी जरूरत

1. TORCH टेस्टिंग 

गर्भावस्था के दौरान TORCH टेस्टिंग एक एहम टेस्ट हो सकता है। TORCH टेस्टिंग के माध्यम से, डॉक्टर गर्भवती महिला के खून का सैंपल लेते हैं और उसे विभिन्न संक्रमण की जाँच के लिए भेजते हैं। TORCH का मतलब 

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T - Toxoplasmosis (टोक्सोप्लाजमोसिस)
O - Other (अन्य संक्रमण)
R - Rubella (रूबेला)
C - Cytomegalovirus (साइटोमेगलोवायरस)
H - Herpes simplex virus (हर्पेस साधारण वायरस)

TORCH टेस्ट का मकसद गर्भावस्था के दौरान मां और बच्चे के बीच संक्रमण की पहचान करना होता है, जो गर्भावस्था के दौरान मां से बच्चे तक पहुंच सकते हैं और उसके स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं। इस प्रक्रिया के माध्यम से, डॉक्टर संक्रमण की पहचान करते हैं और गर्भावस्था के दौरान संक्रमण के खतरे को कम करने के उपाय बताने में मदद कर सकते हैं।

2. सिफिलिस स्क्रीनिंग

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गर्भावस्था के दौरान सिफिलिस स्क्रीनिंग एक महत्वपूर्ण टेस्ट होता है। सिफिलिस vagina से फैलने वाला रोग है जो एक बैक्टीरिया के कारण होता है। यह रोग मां और बच्चे के लिए खतरनाक हो सकता है अगर इसका समय पर उपचार नहीं किया जाता। गर्भावस्था के दौरान सिफिलिस स्क्रीनिंग के लिए, डॉक्टर खून का टेस्ट करते है और खून में कुछ विशेष एंटीबॉडीज की जांच की जाती है जो सिफिलिस के खिलाफ प्रतिक्रिया करती हैं। यदि सिफिलिस के लिए पॉजिटिव परिणाम प्राप्त होता है, तो समय पर उपचार करना महत्वपूर्ण होता है ताकि संक्रमण से नुकसान को रोका जा सके। अगर सिफिलिस संक्रमित महिला को सही इलाज नहीं मिलता तो यह गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है।

3. HIV/एड्स स्क्रीनिंग

HIV (Human Immunodeficiency Virus) एक वायरस है जो एड्स (Acquired Immunodeficiency Syndrome) का कारण बनता है, जो शरीर के इम्यून सिस्टम को बहुत कमजोर कर देता है। गर्भावस्था के दौरान HIV/AIDS स्क्रीनिंग का मकसद इस रोग की जांच करना होता है, ताकि अगर महिला संक्रमित होती है, तो समय रहते उपचार किया जा सके और संक्रमण को बच्चे तक न पहुंचे। HIV/AIDS स्क्रीनिंग के लिए विभिन्न प्रकार के टेस्ट मौजूद होते हैं, जैसे कि खून के जांच, एचआईवी प्रोटीन टेस्ट आदि। इन परीक्षणों के माध्यम से, डॉक्टर इन्फेक्शन की पहचान कर सकते हैं और समय रहते इलाज कर सकते हैं।

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Disclaimer: इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।

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