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(Image Credit: Pinterest)
10 Things about Sunita Williams: सुनीता विलियम्स एक प्रसिद्ध अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री हैं जिनकी जड़ें भारत से जुड़ी हैं। वह नासा के अंतरिक्ष कार्यक्रम में महत्वपूर्ण योगदान देने वाली महिलाओं में से एक हैं। आइए जानते हैं उनके जीवन और उपलब्धियों के बारे में विस्तार से।
Sunita Williams के बारे में 10 रोचक तथ्य
1. प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
सुनीता विलियम्स का जन्म 19 सितंबर 1965 को अमेरिका के ओहायो राज्य के यूरिक्लिड में हुआ था। उनके पिता भारतीय मूल के हैं और मां स्लोवेनियाई मूल की हैं। सुनीता ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा नीडम हाई स्कूल, मैसाचुसेट्स से प्राप्त की। उन्होंने 1983 में संयुक्त राज्य नौसेना अकादमी से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और 1995 में फ्लोरिडा इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से मास्टर डिग्री प्राप्त की।
2. नौसेना करियर
सुनीता विलियम्स ने 1987 में अमेरिकी नौसेना में प्रवेश किया। उन्होंने नौसेना पायलट के रूप में अपने करियर की शुरुआत की और कई महत्वपूर्ण अभियानों में भाग लिया। वे हेलीकॉप्टर पायलट के रूप में कार्यरत थीं और उन्हें विभिन्न प्रकार के विमान उड़ाने का अनुभव है। नौसेना में उनकी सेवा ने उनके अंतरिक्ष यात्री बनने की नींव रखी।
3. नासा में चयन
1998 में, सुनीता विलियम्स को नासा के अंतरिक्ष यात्री कार्यक्रम के लिए चुना गया। उन्होंने अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया और इसके बाद उन्हें विभिन्न अंतरिक्ष अभियानों में शामिल किया गया। नासा में उनके चयन ने उनके जीवन को एक नई दिशा दी और वे अंतरिक्ष यात्रा के लिए प्रेरित हुईं।
4. अंतरिक्ष में पहला मिशन
सुनीता विलियम्स का पहला अंतरिक्ष मिशन दिसंबर 2006 में शुरू हुआ। वे STS-116 मिशन के तहत अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) गईं। इस मिशन के दौरान, उन्होंने कई महत्वपूर्ण वैज्ञानिक प्रयोग और मरम्मत कार्य किए। यह मिशन उनके लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था और उन्होंने अंतरिक्ष में कुल 195 दिन बिताए।
5. अंतरिक्ष में सबसे लंबा समय बिताने वाली महिला
सुनीता विलियम्स ने अंतरिक्ष में सबसे लंबा समय बिताने वाली महिला का रिकॉर्ड बनाया। उनके पहले मिशन के दौरान, उन्होंने अंतरिक्ष में 195 दिन बिताए और यह रिकॉर्ड उनके दूसरे मिशन के बाद 321 दिन तक पहुंच गया। उन्होंने अंतरिक्ष में समय बिताने के मामले में कई पुरुषों को भी पीछे छोड़ दिया।
6. स्पेसवॉक का अनुभव
सुनीता विलियम्स ने अंतरिक्ष में कुल सात स्पेसवॉक किए हैं। उनके स्पेसवॉक का कुल समय 50 घंटे और 40 मिनट है, जो किसी महिला द्वारा किए गए सबसे अधिक स्पेसवॉक का रिकॉर्ड है। उनके स्पेसवॉक का अनुभव अंतरिक्ष अभियानों के लिए महत्वपूर्ण रहा है और उन्होंने अंतरिक्ष स्टेशन की मरम्मत और उन्नयन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
7. अंतरिक्ष में दौड़
सुनीता विलियम्स ने अंतरिक्ष में रहते हुए 2007 में बोस्टन मैराथन में भाग लिया। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर एक ट्रेडमिल पर दौड़ पूरी की और यह एक अनोखा अनुभव था। इस दौड़ ने यह साबित किया कि अंतरिक्ष में रहते हुए भी शारीरिक फिटनेस को बनाए रखा जा सकता है और उन्होंने अपने अभियान को सफलतापूर्वक पूरा किया।
8. पुरस्कार और सम्मान
सुनीता विलियम्स को उनके अद्वितीय योगदान के लिए कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हुए हैं। उन्हें NASA के विभिन्न पुरस्कारों के अलावा भारतीय सरकार द्वारा भी सम्मानित किया गया है। 2008 में, उन्हें भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से नवाजा गया। उनके योगदान ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि दिलाई।
9. अंतरिक्ष में दूसरी उड़ान
सुनीता विलियम्स ने 2012 में अपनी दूसरी अंतरिक्ष उड़ान भरी। वे सोयूज टीएमए-05एम मिशन के तहत अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन गईं। इस मिशन के दौरान, उन्होंने कई वैज्ञानिक प्रयोग किए और अंतरिक्ष स्टेशन के रखरखाव और मरम्मत कार्यों में योगदान दिया। इस मिशन के बाद, उन्होंने अंतरिक्ष में कुल 321 दिन बिताए।
10. प्रेरणा स्रोत
सुनीता विलियम्स न केवल अमेरिका बल्कि भारत और दुनिया भर की महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। उनके अद्वितीय योगदान और उपलब्धियों ने युवा महिलाओं को विज्ञान, तकनीक और अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया है। वे अपने कठिन परिश्रम और समर्पण के लिए जानी जाती हैं और उनके जीवन की कहानी सभी के लिए प्रेरणादायक है।
सुनीता विलियम्स का जीवन एक उदाहरण है कि किस प्रकार कठिन परिश्रम, समर्पण और दृढ़ संकल्प से किसी भी क्षेत्र में असाधारण उपलब्धियाँ हासिल की जा सकती हैं। उनके अंतरिक्ष अभियानों ने विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और उन्होंने महिलाओं के लिए एक नई दिशा दिखाई है। सुनीता विलियम्स की कहानी हर व्यक्ति के लिए प्रेरणा का स्रोत है और यह साबित करती है कि किसी भी बाधा को पार करके सपनों को साकार किया जा सकता है।