अफ़ग़ान महिलाओं की आवाज़: तालिबान ने महिला लेखिकाओं की किताबें बैन कीं

अफ़ग़ानिस्तान के विश्वविद्यालयों से महिलाओं द्वारा लिखी गई करीब 140 किताबें हटा दी गई हैं। तालिबान का कहना है कि ये किताबें उनकी नीतियों और शरिया के खिलाफ हैं।

author-image
Rajveer Kaur
New Update
Afghan Women Stripped of Education and Freedom Under Taliban Rule

Photograph: (New York Times/Redux/eyevine (2019) | Used for rerpesentation only)

Afghan Women Stripped of Education and Freedom Under Taliban Rule: तालिबान ने कथित तौर पर 19 सितंबर को अफ़ग़ानिस्तान के विश्वविद्यालयों से महिलाओं द्वारा लिखी गई किताबें हटाने का आदेश दिया। बीबीसी के मुताबिक़, लगभग 140 महिला लेखिकाओं की किताबें उन 679 पुस्तकों में शामिल थीं जिन्हें "शरिया और तालिबान विरोधी नीतियों" के कारण "चिंताजनक" बताया गया। इसमें "सेफ़्टी इन द केमिकल लेबोरेटरी" जैसी किताबें और मानवाधिकार व यौन उत्पीड़न से जुड़े विषय शामिल हैं। एक तालिबान अधिकारी ने कहा कि ये किताबें "शरिया के सिद्धांतों और सिस्टम की नीति के खिलाफ हैं।"

Advertisment

अफ़ग़ान महिलाओं की आवाज़: तालिबान ने महिला लेखिकाओं की किताबें बैन कीं 

तालिबान की शिक्षा पर सख़्ती

BBC अफ़ग़ान की रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान के डिप्टी हायर एजुकेशन मिनिस्टर ज़ियाउर रहमान आर्युबी ने विश्वविद्यालयों को लिखे एक पत्र में कहा कि यह फ़ैसला “धार्मिक विद्वानों और विशेषज्ञों” की समिति द्वारा लिया गया है। उन्होंने निर्देश दिया कि जिन किताबों पर प्रतिबंध लगाया गया है, उनकी जगह ऐसे पाठ्यक्रम रखे जाएँ जो “इस्लाम से टकराव में न हों।”

BBC की रिपोर्ट के मुताबिक़, प्रतिबंधित 18 विषयों में से 6 सीधे तौर पर महिलाओं से जुड़े हैं, जिनमें जेंडर एंड डेवलपमेंट, द रोल ऑफ़ वीमेन इन कम्युनिकेशन और वीमेन’स सोशियोलॉजी जैसे विषय शामिल हैं। तालिबान सरकार का कहना है कि वह महिलाओं के अधिकारों का सम्मान करती है, लेकिन अपनी “अफ़ग़ान संस्कृति और इस्लामी क़ानून की व्याख्या” के अनुसार।

काबुल के सूत्रों ने इंडिपेंडेंट पर्शियन को बताया कि बड़ी संख्या में किताबों पर बैन से अफ़ग़ानिस्तान की उच्च शिक्षा व्यवस्था पर गहरा असर पड़ेगा, क्योंकि विश्वविद्यालयों को अब नए पाठ्यक्रम ढूँढने पर ज़ोर देना होगा। महिला लेखिकाओं की किताबों के साथ ही लगभग 300 ईरानी लेखकों या प्रकाशकों की किताबें भी निशाने पर हैं ताकि “ईरानी सामग्री का प्रभाव” रोका जा सके।

Advertisment

अफ़ग़ानिस्तान में महिलाओं पर प्रतिबंध

नई शिक्षा नीतियाँ तालिबान द्वारा 2021 में सत्ता में लौटने के बाद महिलाओं की शिक्षा, आवाज़ और पहचान पर लगाए गए कई प्रतिबंधों की कड़ी हैं। कुछ दिन पहले ही तालिबान के सर्वोच्च नेता के आदेश पर "अनैतिकता रोकने" के नाम पर अफ़ग़ानिस्तान के कम से कम 10 प्रांतों में फाइबर-ऑप्टिक इंटरनेट पर भी रोक लगा दी गई।

तालिबान ने लड़कियों की शिक्षा छठी कक्षा (लगभग 12 साल की उम्र) से आगे रोक दी है, यह कहते हुए कि यह उनकी "इस्लाम की व्याख्या" के खिलाफ है। दिसंबर 2022 में महिलाओं को उच्च शिक्षा से भी वंचित कर दिया गया, यहाँ तक कि कई छात्राओं को दाखिला मिलने के बाद विश्वविद्यालय से निकाल दिया गया।

2024 के अंत में, दाई, नर्सिंग और अन्य स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रम भी महिलाओं के लिए बंद कर दिए गए। इसके अलावा, महिलाओं को सरकारी नौकरियों से घर पर रहने का आदेश दिया गया है। उन्हें पुरुष अभिभावक (मह्रम) के बिना लंबी दूरी की यात्रा करने की अनुमति नहीं है। साथ ही, महिलाओं को सख़्त ड्रेस कोड का पालन करना पड़ता है, जिसमें पूरा शरीर ढकने वाला बुर्क़ा या नक़ाब अनिवार्य है। महिला गायिकाओं और संगीत पर भी प्रतिबंध है; यहाँ तक कि महिलाएँ रेडियो नाटकों और विज्ञापनों में भी हिस्सा नहीं ले सकतीं।

Advertisment