भारत और दक्षिण एशिया में साड़ी एक पारंपरिक परिधान है, लेकिन हाल ही में हुई एक स्टडी में यह चौंकाने वाली बात सामने आई है कि साड़ी का टाइट पेटीकोट बांधने से 'पेटीकोट कैंसर' या 'साड़ी कैंसर' हो सकता है। BMJ Case Reports में प्रकाशित इस शोध के अनुसार, कई बुजुर्ग महिलाएं जो दशकों से साड़ी पहनती आईं हैं, उन्हें एक दुर्लभ कैंसर ‘Marjolin ulcer’ हो गया। यह अल्सर लंबे समय तक नजरअंदाज किए जाने के बाद कैंसर का रूप ले सकता है।
क्या आपकी साड़ी का पेटीकोट कैंसर का कारण बन सकता है? जानें डॉक्टर्स की चेतावनी
साड़ी और धोती कैंसर: अध्ययन और मामलों की जानकारी
भारतीय शोधकर्ताओं कावेरी रूसिया, भूषण मदके, पीयूष कुमार और यश काशिकर द्वारा किए गए इस अध्ययन में कई मामलों का वर्णन है, जहां बुजुर्ग महिलाओं को तंग साड़ी बांधने के बाद कैंसर का सामना करना पड़ा। एक मामले में, 70 वर्षीय महिला ने अपने कमर पर एक अल्सर देखा, जो सालों से टाइट पेटीकोट बांधने के कारण हो गया था। इसे स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा के रूप में पहचान की गई।
एक अन्य मामले में, छत्तीसगढ़ की एक महिला, जो अपने लुगड़ा साड़ी को बिना पेटीकोट के सीधे कमर पर बांधती थीं, को भी यही समस्या हुई।
कारण और बचाव के उपाय
डॉक्टर्स के अनुसार, जब पेटीकोट या धोती का तार बहुत टाइट बांधा जाता है, तो इससे त्वचा में घर्षण और जलन होती है, जो बाद में अल्सर बन सकता है और कैंसर में बदल सकता है। इसका खतरा उन क्षेत्रों में अधिक होता है जहां जलवायु गर्म और उमस भरी होती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस समस्या से बचने के लिए पेटीकोट का तार ढीला बांधना, चौड़े कमरबंद का उपयोग करना, और साफ-सफाई बनाए रखना ज़रूरी है।
इस प्रकार, यह नई चेतावनी लोगों को साड़ी और धोती बांधने के सही तरीके और उससे होने वाले स्वास्थ्य खतरे के प्रति सचेत करती है।