राष्ट्रपति की पहली महिला ADC बनीं यशस्वी सोलंकी: भारतीय नौसेना की लेफ्टिनेंट कमांडर ने रचा इतिहास

भारतीय नौसेना की लेफ्टिनेंट कमांडर यशस्वी सोलंकी बनीं भारत की राष्ट्रपति की पहली महिला Aide-De-Camp (ADC)। जानिए उनकी प्रेरणादायक कहानी, चयन प्रक्रिया और इस ऐतिहासिक उपलब्धि का महत्व।

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Vaishali Garg
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Meet Yashasvi Solankee First Female Aide De camp To India President

Photograph: (Patrika News)

Meet Yashasvi Solankee First Female Aide De camp To India President: भारतीय नौसेना की लेफ्टिनेंट कमांडर यशस्वी सोलंकी ने इतिहास रच दिया है। वे भारत की राष्ट्रपति की पहली महिला एड-डी-कैम्प (ADC) बनी हैं। मई 2025 में उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ अपनी नई ज़िम्मेदारी संभाली और यह नियुक्ति न केवल सैन्य इतिहास में, बल्कि भारत की नारी शक्ति के सफर में भी एक ऐतिहासिक पल बन गई।

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राष्ट्रपति की पहली महिला ADC बनीं यशस्वी सोलंकी: भारतीय नौसेना की लेफ्टिनेंट कमांडर ने रचा इतिहास

कौन हैं यशस्वी सोलंकी?

हरियाणा के चरखी दादरी जिले की रहने वाली यशस्वी सोलंकी एक साधारण परिवार से आती हैं। उनके पिता एक सरकारी स्कूल में शिक्षक हैं और मां गृहिणी। यशस्वी ने दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज से पढ़ाई की और 2012 में शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत भारतीय नौसेना में भर्ती हुईं।

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उनकी सेवा भारतीय नौसेना के नेवल आर्मामेंट (डिफेंस प्रोडक्शन) विभाग, हैदराबाद में रही है, जहां उन्होंने रक्षा उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अप्रैल 2025 में उन्हें नौसेना के तीन महिला अधिकारियों के पैनल में से चुना गया और फिर राष्ट्रपति की ADC के रूप में नियुक्त किया गया।

राष्ट्रपति की ADC की भूमिका क्या होती है?

ADC यानी Aide-De-Camp, राष्ट्रपति के सबसे करीबी सैन्य सहायक होते हैं। उनका कार्य केवल औपचारिक नहीं होता, बल्कि वे राष्ट्रपति के हर राजकीय, कूटनीतिक और संचालन संबंधी कार्यों में मदद करते हैं। वे राष्ट्रपति के सभी कार्यक्रमों में उनके साथ होते हैं, उन्हें ब्रीफ करते हैं और राष्ट्रपति के सरकारी कार्यों और निर्णयों में समन्वय स्थापित करते हैं।

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यशस्वी ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बताया, “हमें हर पल पूरी तरह अपडेट रहना होता है, क्योंकि कभी भी कोई सवाल आ सकता है और मुझे तैयार रहना होगा।”

चयन प्रक्रिया और शारीरिक योग्यता

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राष्ट्रपति स्वयं अपनी ADC का चयन करते हैं। इसके लिए कुछ विशेष मानदंड होते हैं:

  • न्यूनतम ऊंचाई: 173 सेंटीमीटर
  • शारीरिक दक्षता और प्रोफेशनल सेवा रिकॉर्ड
  • महिलाएं जो पर्मानेंट कमीशन में नहीं हैं, वे भी आवेदन कर सकती हैं

ADC आमतौर पर तीन साल की अवधि के लिए नियुक्त किए जाते हैं।

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पहली महिला ADC, लेकिन पहली नहीं जो सैन्य पद पर नियुक्त हुईं

हालांकि यशस्वी सोलंकी राष्ट्रपति की पहली महिला ADC हैं, पर उनसे पहले भी कुछ महिलाओं को विशिष्ट सैन्य पदों पर ADC के रूप में नियुक्त किया गया है:

  • 2019 में लेफ्टिनेंट गनेव लालजी आर्मी कमांडर की ADC बनीं
  • 2023 में स्क्वाड्रन लीडर मनीषा पाढ़ी मिजोरम के राज्यपाल की ADC बनीं
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लेकिन राष्ट्रपति के स्तर पर यह जिम्मेदारी पहली बार किसी महिला अधिकारी को मिली है और यशस्वी ने यह कर दिखाया।

नारी शक्ति का प्रतीक बना यह मुकाम

यशस्वी सोलंकी का यह पद महिला सशक्तिकरण, भारतीय सेना में लैंगिक समानता, और नए भारत की सोच का प्रमाण है। उनकी यह उपलब्धि न केवल देश की बेटियों के लिए प्रेरणा है, बल्कि हर उस परिवार के लिए गर्व का विषय है जहां बेटियों को आगे बढ़ने का अवसर दिया जाता है।

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