Prem Gupta From Jharkhand Celebrates His Daughter's Homecoming After Divorce: जहां आज भी समाज में बेटी का डाइवोर्स एक माता-पिता के लिए किसी भयंकर सपने से कम नहीं है जहां आज भी माता-पिता बेटी के किसी तनाव भरे रिश्ते से मुक्ति की खुशी ना मना कर उसके डाइवोर्स का गम मानते हैं वही झारखंड में बसे प्रेम गुप्ता ने बदलाव की एक नई पहल जारी की जब वह अपनी बेटी के डाइवोर्स के बाद उसे बैंड बाजे के साथ घर ले आएI गुप्ता जी ने अपने इस अंदाज से वाकई में हम सभी का दिल जीत लियाI
क्या है प्रेम गुप्ता की बेटी की कहानी?
झारखंड इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी में असिस्टेंट इंजीनियर के बतौर काम करने वाले प्रेम गुप्ता ने 28 अप्रैल 2022 को अपनी बेटी साक्षी की शादी सचिन कुमार नामक युवक के साथ कराईI ईटीवी भारत के अनुसार विवाह के कुछ ही समय बाद साक्षी के पति उन पर अत्याचार करने लगे और साक्षी को 1 साल तक अपमान और उत्पीड़न का सामना करना पड़ाI यहां तक कि उनके ससुराल वालों द्वारा उन्हें मायके तक भेज दिया गया थाI केवल यही नहीं साक्षी को लंबे समय तक अंधेरे में रखा गया जब उनसे यह छुपाया गया कि उनके पति उनसे पहले भी दो बार शादी कर चुके हैI इन सब के बावजूद भी साक्षी ने उनके शादी को बचाए रखने की कोशिश की लेकिन कुछ पल के बाद उन्हें यह एहसास हुआ कि उनके संबंध में बचाने जैसा अब कुछ भी नहीं रह गया है और उन्होंने डिवोर्स के लिए फाइल कियाI हालांकि हिंदू विवाह अधिनियम 1955 के अनुसार विच्छेद के लिए सिफारिश करने के बाद एक साल तक पति और पत्नी दोनों को अपने विवाह को और एक मौका देना पड़ता है लेकिन जैसी साक्षी की हालत थी उससे यह साफ जाहिर था कि उनकी शादी में अब मौके की कोई गुंजाइश नहीं रहीI
कैसे किया गुप्ता जी ने अपनी बेटी का स्वागत?
गुप्ता जी ने इन सब के दौरान अपनी बेटी का पूरा साथ निभाया और उन्हें उसे एक भी पल के लिए यह महसूस नहीं होने दिया कि वह अकेली हैI साक्षी के तलाक के बाद उनके पिता ने ढोल नगाड़ों के साथ अपनी बेटी के घर वापसी का जश्न मनायाI यह खुशी तलाक से ज्यादा उनकी बेटी की वापस से पाई गई स्वतंत्रता की थीI फेसबुक पर इस जश्न का 10 मिनट का वीडियो शेयर करते हुए गुप्ता जी ने लिखा कि-
"बेटी के धूमधाम से विदाई के बाद जब आपको पता चले कि उसका ससुराल गलत है तो आपको अपनी बेटी को मान और सम्मान के साथ अपने घर वापस लाना चाहिए क्योंकि बेटियां बहुत अनमोल होती है।"
प्रेम गुप्ता उन सभी माता-पीताओं के लिए एक प्रेरणा बने कि यदि आपकी बेटी अपने विवाहित जीवन में खुश ना हो तो उसे आवाज़ उठाने के लिए प्रोत्साहित करे ताकि उसे यह ना लगे कि वह अकेली है और उसका कोई और घर नहीं हैI समाज के डर से अपनी बेटी को अकेला ना छोड़े उसे यह एहसास दिलाए कि वह वापस लौट सकती है और एक स्वतंत्रपूर्ण जीवन जी सकती हैI