रेप पीड़िता ने आरोपी से की शादी, राजस्थान हाई कोर्ट ने खत्म किया केस, बताया विवाह पवित्र बंधन

यह मामला राजस्थान हाई कोर्ट का है, जहां रेप पीड़िता द्वारा आरोपी से शादी करने के बाद अदालत ने केस समाप्त कर दिया। कोर्ट ने विवाह को एक पवित्र और दिव्य बंधन बताते हुए यह निर्णय सुनाया।

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Priya Singh
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Court (Freepik)

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Rape victim marries the accused Rajasthan High Court canceled the case: राजस्थान हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में एक रेप केस को खत्म कर दिया, जब पीड़िता ने आरोपी से विवाह कर लिया। अदालत ने कहा कि विवाह केवल एक सामाजिक परंपरा नहीं है, बल्कि यह एक पवित्र और दिव्य बंधन है, जो दो आत्माओं और परिवारों को जोड़ता है। कोर्ट ने अपने फैसले में विवाह के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व को रेखांकित किया। इस मामले ने एक बार फिर न्याय और सामाजिक मूल्यों के बीच संतुलन पर बहस को जन्म दिया है।

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रेप पीड़िता ने आरोपी से की शादी, हाई कोर्ट ने खत्म किया केस, बताया विवाह पवित्र बंधन

खबरों के अनुसार राजस्थान हाई कोर्ट के जज ने कहा कि विवाह सिर्फ एक सामाजिक औपचारिकता नहीं है, बल्कि यह जीवन भर का पवित्र बंधन है। अदालत ने कहा, “विवाह धर्म, अर्थ और काम की पूर्ति का एक माध्यम है और शारीरिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक स्तर पर गहरा संबंध स्थापित करता है।” जज ने स्पष्ट किया कि विवाह सांसारिक लेन-देन से परे है और इसे अद्वितीय सांस्कृतिक सम्मान प्राप्त है।

हालांकि, कोर्ट ने साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि इस फैसले को भविष्य में किसी अन्य रेप केस को रद्द करने के उदाहरण के रूप में नहीं लिया जाएगा। हर मामला अपनी परिस्थितियों के आधार पर ही तय होगा।

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क्या था पूरा मामला?

इस केस की शुरुआत सोशल मीडिया पर हुई एक दोस्ती से हुई थी। पीड़िता और आरोपी के बीच नजदीकियां बढ़ीं और आरोपी ने शादी का वादा किया। वादे के आधार पर दोनों के बीच शारीरिक संबंध बने और पीड़िता गर्भवती हो गई। बाद में आरोपी ने उसे गर्भपात की गोलियां देकर रिश्ता तोड़ दिया और बातचीत बंद कर दी।

पीड़िता ने इस धोखाधड़ी और दुष्कर्म के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराया। लेकिन बाद में आरोपी ने विवाह के लिए सहमति दे दी। शादी संपन्न होने के बाद आरोपी ने कोर्ट में याचिका दायर कर केस समाप्त करने की अपील की।

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सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला

हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के पूर्व फैसलों का हवाला दिया, जिनमें विवाह होने के बाद दुष्कर्म के मुकदमे खत्म करने की अनुमति दी गई थी। अदालत ने माना कि पीड़िता अब आरोपी और उसके परिवार के साथ सुखपूर्वक जीवन व्यतीत कर रही है और उसे मुकदमे को आगे बढ़ाने की कोई इच्छा नहीं है। कोर्ट ने कहा कि विवाह दो व्यक्तियों, उनके परिवारों और समुदायों के बीच एक गहन और स्थायी बंधन स्थापित करता है, जिसे संरक्षित किया जाना चाहिए। न्यायालय ने इस बंधन की गरिमा को ध्यान में रखते हुए मामला समाप्त करने का निर्णय लिया।

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