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Two Finger Test को सुप्रीम कोर्ट ने सेक्सिस्ट बताया, क्या होता है ‘टू फिंगर टेस्ट’?

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Rajveer Kaur
Nov 01, 2022 16:52 IST
two finger test

31 अक्टूबर यानी सोमवार के दिन सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और हिमा कोहली की पीठ ने यह टिप्पणी कि हैं, 'यह कहना "पितृसत्तात्मक और सेक्सिस्ट" है कि एक यौन सक्रिय महिला का बलात्कार नहीं किया जा सकता है, सुप्रीम कोर्ट निर्देश दिया कि यौन उत्पीड़न के शिकार लोगों पर उनके यौन इतिहास का पता लगाने के लिए 'टू फिंगर टेस्ट' करने वाले "कदाचार के दोषी" हैं। इस टेस्ट का कोई वैजानिक आधार नहीं है। इससे महिलाओं कि गरिमा को ठेस पहूँचती है। सुप्रीम कोर्ट ने कोर्ट ने जांच के इस तरीक़े को मेडिकल की पढ़ाई से हटाने का आदेश दिया है'।

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क्या होता है ‘टू फिंगर टेस्ट’?

इस टेस्ट में डॉक्टर महिला के वजाइना में ऊँगली डालकर उसके बहार एक पतली झिल्ली जिसको हाइमन भी कहा जाता है जाँच करता करता है। इस टेस्ट से सेक्सुअली एक्टिव होने या न होने का पता चलता है। इससे यह साबित नहीं होता है कि जबरदस्ती सबंध बनाए है। 

Two Finger Test को सुप्रीम कोर्ट ने "पितृसत्तात्मक और सेक्सिस्ट बताया

सुप्रीम कोर्ट ने सरकारों को यह सुनिश्चित करने के लिए  निर्देश दिया कि यौन उत्पीड़न और बलात्कार लोगों की जांच करते समय "टू-फिंगर टेस्ट" को अपनाई जाने वाली प्रक्रियाओं में से एक के रूप में निर्धारित नहीं किया गया है। तथाकथित परीक्षण गलत धारणा पर आधारित है कि एक यौन सक्रिय महिला का बलात्कार नहीं किया जा सकता है। सच्चाई से आगे कुछ भी नहीं हो सकता है - एक महिला का यौन इतिहास पूरी तरह से महत्वहीन है, यह तय करते हुए कि क्या आरोपी ने उसके साथ बलात्कार किया था।"

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा, केंद्र और राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देते हुए कि मंत्रालय के दिशा-निर्देश सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में प्रसारित किए जाएं, SC ने यौन उत्पीड़न और बलात्कार को निर्धारित करने के लिए उचित प्रक्रिया को संप्रेषित करने के लिए कार्यशालाएं आयोजित करने का भी आदेश दिया। 

 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने इस टेस्ट को बंदकर दिया था। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा कहा गया था यह टेस्ट महिला के अधिकार का उल्लंघन करता है। कोर्ट का कहना है कि लड़की की सेक्सुअल हिस्ट्री रपे मामले में कोई मायने नहीं रखती है।  टेस्ट के नतीजों को काल्पिनिक और निज्जी राय बताया था। 

इस मामले पर चर्चा क्यों ?

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार बनाम शैलेंद्र कुमार राय के केस में ‘टू फिंगर टेस्ट को आधार मानते हुए रेप और हत्या के आरोपी को बरी कर दिया थ। सुप्रीम कोर्ट इसलिए इस मामले पर चर्चा कर रहा है क्योंकि अब उन्होंने  हाईकोर्ट के फैसले को पलटकर आरोपी को दोषी माना है। 

#rape test #two tube test #supreme court
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