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केरल की महिला ने की नेत्रहीन पुरुष की मदद ; वीडियो वायरल

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Swati Bundela
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कास्ट, क्रीड, धर्म को साइड में रखकर कुछ लोग और कुछ स्टोरीज ऐसी होती हैं जो नेकी से हमारा दिन बना देती हैं। केरल का एक रीसेंट वीडियो जिसमे एक महिला आंखों से दिव्यांग वृद्ध पुरूष की मदद करते हुए दिख रही हैं इसमें से एक है।

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बुजुर्ग दिव्यांगजन की करी मदद

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वो महिला इस दिव्यांग बुजुर्ग को बस में बैठाती हैं जो लगभग उस बुजुर्ग से छूटने वाली थी। इस वीडियो में महिला बस के पीछे भागती हुई दिख रहीं हैं जिसमे वो कंडक्टर से रुकने और उस बुजुर्ग को ठीक से बैठाने के लिए कह रहीं हैं। महिला की इस नेकी को सोशल मीडिया का अटेंशन मिला और इसलिए उनको सबसे सराहना मिल रही है।

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वायरल हुआ वीडियो

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वीडियो वायरल हो गया है और ये महिला कुछ ही समय में हीरो बन गईं हैं। इस नेक महिला का नाम सुप्रिया है और वो तिरुवल्ला में सेल्सवुमन के रूप में काम कर रहीं हैं।



वीडियो में था क्या
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41 सेकंड के वीडियो में साफ साफ दिख रहा है कि उस बुजुर्ग दिव्यांग व्यक्ति की बस छूटने वाली है और बस ने रफ्तार पकड़ ली है पर वो व्यक्ति धीरे धीरे चल रहें हैं।

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सुप्रिया उस बस के पीछे भागती हैं और वो बस कंडक्टर से उस बुजुर्ग आदमी के लिए थोड़ी देर रुकने के लिए कहती हैं। फिर उन्होंने बूढ़े आदमी का हाथ पकड़ा और उन्हें सुरक्षित बस में बैठा दिया।



कोई हैरानी नहीं
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ये कोई हैरानी की बात नहीं है कि इस वीडियो को अटेंशन मिला। इसको सबसे पहले आईपीएस अफसर ने ट्वीटर पर शेयर करते हुए लिखा,"इन्होंने इस दुनिया को रहने के लिये बेटर बनाया। नेकी खूबसूरत है।"



सुप्रिया से बातचीत



एक लोकल न्यूज़ आउटलेट से बात करते हुए सुप्रिया कहतीं हैं," मैंने उनसे(बुजुर्ग) पूछा कि उन्हें कहां जाना है। मुझे पता करना था कि आसपास कोई बस स्टॉप है कि नहीं। मैंने सोचा मेरे पति अनूप बाइक पर उन्हें बस स्टॉप तक पहुँचा देंगे।"



"किस्मत से बस कुछ दूर आगे आकर रुकी। मैंने बस के कंडक्टर से बात की जो पीछे वाली सीट पर बैठा था। मुझे नहीं लगा कि बस रुकेगी।"



सुप्रिया ने इस वीडियो में अपनी नेकी के ज़रिए कई फ़ैन्स बनाये हैं



एक यूजर ने लिखा,"ये अपने में हीं अलग इंसान हैं, अच्छी नीयत। एक सेकंड के लिए मदद के लिए दूसरी बार नहीं सोचा। दुनिया इन जैसे लोगों की वजह से बची हुई है।"



दूसरे यूजर लिखते हैं,"प्यार में विश्वास करना चाहिए और मुझे विश्वास है उसके बाद कोई नफरत और ढोंग नहीं रहेगा। किसी नेक और दिलदार व्यक्ति का काम ये नहीं दिखाता कि बाकी सारे असंवेदनशील हैं। ये दिखाता है कि हम नेकी और मानवता दिखाने से चूक जाते हैं।"



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