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Gender Bias: बेटी हुई है.... आज भी समाज इस रूढ़िवादी विचार से लड़ रहा है

स्त्री नवजीवन की जननी है। लेकिन आज भी कई जगह बेटियों को लेकर गलत धारणाएँ और पूर्वाग्रह मौजूद हैं। भले ही आधुनिक समय में शिक्षा और जागरूकता का प्रसार हुआ हो, लेकिन बेटी के जन्म के बाद माँ के प्रति अनचाहे व्यवहार को नकारा नहीं जा सकता।

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kukshita kukshita
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5 Unwanted Behaviours Towards Mothers After the Birth of a Girl: स्त्री नवजीवन की जननी है। लेकिन आज भी कई जगह बेटियों को लेकर गलत धारणाएँ और पूर्वाग्रह मौजूद हैं। भले ही आधुनिक समय में शिक्षा और जागरूकता का प्रसार हुआ हो, लेकिन बेटी के जन्म के बाद माँ के प्रति अनचाहे व्यवहार को नकारा नहीं जा सकता। अक्सर बेटियों को "पराया धन" या "बोझ" माना जाता है, और इस सोच का सीधा असर माँ पर पड़ता है। बेटा पैदा करने वाली माँ को जहाँ परिवार और समाज से सम्मान और खुशियाँ मिलती हैं, वहीं बेटी पैदा करने वाली माँ को ताने, आलोचना और दोष का सामना करना पड़ता है। ऐसे अनचाहे व्यवहार सिर्फ माँ के आत्म-सम्मान को ठेस नहीं पहुंचाते, बल्कि उसकी मानसिक स्थिति को भी बुरी तरह प्रभावित करते हैं। 

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पाँच प्रमुख अनचाहे व्यवहारों जिनका सामना एक माँ को बेटी के जन्म के बाद करना पड़ता है

1. माँ को दोष देना

बेटी के जन्म के बाद माँ को अक्सर इस बात के लिए दोषी ठहराया जाता है कि उसने बेटी को जन्म दिया। भले ही वैज्ञानिक रूप से यह साबित हो चुका है कि बच्चे का लिंग पिता के गुणसूत्रों पर निर्भर करता है, फिर भी माँ को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है।

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2. ताने और आलोचनाएँ

माँ को परिवार और समाज से सीधे या परोक्ष रूप से ताने सुनने पड़ते हैं। "अगर बेटा होता तो अच्छा होता" “ पहला बच्चा बेटा होना था” जैसी बातें माँ के मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं और उसे खुद को दोषी महसूस करने पर मजबूर कर देती हैं।

3. आर्थिक दबाव

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कुछ परिवारों में बेटी के जन्म के बाद माँ पर अतिरिक्त आर्थिक दबाव डाल दिया जाता है। यह सोच बनाई जाती है कि बेटी की परवरिश, शिक्षा और शादी एक बड़ा खर्च होगा, और माँ से उम्मीद की जाती है कि वह इन जिम्मेदारियों का बोझ उठाएगी।

4. भावनात्मक समर्थन की कमी

बेटी के जन्म के बाद माँ को परिवार से अपेक्षित भावनात्मक समर्थन नहीं मिलता। बेटे के जन्म पर जहाँ खुशी और उत्सव होता है, वहीं बेटी के जन्म पर उदासीनता दिखाई जाती है, जिससे माँ अकेला महसूस करती है।

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5. माँ के निर्णयों पर संदेह

लड़की के जन्म के बाद, माँ के फैसलों पर लगातार सवाल उठाए जाते हैं। चाहे वह बेटी की परवरिश हो या अन्य घरेलू मामले, माँ की क्षमता पर संदेह किया जाता है और उसे निर्देश दिए जाते हैं कि क्या सही है और क्या गलत।

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