Be A Supporter Of Girls: लड़कियों की जिंदगी बहुत कठिन होती हैं। इस बात में कोई भी झूठ नहीं है। समाज की उनके प्रति अपेक्षाएं बहुत ज्यादा होती हैं लेकिन उनका साथ देने बहुत कम लोग आते हैं। उनके बारे में बातें ज्यादा बनाई जाती हैं। उन्हें अपने हर एक्शन के लिए जवाब देना पड़ता हैं। महिलाएं बिना शादी के रहे वो भी समाज को पसंद नहीं आता अगर शादी कर ले तो कहा जाता हैं करियर में आगे नहीं बढ़ रही। उस बात पर भी समाज में कहा जाएगा यह तो सिर्फ घर में रहती हैं। हमेशा समाज का उनके प्रति व्यवहार दोगला ही रहता है। वे कुछ भी कर ले लेकिन समाज को कभी कुछ नहीं रख सकती।
Support Girls: लड़कियों के पंख काटने की बजाय उनकी उड़ान में साथी बनें
जब आप एक लड़की होते हैं तब आप पर इल्जाम बहुत जल्दी लग जाते हैं क्योंकि समाज का निशाना आप ही होते हैं। लड़कियों के ऊपर दोष लगाना बहुत आसान है क्योंकि उन्हें कमजोर, निर्बल और बेचारी समझा जाता हैं। समाज के द्वारा उनकी परवरिश भी ऐसे ही की जाती हैं। जब कोई उनसे कुछ कहता है तो उन्हें यह बात मालूम होती है कि यह पलट कर जवाब नहीं देगी। यह चुपचाप सब कुछ सहन कर जाएंगी क्योंकि एक तो यह लड़की है इसलिए इसे ऐसा करना ही चाहिए। दूसरा इसका पालन पोषण भी इसी तरीके से किया गया है जिसके कारण इसके अंदर इतनी हिम्मत भी नहीं है कि यह उस बात का विरोध कर सके जो अच्छी नहीं लगती है। इस कारण बहुत सी लड़कियां अपने लिए कभी खड़ा ही नहीं हो पाती।
आज के समय में लड़कियों की समस्याएं बदल गई है लेकिन हालात अभी वहीं हैं। हमारा समाज आज एजुकेटेड हो गया है लेकिन फिर भी महिलाओं के साथ होने वाले शोषण अभी भी कम नहीं हुए हैं। समाज अभी भी उन्हें दबाना चाहता हैं। उनके पंख काटे जाते हैं। ये सब जो महिलाओं को पीछे खींचते हैं उन्हें यहीं कहना है कि महिलाओं को उड़ने दीजिए। उन्हें वो सब कुछ करने दीजिए जो वो करना चाहती हैं। अगर कोई उनका इस जर्नी में साथ देता है तो उसे देने दीजिए। उसके बारे में गलत बातें मत बनाएं। एक लड़की और लड़के से सोच कब ऊपर उठेगी। कब तक हम इस भेदभाव में फंसे रहेंगे और अपनी बेटियों को कुछ नहीं करने देंगे।
ऐसी कितनी महिलाएं हैं जो अपने सपनों का गला घोट कर घर की चार दिवारी में बंद होकर बैठी रहेंगी। इस बात पर हमें सोचने की जरूरत है। अगर आप उनके लिए कुछ नहीं कर सकते तो उनके बारे में बुरा मत बोलें और गलत बातें मत बनाएं। उनके चरित्र पर उंगलियां उठने का किसी के पास अधिकार नहीं है। अगर आप ऐसा नहीं कर रहे हैं तब भी आप उनकी बहुत बड़ी मदद कर रहे हैं। अपने घर की बेटी, बहू, पत्नी और माता साथ में उन महिलाओं को भी सपोर्ट करें जो आपके आसपास हैं। महिलाओं के लिए एक ऐसा माहौल पैदा करें जिनमें वह खुलकर सांस ले सके। उन्हें यह न सोचना पड़े कि अगर मैं रात को घर से बाहर जा रही हूं तो मुझे अपने साथ पेपर स्प्रे लेकर चलना है या मेरे पर कोई हमला हो जाएगा। वे बेखौफ होकर कहीं पर भी घूम सके।