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Opinion: क्या शादी के बाद महिला का उद्देश्य सिर्फ बच्चे पैदा करना है?

महिलाओं की बात करें उनके भी संघर्ष कम नहीं है। आज के इस लेख में हम बात करेंगे कैसे महिलाओं को शादी के बाद करियर के बजाए सिर्फ़ बच्चे पैदा करने के लिए कहा जाता है-

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Rajveer Kaur
Sep 15, 2023 11:00 IST
Career vs kids (vector stock)

(Image Credit: Vector Stock)

महिलाः- भारत जैसे देश में महिला होना बिल्कुल आसान नहीं है। यहाँ पर हर उम्र के हिसाब से आपके काम सेट किए गए है। इतनी उम्र तक पढ़ाई पूरी हो जानी चाहिए। इसके बाद शादी , शादी के बाद बच्चे, फिर उनकी शादी फिर उनके बच्चे। इसमें किसी दूसरे व्यक्ति की राए, पसंद और नापसंद का मूल्य नहीं है। अगर हम अकेले महिलाओं की बात करें उनके भी संघर्ष कम नहीं है। आज के इस लेख में हम बात करेंगे कैसे महिलाओं को शादी के बाद करियर के बजाए सिर्फ़ बच्चे पैदा करने के लिए कहा जाता है-

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Opinion:-क्या शादी के बाद महिला का उद्देश्य सिर्फ बच्चे पैदा करना है?

एक  महिला की उम्र जब 20 की उम्र से बढ़ जाती है तब उसे शादी के लिए फाॅर्स करना शुरू कर दिया जाता है। परिवार, रिश्तेदार और समाज  कहना शुरू कर देता है कि अब इसकी शादी कर दो 30 के बाद कोई इसके साथ शादी नहीं करेगा।  जब महिला की शादी हो जाती है तब उस पर बच्चा पैदा करने का प्रेशर डाला जाता है। उसे कहा जाता है अब बच्चा पैदा कर लो फिर लाइफ सेट है क्या कभी कोई औरत से पूछता है उसे क्या चाहिए ?

करियर के लिए कोई प्रोत्साहित नहीं करता है 

जब  महिला की शादी हो जाती है तब उसे कोई यह नहीं कहता तुम्हे आगे अपने करियर पर ध्यान देना चाहिए। सब यह कहने लग जाते है या पूछने कि बेटा अब बच्चा कब कर रहे हो? बच्चे में ज्यादा देरी मत करना फिर बाद में समस्या आती है। बच्चे का भी सही समय होता है उसमें ही कर लेना चाहिए। 

सिर्फ महिलाएं ही है जिन्हें करियर और बच्चों में से एक को चुनना पड़ता है लेकिन मर्दों के साथ ऐसा नहीं है उन्हें करियर छोड़ने के लिए कोई नहीं कहता है। उनकी शादी के बाद ज़िन्दगी में कोई बदलाव नहीं आते  है लेकिन महिलाओं को अपना घर और  करियर सब कुछ छोड़ना पड़ता है।  क्यों महिला को हर बार एक चीज़ को चुनना पड़ता है। क्यों कोई उनकी राय जानने की कोई कोशिश नहीं करता है। अगर औरत वर्किंग है तो पक्का यह बुरी माँ होगी। इसे तो अपनी जॉब की फ़िक्र है बच्चों की कोई परवाह नहीं ऐसे बाते सिर्फ औरत को ही सुनती पड़ती है क्यूंकि औरत को अपने तरीके से ज़िन्दगी जीने का यहाँ कोई अधिकार नहीं है। 

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