Does thinking about ourselves make us selfish: दूसरों से पहले अपने बारे में सोचना कितना सही है? यह एक महत्वपूर्ण और विचारशील मुद्दा है। कुछ लोग कहते हैं कि हमें सबसे पहले खुद को समझना चाहिए, जबकि कुछ लोग यह मानते हैं कि हमें अपने बारे में सोचने की जगह दूसरों के बारे में सोचना चाहिए।
सबसे पहले, हमें यह समझना जरूरी है कि अपने बारे में सोचना क्यों महत्वपूर्ण है। हमारे व्यक्तित्व और स्वास्थ्य का ध्यान रखना हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण है। जब हम अपने बारे में सोचते हैं, तो हम अपने लक्ष्य, सपने और महत्वपूर्ण निर्णयों को स्पष्ट करते हैं। हमें अपने गुणों और दोषों का भी परिचय होता है, जिससे हम अपने अधिकारों और कमजोरियों को समझ सकते हैं।
लेकिन, क्या हमें सिर्फ अपने बारे में सोचना चाहिए? यहाँ पर यह भी महत्वपूर्ण है कि हम दूसरों के बारे में भी सोचें। दूसरों के साथ संवाद करना, उनकी जरूरतों को समझना, उनका समर्थन करना भी हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। अक्सर, हमें अपने आस-पास के लोगों के साथ अच्छे संबंध बनाने की जरूरत होती है।
क्या सच में खुद के बारे में सोचना गलत है?
अब, यह प्रश्न उठता है कि क्या दूसरों से पहले अपने बारे में सोचना गलत है? उत्तर साफ नहीं है। बहुत सारे लोग यह मानते हैं कि दूसरों से पहले अपने बारे में सोचना गलत है, क्योंकि इससे उनकी सोच, उनकी भावनाएं और उनकी आदतें प्रभावित हो सकती हैं। वे इसे 'अहंकार' या 'अभिमान' के रूप में देखते हैं जो एक नकारात्मक गुण हो सकता हैं।
कई बार हमें अपने लिए समय निकालने की आवश्यकता होती है, ताकि हम अपने विचारों और भावनाओं को समझ सकें। लेकिन, हमें यह ध्यान भी देना चाहिए कि हमें दूसरों के साथ भी समय बिताने की आवश्यकता है। हमें उनके साथ बातचीत करना, उनके बारे में जानना और उनके साथ आपातकालीन स्थितियों में सहायता करना चाहिए।
यह समझना बेहद ही महत्वपूर्ण है कि, सबसे अपने बारे में सोचना जरूरी है। यह हमें अपनी कमजोरीयों को समझने, उन्हें सुधारने और अच्छे बनने में मदद करता है। यह हमें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में मार्गदर्शन करता है और हमें अधिक सकारात्मक और सफल बनने में मदद कर सकता है।
अंत में यह समझना जरूरी है कि हर एक व्यक्ति का अपना अपना दृष्टिकोण होता है जीवन और लोगों को देखने का। कुछ लोगों को हमेशा दूसरों की मदद करके सुख मिलता है और कुछ लोग मानते हैं कि पहले खुद की मदद करनी चाहिए, फिर दूसरों की।