Early marriage the curse of girls life: छोटी उम्र में ही बच्ची की शादी करा देने से स्वास्थ्य में कमी, देखभाल में कमी, अनचाहा गर्भधारण और उस पर घरेलू काम का बोझ बढ़ सकता है। शादी ही क्या अगर किसी भी कार्य उसके निर्धारित समय से पहले कराया जाए तो उसके परिणाम लाभदायक नहीं होते। जब किसी लड़की की जल्दी शादी कर दी जाती है, तो वह नहीं जानती कि अपने बच्चों, यहां तक कि खुद का ख्याल कैसे रखा जाए।
वह उस छोटी सी उम्र में खाना बनाने,घर का सारा काम करने, ससुराल की जिम्मेदारी संभालने, इन सब कार्यों के योग्य नहीं होती। बाल विवाह के कारण लड़कियां शारीरिक और भावनात्मक रूप से तैयार होने से पहले ही सेक्सुअल कॉन्टैक्ट बना सकती हैं, जब उन्हें खुद ही अपनी सेक्सुअल लाइफ और हैल्थ के बारे में काफी कम जानकारी होती है। यह बेहद जरूरी है की हम इस समस्या को गंभीरता से लें और कोशिश करे इसे बदलने की, इस समस्या को जड़ से खत्म करने की।
कम उम्र शादी के नकारात्मक परिणाम
कम उम्र में शादी का लड़की के जीवन पर विनाशकारी प्रभाव पड़ता है। बाल विवाह उसके बचपन को छीन लेता है। लड़कियों को शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार होने से पहले ही सेक्सुअल कॉन्टैक्ट बनाने के लिए मजबूर किया जाता है। उन्हें शिक्षा, हैल्थ, सुरक्षा के अधिकारों से वंचित रखा जाता है।
शारीरिक और मानसिक परेशानियां
कम उम्र की प्रेगनेंसी, डिप्रेशन, इमोशनल ब्रेकडाउन इस तरह की काफी शारीरिक और मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
फैमिली प्रॉब्लम्स
वैवाहिक जीवन में असंतोष, ढेर सारी परिवारिक जिम्मेदारियों का बोझ,और फ्रीडम की कमी इन तरह की फैमिली प्रॉब्लम्स फेस करनी पड़ती है।
हैल्थ
बाल विवाह के दबाव में लाई गई लड़कियाँ अक्सर किशोरावस्था में ही गर्भवती हो जाती हैं, जिससे प्रेगनेंसी के टाइम कॉम्प्लिकेशंस बड़ जाती हैं।
डोमेस्टिक वायलेंस
अपने अधिकारों को न जानते हुए और इमैच्योरिटी के कारण कई लड़कियां घरेलू हिंसा की शिकार हो जाती है। कम उम्र में उनकी शादी करके उनसे बड़ो जैसा व्यवहार रखने की अपेक्षा करी जाती है।
लड़कियों की जिंदगी के इस अभिशाप को बदलना बेहद जरूरी है जिससे लड़कियां भी अपने जीवन को स्वंत्रत रूप से व्यतीत कर सकें।जरूरी नहीं की कोई और आपके लिए यह करेगा, जरूरी यह है की आप खुद अपने लिए आवाज उठाए,अपने अधिकारों की समाज रखें और अपने लिए समाज में खड़े होकर अपनी स्वतंत्रता प्राप्त करें। यह समझना बेहद जरूरी है कि अब हम महिलाएं खुद ही अपने अभिशाप को खत्म कर सकती हैं।