UP: प्रेमी से मिलने गई बेटी, पिता ने किया दोनों का कत्ल

ऐसी ही एक खबर यूपी के बदायूं जिले से आई है। पिता की तरफ से सुबह 4:00 बजे लड़की को अपने प्रेमी से मिलता हुआ देख लिया और गुस्से में आकर  दोनों को फावड़े से मार दिया। लड़की की उम्र 19 साल और लड़के की 20 साल बताई जा रही हैं। 

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Rajveer Kaur
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(Image Credit: Freepik)

Father Kills Daughter And Her Lover: भारतीय समाज में आज भी खुलेआम प्यार करने की आजादी नहीं है। हर दिन ऐसी घटनाओं के साथ सामना होता है जहां इसलिए कत्ल कर दिया जाता है क्योंकि दो लोग मर्जी से एक दूसरे को प्यार करते थे। महिलाओं की जब बात आती है तब मां-बाप बिल्कुल बेटी का अपनी मर्जी से किसी लड़के को मिलना बर्दाश्त नहीं कर पाते। इसका बड़ा कारण यह है कि लड़कियों को घर की इज्जत माना जाता है। आज भी बहुत सारे लोगों की ऐसी सोच है कि जब लड़की अपनी मर्जी से लड़के के साथ रिश्ता रखती है तब वह घर की इज्जत को दाव पर लगा रही है। जिस कारण बहुत सारे मां-बाप अपनी लड़कियों को इस फैसले के लिए मार भी देते हैं।

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UP: प्रेमी से मिलने गई बेटी, पिता ने किया दोनों का कत्ल

ऐसी ही एक खबर यूपी के बदायूं जिले से आई है। पिता की तरफ से सुबह 4:00 बजे लड़की को अपने प्रेमी से मिलता हुआ देख लिया और गुस्से में आकर दोनों को फावड़े से मार दिया। इसके बाद पुलिस स्टेशन में जाकर मर्डर वेपन के साथ खुद को पुलिस के हवाले कर दिया। लड़की की उम्र 19 साल और लड़के की 20 साल बताई जा रही है। 

बदायूं के एसएसपी ओपी सिंह ने बताया कि आरोपी का नाम महेश है। उसकी तरफ से रिश्तेदारों के साथ मिलकर अपनी बेटी और उसके प्रेमी की परौली में हत्या कर दी गई। अब पुलिस ने उसके खिलाफ आईपीसी सेक्शन्स के तहत FIR दर्ज कर ली है। इसके साथ ही शव को घटनास्थल से बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। जानकारी के मुताबिक दोनों एक ही जाति के थे। पुलिस की पूछताश में पता चला, "दोनों पिछले दो सालों से एक दूसरे को जानते थे। जब लड़की मंगलवार को सुबह 4:00 बजे अपने प्रेमी को मिलने के लिए घर से बाहर निकली तब पिता ने उन्हें रंगे हाथ पकड़ लिया और फावड़े के साथ मौत के घाट उतार दिया। लड़की के बॉयफ्रेंड का नाम सचिन था जो हिमाचल प्रदेश में काम करता था और 31 दिसंबर को घर आया था"। 

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झूठी इज्जत और समाज का डर

यह घटना बताती है कि कैसे अभी भी लोगों के मन में झूठी इज्जत को बनाए रखने का दबाव है। इसे बचाने के लिए वे किसी भी हद तक जा सकते हैं चाहे उन्हें कत्ल ही क्यों न करना पड़े। यह झूठी इज्जत उनसे उनके बच्चे ही छीन लेती है। वैसे तो इज्जत जैसा कुछ भी नहीं होता। हम सब समाज के बने हुए अच्छे और बुरे कामों की बनाई हुई लिस्ट में फंस जाते हैं जबकि सही और गलत हर व्यक्ति की सोच के हिसाब से है। एक व्यक्ति जिस चीज़ को सही मानता है वे दूसरे के लिए गलत हो सकती है। बचपन से ही हमारे अंदर समाज का डर बिठा दिया जाता है जो बढ़ती हुई उम्र के साथ इतना बढ़ जाता है कि हम समाज के बनाए हुए नियम और रीति रिवाज के खिलाफ जाने से डर जाते हैं।