Indian Weddings: 5 प्रथा जो शादियों में अब बंद कर देनी चाहिए

blog | opinion: हमें ऐसे कई रिचुअल्स को इग्नोर कर देते हैं लेकिन वास्तव में ध्यान दिया जाए तो इन रिचुअल्स को समाज से मिटाना कहीं ना कहीं जरूरी है। आइए जानते हैं शादी के दौरान निभाई जाने वाले कुछ ऐसी परंपरा के बारे में जिन्हे समाज से खत्म करना है जरूरी-

author-image
Vaishali Garg
New Update
शादी के बाद महिलाओं को अपने पेरेंट्स के साथ क्यों नहीं रहना चाहिए?

Indian Weddings

Indian Weddings: भारत में शादियां कई रीति-रिवाजों के साथ की जाती है। इसमें जूता छुपाई से लेकर अंगूठी ढूंढ़ने तक कई रस्मे की जाती है। यह देखने और सोचने में बेहद उत्साह पूर्वक लगती है लेकिन शादी के दौरान ऐसे कई रीति रिवाज भी फॉलो किए जाते हैं जो लड़का लड़की की असमानता को बढ़ावा देते हैं। पुराने समय में ऐसे कई रीती व रिवाजों को परफॉर्म किया जाता था। जैसे दामाद के पैर छूना, दहेज देना हालांकि, यह प्रथा आज भी चली आ रही हैं। जिन्हें कहीं ना कहीं इस समाज से मिटाने की जरूरत है। हमें ऐसे कई रिचुअल्स को इग्नोर कर देते हैं लेकिन वास्तव में ध्यान दिया जाए तो इन रिचुअल्स को समाज से मिटाना कहीं ना कहीं जरूरी है। आइए जानते हैं शादी के दौरान निभाई जाने वाले कुछ ऐसी परंपरा के बारे में जिन्हे समाज से खत्म करना है जरूरी।

5 प्रथा जो शादियों में अब बंद कर देनी चाहिए

Advertisment

1. दहेज प्रथा 

पेरेंट्स आजीवन अपनी बेटियों की शादी के लिए पैसे जमा करते हैं। वह चाहते हैं कि उनकी बेटी की शादी में किसी तरह की समस्या ना आए जिसके लिए वह लड़के वालों को जितना वह मांगते हैं उतना दहेज देते हैं। एक तरफ समाज को उनके लिए बुरा लगता है की अपने आजीवन जमा की हुई संपत्ति को अपनी बेटी की शादी में लगा देते है लेकिन यही समाज दहेज प्रथा को बढ़ावा भी देता है।

2. कन्यादान

शादी के बाद हम लड़के वालों के मुंह से सुनते हैं कि आपकी अमानत अब हमारी हुई लेकिन जिस बेटी को पाल पोस कर पढ़ा लिखा कर बड़ा किया हो उसको आप लड़के वालो को दान कर देते हैं इसलिए क्योंकि वह लड़की है और दूसरे के घर का कामकाज करेगी यह शर्म की बात है। कन्यादान का अर्थ गलत तरह इस्तेमाल करना भी गलत है।

3. मांगलिक रिवाज

Advertisment

हमारे समाज में कोई लड़का या लड़की मांगलिक होता है तो लड़की को दोष दिया जाता है। लड़की के मांगलिक होने का अर्थ है कि वह अपने साथ बेड लक लेकर आएगी। ऐसा होने पर लड़की की शादी किसी कुत्ते से या पीपल के पेड़ से कर दी जाती है। यह रिचुअल्स डबल स्टैंडर्ड को दर्शाते हैं।

4. पैर धुलाई

सबसे बदतर रिवाजों में से एक है पैर धोने की रिवाज। यह रीवाज लड़की के माता-पिता द्वारा निभाई जाती है वह अपने होने वाले दामाद के अपने हाथों से पैर धोते हैं। कोई भी सज्जन व्यक्ति अपने पैरों से अपने बड़ों का हाथ लगबाने को नहीं कहता। वह आपकी बेटी का पति होने वाला है केवल इसलिए आप उनके पैर धोते हैं।

5. पति का आशीर्वाद

शादी के रिवाज खत्म होने के बाद लड़की को पति के पैर छूने के लिए बोला जाता है क्योंकि वह अब पति परमेश्वर है। आज के दौर में लड़का वह लड़की को समानता के तौर पर देखा जाता है। तो आज भी क्यों लड़कों को भगवान माना जाता है? लड़का और लड़की में कोई अंतर नहीं है तो यह रिवाज लड़के को भी फॉलो करने चाहिए।

indian weddings weddings कन्यादान पति का आशीर्वाद